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फेफड़ों में बलगम बढ़ाते हैं ये आहार, जानें क्यों जरूरी है बलगम का कम होना और कैसे निकालें इसे बाहर

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कफ निकालने के उपाय balgam ka ilaj in hindi

बलगम एक लिसलिसा गाढ़ा पदार्थ होता है, जो फेफड़ों में पाया जाता है। शरीर में बलगम इसलिए बनता है ताकि ये बलगम आपके फेफड़ों में धूल कणों और बैक्टीरिया को जमने से बचाए और श्वसन तंत्र (रेस्पिरेटरी सिस्टम) की रक्षा करे। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में बलगम बढ़ जाता है, तो उसे कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। बढ़े हुए बलगम के कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही लगातार खांसी और नाक बहने की भी समस्या होती है। इसलिए शरीर में बलगम का बढ़ना सही नहीं है। आपको बता दें कि कोरोना वायरस भी सबसे पहले इसी रेस्पिरेटरी सिस्मट पर हमला करता है, जिससे शरीर में बलगम बढ़ने लगता है। यही कारण है कि कोरोना वायरस के मरीजों में भी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने के लक्षण देखे जाते हैं।

कुछ ऐसे आहार हैं जो शरीर में बलगम (म्यूकस) की मात्रा को बढ़ाते हैं। इनके ज्यादा सेवन से बलगम बढ़ेगा, तो व्यक्ति के कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ेगा। इसलिए एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए आपको इन फूड्स का सेवन कम करना चाहिए, ताकि बलगम न बढ़े और आपका शरीर वायरस से लड़ने के लिए तैयार रहे।

1. फल और सब्जियां

वैसे तो सभी फलों और सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व पाए जाते हैं और ये आपकी सेहत के लिए फायदेमंद भी होते हैं। मगर इनमें से कुछ चीजों का सीमित मात्रा में सेवन करना ठीक रहता है। आमतौर पर आलू, पत्ता गोभी, केला, मक्का और कॉर्न से बने दूसरे प्रोडक्ट्स आपके फेफड़ों में म्यूकस यानी बलगम को बढ़ा सकते हैं।

2. ब्रेकफास्ट के आहार

इसी तरह ब्रेकफास्ट में खाए जाने वाले कुछ आहार जैसे- ब्रेड, पास्ता, सीरियल्स, अंडे, योगर्ट, मक्खन (बटर), चीज़ और आइसक्रीम के ज्यादा सेवन से भी फेफड़ों में बलगम बढ़ता है। इसलिए इनका सेवन भी आपको कम मात्रा में करना चाहिए।

3. पेय पदार्थ 

कुछ पेय पदार्थ भी बलगम बढ़ाने के लिहाज से आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। आमतौर पर चाय, कॉफी, सोडा और शराब का सेवन आपके शरीर के लिए ज्यादा मात्रा में घातक माना जाता है। ये सभी पेय पदार्थ बलगम की मात्रा भी बढ़ाते हैं और शरीर की इम्यूनिटी घटाते हैं।

4. अन्य आहार

इन सभी चीजों के अलावा भी कई आहार हैं, जो आपका बलगम बढ़ा सकते हैं। इनमें लाल मांस (Red Meat), मीठी चीजें (sugary desserts) और सोयाबीन से बने प्रोडक्ट्स (soy products) आदि शामिल हैं।

क्या खाएं जिससे बलगम कम बने?

ऊपर बताई गई चीजों का सेवन छोड़ना चाहें तो छोड़ दें या कम खाना चाहें तो कम खाएं। इससे आपके शरीर में बलगम बढ़ने का खतरा कम होगा। लेकिन कुछ ऐसे आहार भी हैं, जो शरीर में बढ़े हुए बलगम को कम करने का कम करते हैं। इसलिए इन चीजों का सेवन आपको ज्यादा करना शुरू कर देना चाहिए।

1. फल और सब्जियां

विटामिन सी से भरपूर सभी खट्टे फल आपके शरीर में बलगम घटाते हैं और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। इसलिए आपको संतरा, मौसमी, नींबू, स्ट्ऱॉबेरी, बेरीज आदि का सेवन खूब करना चाहिए। इसके अलावा हरी सब्जियां, पत्ते वाली सब्जियां, टमाटर आदि का सेवन भी खूब करें क्योंकि इनमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो बंद श्वसन नली को खोलने का काम करते हैं।

2. खूब पानी पिएं

इन चीजों के सेवन के अलावा म्यूकस (बलगम) को बढ़ने से रोकने का सबसे आसान, सबसे ज्यादा कारगर और सबसे किफायती तरीका यह है कि आप खूब पानी पीजिए। पानी आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। इसके साथ ही बलगम को भी तरल बनाकर धीरे-धीरे अलग-अलग रास्तों से शरीर से बाहर करता रहता है। पानी पीने की आदत आपके पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।

क्या रात के समय खानी चाहिए दाल? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

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भारतीय थाली में दाल सबसे प्रमुख आहार माना जाता है। दाल, चावल, रोटी और सब्जी में सभी तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दाल में प्रोटीन की प्रचुरता होती है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इसके सेवन से आपका पेट काफी जल्दी भर जाता है। लेकिन कुछ लोगों को दाल का सेवन करने से परेशानी होती है। इसकी वजह दाल खाने का समय सही ना होना होता है। अगर आप गलत समय पर दाल का सेवन करते हैं, तो कई तरह की परेशानी हो सकती है। आइए जानते हैं किस समय दाल खाने का क्या सही समय है?

आयुर्वेद में दाल खाने का क्या है नियम?

आयुर्वेद में भोजन के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। जिसे शरीर के प्रकृति दोष के आधार पर बनाया गया है। आप जो भी कुछ खाते हैं, उससे आपके शरीर की प्रकृति भी प्रभावित होती है। खाने का असर हमारे वात, कफ औप वित्त पर पड़ता है। गलत खानपान से ये सभी दोष बढ़ सकते हैं। हर एक खाने की तासीर अलग होती है, जब आप कुछ हैवी या फिर अनाज खाते हैं, तो इसे पचाने में वक्त लगता है, जो आपके डायजेस्टिव सिस्टम के लिए समस्या बन सकती है। रात के समय हमेशा हल्के आहार का सेवन करना चाहिए। इस समय हैवी आहार लेने से आपके पेट पर बुरा असर पड़ता है।

क्या रात के समय खाना चाहिए दाल?

आयुर्वेद एक्सपर्ट बताते हैं कि रात के समय हमेशा हल्के आहार का सेवन करना चाहिए। दाल का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन रात के समय दाल खाने से आपको अपच की शिकायत हो सकती है। रात में कभी भी अहरहर, तुअर, मटर जैसे दाल का सेवन ना करें। इससे पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है।

इन चीजों का भी ना करें रात में सेवन

चीनी

वैसे तो चीनी का सेवन किसी भी समय करने से सेहत के लिए नुकसानदेय ही होता है। क्योंकि चीनी आपके इंसुलिन लेवल पर असर डाल सकता है। लेकिन रात के समय खासतौर पर शक्कर का सेवन ना करें। इससे आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और नींद नहीं आती है। अगर आपको रात में कुछ मीठा खाने की आदत है, तो इस खराब आदत को तुरंत बदलें।

चावल

कई लोगों के मन में चावल को लेकर भी सवाल होते हैं कि रात में इसका सेवन करें या नहीं? एक्सपर्ट के मुताबिक, रात में चावल का सेवन करना चाहिए। लेकिन कम मात्रा में। चावल एक ऐसा आहार है, जो आसानी से पच जाता है। लेकिन दाल के साथ इसका सेवन ना करें।

दही

दही खाने का सबसे उचित समय दोपहर माना गया है। लेकिन रात में इसका सेवन ना करें। इससे सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ सकती है। इसके साथ ही दही में नमक डालकर इसका सेवन करने से बचें।

फैटी लिवर की समस्या में बहुत फायदेमंद है इन 5 जूस का सेवन

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लीवर साफ करने के तरीके liver saaf karne ke tarike in hindi

हमारे शरीर में लिवर का काम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी माना जाता है। लिवर (Liver) शरीर का दूसर सबसे बड़ा अंग होता है और इसका काम शरीर में सभी खाद्य पदार्थों से फायदेमंद पोषक तत्वों को अवशोषित करना भी होता है। लिवर शरीर में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट जैसे सभी पोषक तत्वों का प्रबंधन करता है। स्वस्थ शरीर के लिए लिवर का स्वस्थ रहना सबसे महत्वपूर्ण होता है। लिवर का स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से शरीर में लिवर से जुड़ी बीमारी और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर हो सकता है। लिवर ही शरीर का वह अंग है जो मुख्यता से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को अवशोषित कर उन्हें बहार निकालने का काम करता है। लिवर प्रतिरक्षा प्रणाली, पाचन तंत्र और विषहरण प्रणाली को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के दौर में अंसतुलित खानपान और कई अन्य कारणों की वजह से लिवर से जुड़ी समस्याएं अक्सर लोगों में देखी जाती है। लिवर में होने वाली सबसे प्रमुख समस्या फैटी लिवर (Fatty Liver Problem) की होती है। इस समस्या से बचने के लिए आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। लिवर के लिए फायदेमंद पदार्थों का सेवन करने से इस बीमारी से बचने में फायदा मिलता है। आइए जानते हैं फैटी लिवर की समस्या में फायदेमंद 5 जूस (Detox Juices to Relieve Fatty Liver Problem) के बारे में जिनका सेवन लिवर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

फैटी लिवर की समस्या (Fatty Liver Problem)

फैटी लिवर की समस्या को हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहा जाता है। यह स्थिति लिवर में अतिरिक्त फैट जमा होने की वजह से होती है। लिवर में कम मात्रा में फैट होना सामान्य माना जाता है लेकिन जब आपके लिवर में फैट की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसकी वजह से कई दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। चूंकि लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और दूसर सबसे बड़ा अंग होता है और यह भोजन और पेय पदार्थों से पोषक तत्वों को संसाधित करने का काम करता है। इसलिए इसका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी होता है। लिवर में अधिक मात्रा में फैट जमा होने के कारण लिवर में सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है और इसके अधिक होने पर लिवर फेलियर का भी खतरा रहता है।

फैटी लिवर के कारण

Causes of Fatty Liver Problem

फैटी लिवर की समस्या तब होती है जन हमारे शरीर में फैट की मात्रा बढ़ती है और शरीर फैट को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाता है। इस स्थिति में अतिरिक्त फैट लिवर की कोशिकाओं में जमा हो जाता है और इसकी वजह से फैटी लिवर की समस्या शुरू होती है। इसके पीछे खानपान और शारीरिक स्थिति के कई कारण हो सकते हैं। फैटी लिवर की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

मोटापा
शराब का अधिक सेवन
ब्लड शुगर की अधिकता
इंसुलिन प्रतिरोध
ट्राइग्लिसराइड्स
गर्भावस्था
तेजी से वजन घटाना
हेपेटाइटिस सी
दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव
विषाक्त पदार्थों का सेवन

फैटी लिवर की समस्या में फायदेमंद 5 जूस

5 Detox Juices to Relieve Fatty Liver Problem

फैटी लिवर की समस्या होने पर व्यक्ति कई दूसरी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। लिवर में अधिक मात्रा में फैट जमा होने की वजह से इसमें सूजन शुरू हो जाती है और इसकी वजह से लिवर सही तरीके से काम नही कर पाता है। इस समस्या में लिवर को फायदा पहुंचाने वाले इन 5 तरह के जूस का सेवन करना चाहिए।

1. चुकंदर का जूस (Beetroot Juice)

चुकंदर का जूस लिवर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें शरीर और लिवर के लिए फायदेमंद पोटेशियम, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। चुकंदर में खून को साफ करने वाले यौगिक भी मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं, यह शरीर को लिवर कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों से बचाने के लिए भी फायदेमंद होता है। इस जूस का और अधिक लाभ पाने के लिए आप इसमें चुकंदर के साथ कुछ अन्य सब्जियां व फल भी मिला सकते हैं। इस लिवर डिटॉक्स ड्रिंक के नियमित सेवन से लिवर मजबूत और स्वस्थ होता है।

आवश्यक सामग्री

1 चुकंदर (कटा हुआ)
2 बड़े चम्मच नींबू का रस
1 गिलास पानी

बनाने का तरीका

एक ब्लेंडर में चुकंदर, नींबू का रस और पानी डालें।
कुछ देर के लिए इसे अच्छी तरह से ब्लेंड करें।
अच्छी तरह से ब्लेंड हो जाने के बाद इसे गिलास में छान लें।

पीने का तरीका

इस जूस का सेवन सुबह खालीपेट 7 दिनों के लिए करें, इससे लिवर की समस्या में फायदा मिलेगा।

2. तरबूज का जूस (Watermelon Juice)

तरबूज के जूस का नियमित रूप से सेवन सिर्फ लिवर ही नहीं पूरे शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस जूस में कैलोरी की मात्रा बिल्कुल कम होती है और इसका सेवन शरीर को हाइड्रेट आयर तरोताजा रखने के लिए किया जाता है। तरबूज के जूस का सेवन फ्री रेडिकल डैमेज और लिवर की बीमारियों में फायदेमंद होता है।

आवश्यक सामग्री

2 कप तरबूज (मोटे तौर पर कटा हुआ)
1 लीटर पानी
2 टहनी मेंहदी

मेंहदी की टहनी को छोड़कर सभी सामग्री को ब्लेंडर में डालें।
मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें।
अब इसके बाद मेंहदी की टहनी डालें।
जूस तैयार करने के बाद इसे 20 मिनट तक फ्रिज में ठंडा करें।

पीने का तरीका

3 दिनों के लिए हर दिन 4 से 6 घंटे बाद इसका सेवन करें।

3. संतरे का जूस (Orange Juice)

क्या आप जानते हैं कि संतरे का रस लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है और लिवर की पुरानी बीमारी को दूर करता है? संतरे में पोटेशियम और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है जो आपके लिवर की कोशिकाओं को विषाक्त पदार्थों के नुकसान से बचाती है। संतरे के इस इस डिटॉक्स ड्रिंक के नियमित सेवन से शरीर को तमाम फायदे मिलते हैं।

आवश्यक सामग्री

1 कप संतरे का रस निचोड़ा हुआ
कद्दूकस किया हुआ 1 छोटा चम्मच अदरक
2 गिलास पानी

बनाने का तरीका

2 गिलास पानी में संतरे का रस और अदरक डालें।
अब इसे अच्छी तरह से मिला लें।
लगभग 15 से 20 मिनट तक इसे रख दें।
उसके बाद इसका सेवन करें।

पीने का तरीका

इस जूस का सेवन रोजाना सुबह खालीपेट 3 दिन तक करने से लिवर की समस्याओं में फायदा मिलता है।

4. नींबू का जूस (Lemon Juice)

शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए नींबू का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। नींबू में चीनी की मात्रा कम और शरीर को शुद्ध करने वाले पदार्थ अधिक होते हैं, इसलिए नींबू जूस का सेवन आपके लिवर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आप नींबू के रस में हल्दी भी मिला सकते हैं ताकि इसके सूजन-रोधी लाभ मिल सकें और लिवर को डिटॉक्स कर सकें।

आवश्यक सामग्री

2 छिले हुए नींबू
1 चम्मच शहद
आधा चम्मच हल्दी

बनाने का तरीका

छिलके वाले नींबू को जूसर में डालें।
अब इस जूस को गिलास में डालें और इसमें शहद और हल्दी डालें।
इसे फ्रिज में ठंडा करके या बर्फ के साथ मिलकर पियें।

पीने का तरीका

इस जूस का सेवन रोजाना सुबह लगातार 5 दिन तक करें, लिवर की समस्या में यह बहुत फायदेमंद होता है।

5. गाजर का जूस (Carrot Juice)

आसानी से उपलब्ध होने वाली सब्जी, गाजर जो आपके लिवर को साफ और स्वस्थ रखने में बेहद फायदेमंद मानी जाती है। गाजर शरीर के लिए बेहद फायदेमंद सब्जी में से एक है। इसका सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। गाजर में रेटिनोइक एसिड होता है जो लिवर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

आवश्यक सामग्री

5 से 6 साफ और स्वस्थ गाजर
1 नींबू
2 स्लाइस अदरक

बनाने का तरीका

सबसे पहले गाजर और अदरक को छीलकर साफ कर लें।
फिर इन्हें एक साथ मिलाकर ब्लेंड करके इसका जूस तैयार करें।
अब इसमें नींबू का रस मिलाएं।

पीने का तरीका

गाजर के रस का कम से कम 7 दिनों के लिए रोजाना सुबह सेवन करना लिवर के लिए फायदेमंद होता है।

स्टेमिना बढ़ाने के लिए रोज पिएं कलौंजी वाला दूध, जानें बनाने का तरीका और 5 फायदे

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कलौंजी गहरे काले रंग के छोटे-छोटे बीज होते हैं, जिनका इस्तेमाल सब्जी, सलाद, पराठे, पुलाव और अचार आदि में किया जाता है। बहुत से लोग कलौंजी का तेल बना कर बालों को काला करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। तो, कुछ लोग इसे स्क्रब की तरह इस्तेमाल करते हैं। पर सबसे ज्यादा फायदा कलौंजी को कूट कर इसका पानी पीने से या दूध में मिला कर पीसे से होता है। बात अगर कलौंजी के दूध की करें तो ये शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। ये पुरुषों से लेकर महिलाओं तक की कई परेशानियों का रामबाण इलाज बन सकता है। इसके अलावा इसके सेवन से शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम, ऑयरन, कॉपर, फास्फोरस और फोलिक एसिड। तो, आइए जानते हैं शरीर के लिए कलौंजी वाला दूध पीने के फायदे (Kalonji doodh health benefits) और इसे बनाने का तरीका।

कलौंजी वाला दूध पीने के फायदे

kalonji doodh ke fayde

1. स्टेमिना बढ़ता है

कलौंजी वाला दूध आपकी स्टेमिना बढ़ाने में तेजी से मदद कर सकता है। दरअसल, कलौंजी जब दूध के साथ मिलता है तो इनकी न्यूट्रिशल वैल्यू बढ़ा देता है। साथ ही इसके और दूध के कैलोरी मिल कर शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देने में मदद करते हैं। इसके अलावा कलौंजी में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जो कि शरीर में खून की कमी को दूर करता है और कमजोरी को कम करता है।

2. इम्यूनिटी बूस्टर है

कलौंजी वाला दूध इम्यूनिटी बूस्टर है। दरअसल, कलौंजी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो कि आपको मौसमी बीमारियों से बचाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही इसमें जिंक होता है जो कि इम्यून सेल्स को मजबूत करने में मदद करते हैं और बैक्टीरियल व वायरल बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। इसलिए सर्दी-जुकाम होने पर आपको कलौंजी वाला दूध पीने की कोशिश जरूर करनी चाहिए।

3. वेट लॉस में मददगार

कलौंजी वाला दूध वजन घटाने वालों के लिए भी मददगार है। दरअसल, कलौंजी मेटाबोलिज्म को सही रखता है और इसे तेज बनाता है। मेटाबोलिज्म के तेज होने से शरीर में फैट जल्दी से पच जाता है जिससे तेजी से वजन घटाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा कलौंजी वाला दूध पीने का एक फायदा ये भी है कि ये पेट को भी साफ रखता है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती।

4. पुरुषों के लिए फायदेमंद

कलौंजी वाला दूध पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे पीने से पुरुषों में कमजोरी दूर हो जाती है।

5. महिलाओं के लिए फायदेमंद

प्रेग्नेंसी के दौरान कलौंजी वाला दूध पीने से महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसके कारण महिलाओं में खून की कमी नहीं होती साथ ही इसका कैल्शियम बच्चे के हड्डियों के विकास में मदद करता है। कलौंजी की खास बात ये है कि ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ब्लड प्रेशर को भी हेल्दी रखने में मदद करता है जो कि प्रेग्नेंसी के दौरान, इससे पहले और बाद में भी हेल्दी रहना जरूरी है। इसके अलावा पीरियड्स में दर्द या पीएमएस जैसी प्रॉब्लम में भी कलौंजी वाला दूध बहुत फायदेमंद है।

कलौंजी वाला दूध कैसे बनाएं

kalonji doodh recipe

साम्रगी

-कलौंजी
-दूध
-गुड़

कलौंजी वाला दूध बनाने के लिए कलौंजी में छोटा सा गुड़ डाल कर इस कूट लें। अब दूध गर्म करें और उसमें इसे मिला लें। अब सोने से पहले इसे पिएं और सो जाएं।

कलौंजी वाले दूध के कई फायदे और भी हैं। जैसे कि ये खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा इसका एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरियल इंफेक्शन को भी कम करने में मदद करता है जिससे कि कई बार लोगों को स्किन इंफेक्शन की भी समस्याएं हो जाती हैं। साथ ही कलौंजी वाले दूध के रेगुलर सेवन से आपके आंखों का स्वास्थ्य, स्किन का स्वास्थ्य और बालों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। हालांकि, अगर आपको कलौंजी वाला दूध नहीं पसंद तो, आप कलौंजी का पानी भी पी सकते हैं।

कद्दू की सब्जी ही नहीं, इसके फूल में भी है कई चमत्‍कारी गुण, जानें इसके फायदे

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कद्दू की सब्जी एक ऐसा व्यंजन है जिसका सेवन भारत में खूब किया जाता है। कद्दू का इस्तेमाल हम सभी ने कभी न कभी किया ही होगा। कद्दू के फल की सब्जी को कई तरह से डाइट में शामिल किया जाता है। कई जगहों पर कद्दू को सीताफल के नाम से भी जानते हैं। कद्दू के फल और उसके पत्तों का साग भी लोग खूब खाते हैं और ये सेहत के लिए फायदेमंद भी माने जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कद्दू के फल और उसके पत्तों के अलावा कद्दू के फूल (Pumpkin Flower) का भी सेवन किया जाता है। जी हां, कद्दू के फूलों का सेवन भी उसकी सब्जी से कम फायदेमंद नहीं होता। नारंगी और पीले रंग का कद्दू का फूल सेहत के लिए वरदान माना जाता है। क्षेत्रीय व्यंजनों में कई जगह खासकर उत्तर भारत में इसका खूब इस्तेमाल होता है। कद्दू के फल की सब्जी की तरह ही इसके फूलों से भी कई तरह की डिश तैयार की जाती है। आइए जानते हैं कद्दू के फूलों का सेवन किस तरह से हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है और इसे अपनी डाइट में कैसे शामिल करें?

कद्दू के फूल का सेवन करने के फायदे

Health Benefits of Pumpkin Flower

कद्दू के फूल भी उसकी सब्जी की तरह सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। कद्दू के फूलों देखने में जितने ही सुंदर दिखते हैं सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद भी होते हैं। कद्दू के फूलों में कैल्शियम और फॉस्फोरस के साथ ही विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। कद्दू की सब्जी की तरह ही कद्दू के फूलों का सेवन कई बीमारियों से लड़ने में हमारे शरीर की मदद भी करता है। आइए जानते हैं कद्दू के फूलों के सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में।

1. फंगल इन्फेक्शन में काफी फायदेमंद 

कद्दू के फूलों का सेवन करने से शरीर में बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन की समस्या में फायदा होता है। बारिश के मौसम में अक्सर बैक्टीरिया और इन्फेक्शन का खतरा रहता है ऐसे में इस मौसम में कद्दू के फूलों का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। इसके आलावा इस फूल का सेवन करने से कई तरह की संक्रमणजनित समस्याओं में भी फायदा मिलता है।

2. कोल्ड और कफ की समस्या में कद्दू के फूल का सेवन

कोल्ड और कफ की समस्या में भी कद्दू के फूलों का सेवन बेहद उपयोगी माना जाता है। कद्दू के फूल का सेवन हमारे शरीर की इम्यूनिटी को ठीक करने का काम करता है, इससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। कद्दू के फूलों में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। कोल्ड और कफ की समस्या से बचने के लिए आप कद्दू के फूल को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

3. पाचन को बेहतर बनाने में फायदेमंद

कद्दू के फूलों का सेवन शरीर के पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाता है। इसके सेवन से हमारे शरीर का पाचन तंत्र बेहतर होता है। चूंकि कद्दू के फूलों में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है इसलिए इसका सेवन पाचन तंत्र के लिए महत्वपूर्ण होता है। कद्दू के सेवन से पेट में भारीपन, अपच और कब्ज जैसी समस्या भी दूर हो सकती है। यही वजह है कि इसका सेवन भारत में प्राचीन काल से ही किया जा रहा है।

4. आंखों के लिए बेहद फायदेमंद कद्दू का फूल

कद्दू के फूल का सेवन आंखों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। कद्दू के फूल में विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा होती है जो आंखों की रोशनी बेहतर करने के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है। अगर आप नियमित रूप से कद्दू के फूलों का सेवन करते हैं तो इससे आंखें और उनकी रोशनी तेज और स्वस्थ रहती हैं। इसके अलावा कद्दू के फूलों का सेवन करने से ड्राई आंखों की समस्या में भी फायदा मिलता है। आंखों में नमी बरकरार रखने के लिए इसका सेवन बेहद उपयोगी होता है। नियमित रूप से कद्दू के फूलों का सेवन रतौंधी (रात में कम दिखने की समस्या) में भी फायदेमंद होता है।

5. हड्डियों के लिए फायदेमंद है कद्दू का फूल

कद्दू के फूल का सेवन हड्डियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। कद्दू के फूल में कैल्शियम और फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जिसका सेवन हड्डियों के लिए जरूरी होता है। कद्दू के फूलों में पाया जाने वाला फॉस्फोरस दांतों और हड्डियों के रखरखाव के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। इसके अलावा कद्दू के फूलों में मौजूद कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने का काम करता है। इसका नियमित सेवन दांतों और मसूढ़ों के लिए भी फायदेमंद होता है। कद्दू के बीज की तरह ही इसके फूलों का सेवन भी दांतों और मसूढ़ों के इनेमल के स्वास्थ्य को फायदा देता है। जानकारों के मुताबिक इसका सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी में भी फायदा मिलता है।

कद्दू के फूलों को डाइट में कैसे करें शामिल?

How to Include Pumpkin Flower in Your Diet?

कद्दू के फूलों को आप कई तरीके से अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। भारत में कद्दू के फूलों की पकौड़ी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। कद्दू के फूलों में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा फायदा लेने के लिए आप इसे इन तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

1. कद्दू के फूलों की पकौड़ी बनाक्र आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप सबसे पहले कद्दू के कुछ फूलों को लेकर अच्छी तरह से साफ कर लें। उसके बाद इसमें पकौड़ी बनाने के लिए बेसन का घोल लगाकर हल्की आंच में तल लें। इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए आप अपने हिसाब से इसमें मसालों का प्रयोग कर सकते हैं।

2. दक्षिणी भारत की कई जगहों पर इसका लोकप्रिय व्यंजन मथापू थोरन के नाम से जाना जाता है। इसे बनाने के लिए सरसों, लाल मिर्च, कसा हुआ नारियल, हल्दी पाउडर, करी पत्ता और जीरा आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए कद्दू के फूलों को लेकर इसमें ये सभी सामग्री मिलाने के बाद इसे तेल में तला जाता है।

3. कद्दू के फूलों को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए आप इसका साग भी बना सकते हैं। पारंपरिक रूप से साग बनाने के तरीके से ही कद्दू के फूलों का साग भी तैयार किया जा सकता है।

4. बेक्ड स्टफ्ड कद्दू का फूल, इस व्यंजन को अमेरिका में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसे तैयार करने के लिए कद्दू के फूलों में अंडे का मिश्रण भरा जाता है और फिर इसे बंद करके ब्रेड क्रुम्ब्स के मिश्रण में डुबोया जाता है। और फिर इसे लगभग 10 मिनट के लिए बेक करने के बाद इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

आटे के साथ गेहूं के चोकर को भी करें डाइट में शामिल, जानें चोकरयुक्त आटा खाने के फायदे

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भारत में गेंहूं के आटे की रोटियां मुख्य रूप से खाई जाती हैं। लेकिन ज्यादातर लोग सफेद और मुलायम रोटी के चक्कर में गेंहूं का चोकर निकाल देते हैं। गेंहूं का चोकर या छिलका फाइबर से भरपूर होता है। चोकरयुक्त आटा खाने से आपकी सेहत को ढेर सारे फायदे मिल सकते हैं। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की डाइटिशियन डॉ अदिति शर्मा के अनुसार गेहूं के चोकर का सेवन कोलन बीमारी (कैंसर सहित), पेट का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गॉलब्लैडर, हर्निया आदि रोगों से बचाता है। यही नहीं ये कब्ज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, व टाइप 2 शुगर को ठीक करने में भी लाभदायक है। गेहूं के चोकर में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं।

चोकर में मौजूद पोषक तत्व ( Nutritional Value)

60 कैलोरीज़ एनर्जी
1.2 ग्राम फैट
0.2 ग्राम सैचुरेटेड फैट
4.4 ग्राम प्रोटीन
17.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
12.4 ग्राम डाइट्री फाइबर
3.5 एमजी नियासिन
0.14 एमजी थियामिन
342 एमजी पोटैशियम
0.3 एमजी विटामिन बी 6
0.14 एमजी राइबोफ्लेविन

गेंहूं का चोकर खाने के फायदे

फाइबर से होता है भरपूर :

अगर आप फाइबर के किसी ऐसे स्रोत को ढूंढ रहे हैं जो आपको इनसोल्युबल फाइबर प्रदान कर सके तो गेहूं का चोकर उसके लिए एकदम सही है। यह आपके पाचन तंत्र के अंदर अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ाते हैं जिससे आपका पाचन अच्छे से हो पाता है। आपकी सेहत भी बढ़िया रह पाती है।

कब्ज से दिलाता है छुटकारा :

कब्ज के लिए गेहूं के चोकर से बेहतर कोई उपचार नहीं है। अगर आप कब्ज से जूझ रहे हैं तो आपको रोजाना एक से दो चम्मच इसका सेवन करना चाहिए। आपको जरूर ही राहत मिलेगी। गेहूं के चोकर के सेवन के साथ साथ आपको ढेर सारा पानी भी पीते रहना है।

आपको लंबे समय तक भर पेट रखता है :

गेहूं के चोकर के सेवन करने से आपकी एनर्जी बढ़ती है। आप काफी देर तक भर पेट रह पाते हैं। जिस कारण आप ज्यादा खाने से और ओवर ईटिंग करने से बच सकते हैं। गेहूं के चोकर का सेवन करना वजन कम करने में भी लाभदायक रह सकता है।

प्रोटीन का भंडार है ये :

अगर आप शाकाहारी हैं तो आपके पास प्रोटीन के केवल गिने चुने ही स्रोत बाकी रह जाते हैं। उन्हीं में से एक है गेहूं का चोकर। इसलिए अगर आप प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पूरी करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में गेहूं के चोकर को जरूर शामिल करें।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में सहायक :

गेहूं के चोकर में मौजूद नियासिन की हाई मात्रा के कारण आपका बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो सकता है। इससे आपके हृदय की सेहत भी स्वस्थ रहेगी और आप काफी सारे हृदय से जुड़े रोगों से खुद को बचा सकेंगे।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक :

अगर आपका भी बीपी बढ़ता है तो आपको गेहूं के चोकर को अपनी डाइट में जरूर शामिल कर लेना चाहिए। क्योंकि इसमें पोटेशियम मौजूद होता है। जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में लाभदायक होता है।

मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत :

गेहूं का चोकर मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत होता है। मैग्नीशियम के लाभ तो हम सब ही जानते हैं कि यह आपके हृदय और नर्व को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही आपकी हड्डियों और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। अच्छी बात तो यह है कि आपके दैनिक जरूरत की मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा आप गेहूं के चोकर से ही पूरी कर सकते है।

गेहूं का चोकर भी गेहूं जितना ही लाभदायक होता है। यहां तक कि यह आपको गेहूं से भी अधिक लाभ देने में सक्षम होता है। आप इसे कई तरह से खा सकते हैं जैसे आप इसका ग्रेनुला बना सकते हैं या फिर आप नॉर्मल गेहूं से बनने वाली रोटी को गेहूं के चोकर से बनी रोटी के साथ बदल सकते हैं। यह आपकी सेहत में एक दिखने वाला अंतर ला सकता है इसलिए आप एक बार तो इसका ट्राई जरूर कर सकते हैं।

रोजाना बिना चीनी की चाय पीने से मिलते हैं ये 5 फायदे, सिर्फ शुगर मरीज नहीं सबके लिए है फायदेमंद

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चाय के बिना हम अपनी सुबह की कल्पना भी नहीं कर सकते। दूध वाली चाय ज्यादातर घरों की पहली चाय होती है। पर इसके कुछ नुकसानों के कारण आज कल लोग इससे परहेज कर रहे हैं। पर आज हम आपको एक ऐसा उपाय बनाएंगे कि आपको अपनी सुबह की चाय छोड़नी भी नहीं होगी और आपकी ये चाय आपके शरीर के लिए भी हेल्दी होगी। जी हां, हम बात बिना चीनी की चाय (tea without sugar calories) की कर रहे हैं। बिना चीनी की चाय पीने से आप वजन बढ़ने, गैस और ब्लॉटिंग आदि की परेशानियों से भी बच सकते हैं। इसके अलावा बिना चीनी की चाय पीने के कई फायदे और भी हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। तो, आइए जानते हैं बिना चीनी की चाय पीने के फायदे (Milk tea without sugar benefits) और फिर जानेंगे बिना चीनी की चाय कैसे बनाएं।

बिना चीनी की चाय पीने के फायदे

Milk tea without sugar benefits

1. गैस की समस्या से निजात

बिना चीनी की चाय पीने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि जिन लोगों को चाय पीते ही गैस की समस्या होती है उनकी ये समस्या इससे दूर हो सकती है। दरअसल, दूध वाली चाय में जब आप चीनी मिलाते हैं, तो ये एसिड रिफ्लक्स (GERD) का कारण बन सकता है। पर जब आप बिना चीनी की चाय पीते हैं, तो ये आसानी से पच जाता है। हालांकि, बिना चीनी की चाय में अगर आप दूध थोड़ा सा ज्यादा डालें या शुद्ध शहद मिला लें तो ये पेट के लिए भी फायदेमंद होगा।

2. वजन नहीं बढ़ता

चीनी वाली चाय को लेकर ज्यादातर लोगों की शिकायत यही होती है कि इसमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ये वजन बढ़ा सकता है। पर जब आप बिना चीनी वाली चाय पीते हैं तो इसमें एक बड़ी मात्रा में कैलोरी की मात्रा कम हो जाती है जिससे वजन नहीं बढ़ता। एक कप चाय भूख को दूर कर सकती है, और आप चाय के लिए अपने दैनिक शक्कर की मात्रा को कम करें, तो आप 250 से 450 कैलोरी बचा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि आहार और व्यायाम के साथ भी आप नियमित रूप से ये वाली चाय पी सकते हैं।

3. सूजन कम करता है

चीनी लिवर में फैटी एसिड के उत्पादन को उत्तेजित करती है। जब शरीर इन मुक्त फैटी एसिड को पचाता है, तो परिणाम में इंफ्लेमेशन यानी कि शुगर को ट्रिगर कर सकता है। विभिन्न प्रकार की चीनी सूजन में कम या ज्यादा करने में योगदान कर सकती हैं। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना बिना चीनी की चाय पिएं। इसके अलावा अगर आपके शरीर में सूजन की परेशानी हो जाती है तो, सूजन कम करने के लिए चाय में हल्की हल्दी, दानचीनी और लौंग डालें। इनका एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करेगा।

4. डायबिटीज से बचाएगा

डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर एक काल की तरह है। ऐसे में अगर आपको डायबिटीज से बचना है तो रोजाना बिना शुगर वाली चाय पिएं। दरअसल, अगर आप रोज सुबह शुगर वाली चाय पीते हैं तो, शुगर आपके खून में मिल जाएगा और ब्लड शुगर को बढ़ाएगा। धीमे-धीमे ये आदत आपको डायबिटीज टाइप-2 की शिकार बना लेगी जिसे समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो आपको पूरी तरह से डायबिटीज के मरीज बन जाएंगे।

5. पीएच लेवल सही रहेगा

हमारे पेट का अपना एक माइक्रोबायोम है। इसका एक अपना पीएच है जो कि असंतुलित होने पर शरीर में कई परेशानियों का कारण बनता है। ऐसे में चीनी वाली चाय आपके पेट के माइक्रोबायोम को प्रभावित कर इसके पीएच को असंतुलित कर सकता है। पीएच असंतुलित होने से पेट के अस्तर में एसिड प्रोडक्शन ज्यादा हो सकता है जिससे पेप्टिक अलसर की बीमारी, एसिडिटी, बदहजमी, ब्लॉटिंग औ कब्ज आदि की समस्या भी हो सकती है।

बिना चीनी की चाय कैसे बनाएं

बिना चीनी की चाय बनाने का हेल्दी तरीका ये है कि चाय में दूध की थोड़ी ज्यादा डालें। फिर इसमें दालचीनी, लौंग और अदरक आदि डाल लें। अगर कुछ ना हो तो बस अदरक या फिर इलायची डाल कर चाय बना लें। इसे पीने शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होगी और साथ ही आपको एसिडिटी की समस्या नहीं होगी। साथ ही इसे पीना सर्दी-जुकाम में भी फायदेमंद होगा।

बिना चीनी की चाय अगर आपको स्वाद में ना पसंद आए तो, आप इसमें गुड़ या फिर शहद भी मिला सकते हैं। इससे आपको पेट से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं होगी और आप ऐसी चाय कभी भी पी सकते हैं। पर कोशिश करें कि चाय दिन में 2 बार से ज्यादा ना पिएं।

इन 4 समस्याओं वाले लोगों को नहीं खाना चाहिए मखाना, सेहत को हो सकता है नुकसान

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अच्छी सेहत के लिए स्वस्थ और संतुलित खानपान होना बहुत जरूरी है। लेकिन इसके साथ ही कब और कितनी मात्रा में किन चीजों का सेवन फायदेमंद होता है ये भी जानना बहुत जरूरी है। सही समय पर उचित चीजों का सेवन शरीर को पर्याप्त पोषण देता है और कई समस्याओं से बचाता भी है। बात जब सेहत के लिए फायदेमंद चीजों की हो और मखाना का नाम न लिया जाये ऐसा नहीं हो सकता है। मखाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। भारत में आमतौर पर लोग इसका सेवन उपवास के दौरान भी करते हैं। खाने के अलावा इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ के दौरान हवन में भी किया जाता है। मखाना शरीर के लिए फायदेमंद तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसका औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाने वाले मखाने का सेवन अगर सही ढंग से नहीं किया तो आपको कई समस्याएं भी हो सकती है। कुछ हेल्थ कंडीशन में मखाने का सेवन नुकसानदायक होता है। आइये जानते हैं इनके बारे में।

मखाने में मौजूद पोषक तत्व (Nutritional Value of Makhana)

मखाना जिसे कमल का बीज के नाम से भी जाना जाता है सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें शरीर के लिए उपयोगी तमाम पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाने में कैलोरी, कार्ब्स और प्रोटीन जैसे तमाम पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आइये जानते हैं मखाने में मुख्य रूप से पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।

कैलोरी
प्रोटीन
कार्बोहाइड्रेट
कैल्शियम
आयरन
फाइबर
मैंगनीज
पोटेशियम
मैग्नीशियम
थियामिन
फास्फोरस

इन समस्याओं में नहीं करना चाहिए मखाने का सेवन

Avoid Makhana or Foxnuts in These Health Conditions

स्वाद में अव्वल और सेहत के लिए फायदेमंद मखाने का सेवन कुछ समस्याओं में नहीं करना चाहिए। भले ही मखाने में मौजूद पोषक तत्व सेहत के लिए बहुत जरूरी और फायदेमंद माने जाते हैं लकिन इसके बावजूद कुछ समस्याओं में इनका सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इन समस्याओं में मखाना खाने से आपको विपरीत प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है।

1. किडनी स्टोन में मखाने का सेवन

किडनी स्टोन की समस्या में मखाने का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि गुर्दे की पथरी यानी किडनी स्टोन की समस्या में मखाने का सेवन नहीं करना चाहिए। मखाने में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसलिए जब आप किडनी स्टोन की समस्या में इनका सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपके किडनी में मौजूद स्टोन का साइज बढ़ सकता है या आपको किडनी से जुड़ी अन्य समस्याएं हो सकती है। यही कारण है कि किडनी स्टोन की समस्या में मखाने का सेवन न करने या अवॉयड करने की सलाह दी जाती है।

2. पेट की गैस में मखाने का सेवन

गैस्ट्रिक प्रॉब्लम यानी पेट में गैस की समस्या से जुड़ी स्थितियों में भी मखाने का सेवन नहीं करना चाहिए। मखाने में प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर के लिए अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें पचाने के लिए शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में जब आप गैस्ट्रिक समस्याओं में इसका सेवन करते हैं तो आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। पेट की गैस के अलावा ब्लोटिंग की समस्या में भी मखाने का सेवन बिलकुल भी नही करना चाहिए। इन स्थितियों में मखाने का सेवन करने से आपको पाचन से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

3. पोटैशियम का कम सेवन करने की स्थिति में

अगर आपको किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या है तो चिकित्सक आपको पोटैशियम, कैल्शियम आदि का कम सेवन करने की सलाह देते हैं। किडनी फेलियर, किडनी इंफेक्शन और किडनी स्टोन जैसी समस्याओं में आपको खानपान से जुड़ी तमाम सावधानियों का पालन करना होता है। इन समस्याओं में मखाने का सेवन बिलकुल भी न करना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि मखाने में पोटैशियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जो इन स्थितियों में आपके लिए हानिकारक हो सकती है। किडनी के लिए पोटैशियम बहुत ही नुकसानदायक माना जाता है।

4. दस्त या डायरिया की समस्या में

मखाना फाइबर का समृद्ध भंडार होता है और दस्त या डायरिया में मखाने का सेवन फायदेमंद नहीं माना जाता है। कब्ज आदि की समस्या में बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाने के लिए तो मखाने का सेवन बहुत फायदेमंद होता है लेकिन दस्त और डायरिया की समस्या में फाइबर रिच फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसा कि आप जानते हैं मखाने में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है इसलिए दस्त और डायरिया में मखाने का सेवन नहीं करना चाहिए।

इसके अलावा मखाने का सेवन कभी भी अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। इसका अधिक मात्रा में सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। मखाने का अधिक सेवन करने से आपको एलर्जी, इंसुलिन का असंतुलन और जठरांत्र से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कई लोगों को मखाने के सेवन से एलर्जी होती है इसलिए ऐसे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। आप इसके लिए चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं। वहीं डायबिटीज की समस्या में भी मखाने का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि मखाना का सेवन ब्लड शुगर को कम करने के लिए भी किया जाता है। हमें उम्मीद हैं कि मखाने के सेवन को लेकर दी गयी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आप ऊपर बताई गयी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो मखाने का सेवन बिलकुल भी न करें। इन समस्याओं के दौरान मखाने का सेवन बहुत नुकसानदायक हो सकता है। इसके अलावा आप मखाने का सेवन रोजाना कर सकते हैं।

नींबू के साथ भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन

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lemon benefits

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाने वाले नींबू (Lemon) के सेवन से शरीर को विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा मिलती है। नींबू का सेवन करने से शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। आज के दौर में लोग नींबू का सेवन वजन कम करने और शरीर के इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खूब करते हैं। सबसे ज्यादा गर्मी के मौसम में नींबू का सेवन किया जाता है। नींबू में सेहत के लिए फायदेमंद विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। यहीं नहीं नींबू में एंटी-कैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण भी मौजूद होते हैं। इन सब गुणों की खान होने के बावजूद अगर आप नींबू का सेवन सही तरीके से नहीं करते हैं तो इसकी वजह से आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नींबू को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर या उनका एक साथ सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आपको भी इनका सेवन करने से पहले इनसे होने वाले नुकसान के बारे में जान लेना चाहिए। तो चलिए आइए जानते हैं नींबू के साथ किन चीजों का सेवन सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।

हम जिन चीजों का सेवन करते हैं या हमारा खानपान जैसा होता है उसका असर हमारे शरीर पर जरूर पड़ता है। स्वस्थ और संतुलित भोजन के साथ यह जरूरी है कि किन चीजों का सेवन कितनी मात्रा में और किन खाद्य पदार्थों के साथ कर रहे हैं। कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि नींबू के साथ कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। इन पदार्थों के साथ नींबू का सेवन करने से शरीर को कई नुकसान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

1. नींबू और दूध का एकसाथ सेवन (Lemon With Milk Side Effects)

नींबू और दूध का एकसाथ और एक दूसरे का सेवन करने के तुरंत बाद सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। नींबू में सिट्रिक एसिड मौजूद होता है जो दूध में मिलते ही उसे अम्लीय (एसिडिक) बना देता है। दूध में नींबू मिलाने से दूध में मौजूद कैसिइन समूह पर असर पड़ता है और ये सेहत के नुकसानदायक हो सकता है। दूध में नींबू का रस मिलाने से वह अम्लीय होकर फट जाता है। दूध और नींबू का एकसाथ या एक दूसरे के तुरंत बाद सेवन करने से गैस, एसिडिटी, पाचन से जुड़ी समस्या के अलावा स्किन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।

2. नींबू के साथ पपीता का सेवन (Consuming Lemon With Papaya)

नींबू और पपीता का भी सेवन एकसाथ या एक दूसरे के बाद नहीं करना चाहिए। नींबू और पपीता दोनों फलों के गुण एक दूसरे से एकदम अलग होते हैं। इन दोनों चीजों का एकसाथ या एक दूसरे के बाद सेवन करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। नींबू और पपीता का एकसाथ सेवन शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ा सकता है और इसकी वजह से आपको एनीमिया की समस्या हो सकती है। आयुर्वेद में खानपान को लेकर बताये गए नियमों के मुताबिक नींबू और पपीता का एकसाथ सेवन खासतौर पर बच्चों को कभी नहीं करना चाहिए। इन दोनों का कॉम्बिनेशन बच्चों पर तेजी से असर करता है।

3. नींबू के साथ मांस का सेवन (Lemon With Meat Side Effects)

मांस के साथ नींबू का सेवन करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ लोगों को नींबू के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है जिसकी वजह से अगर ऐसे लोग मांस खासतौर पर रेड मीट का सेवन करते हैं तो ऊन्हें कई दिक्कतें हो सकती हैं। नींबू के सेवन से जिन लोगों को एलर्जी हैं उन्हें मीट के साथ इसका सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से आपको स्किन से जुड़ी समस्याओं के अलावा साइनस की समस्या भी हो सकती है।

4. दही के साथ नींबू का सेवन (Consuming Lemon With Curd Side Effects)

दही के साथ भूलकर भी नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध या दूध से बनें पदार्थों (डेयरी प्रोडक्ट्स) के साथ नींबू का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। दही के साथ खट्टे फलों को मिलाकर खाने से आपको पाचन से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसका सेवन आपको कब्ज और पेट से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं का शिकार बना सकता है। इन चीजों का एकसाथ सेवन आपके लिए विषाक्त भी हो सकता है। जब आप दही और नींबू को एकसाथ मिलाते हैं तो उसमें विषाक्त पदार्थ अधिक मात्रा में बनते हैं। यही नहीं अगर आप नींबू और दही का एकसाथ सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपको स्किन एलर्जी और सर्दी-जुकाम भी हो सकता है।

5. नींबू और टमाटर का एकसाथ सेवन (Lemon With Tomato Side Effects)

भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर और नींबू का इस्तेमाल अक्सर लोग करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये फूड कॉम्बिनेशन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इन दोनों चीजों का एकसाथ सेवन अधिक मात्रा में करने पर आपके पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। टमाटर के गुण नींबू के गुण से एकदम अलग होते हैं और इन दोनों का अधिक मात्रा में एकसाथ सेवन पाचन तंत्र पर गंभीर असर डालता है। इनका एकसाथ अधिक मात्रा में सेवन करने से आपको कब्ज, एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है।

6. डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ नींबू का सेवन (Lemon With Dairy Products)

सिर्फ दूध या दही ही नहीं किसी भी डेयरी उत्पाद के साथ नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ नींबू का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत नुकसानदायक माना जाता है। इसके अलावा इनका एकसाथ सेवन करने से आपको स्किन एलर्जी और स्किन से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याएं भी सकती हैं। दूध और दही के साथ-साथ अन्य सभी डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ नींबू और अन्य खट्टे फलों का सेवन नही करना चाहिए।

हमारे शरीर पर हमारे द्वारा खाए जाने वाले सभी खाद्य पदार्थों का सीधा असर पड़ता है। इसलिए जरूरी यह है कि हम जिन चीजों का सेवन करें उनके बारे में उचित जानकारी भी हो। अगर आप गलत फूड कॉम्बिनेशन का एकसाथ सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपको स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती हैं। किसी भी समस्या से इन चीजों का एकसाथ सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

नाश्ते में जरूर खाएं प्रोबायोटिक्स से भरपूर ये 5 चीजें, जानें इन्हें खाने के खास फायदे

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health

गर्मियों में हमें अक्सर पेट से जुड़ी परेशानियां होती हैं, जिसके पीछे एक बड़ी वजह अपच (indigestion)है। अपच सिर्फ गैस और एसिडिटी नहीं बल्कि, मतली और कब्ज का कारण भी बनता है। ऐसे में जरूरी है कि गर्मियों में आप अपने दिन की शुरुआत ऐसी चीजों को खा कर करें, जो कि आसानी से पच जाए और आप दिन भर हल्का महसूस करें। प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड्स (Probiotics foods)इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। जी हां, प्रोबायोटिक फूड्स वो फूड्स हैं जो कि फर्मेंडेट होते हैं। ये उन हेल्दी बैक्टीरिया और फंगस से भरपूर होते हैं, जो कि आपके पाचन तंत्र को हेल्दी रखते और खाना पचाने की क्षमता को बढ़ाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही प्रोबायोटिक फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि आपके नाश्ते का हिस्सा बन सकते हैं।

प्रोबायोटिक्स से भरपूर हेल्दी नाश्ता

Probiotic foods for breakfast

1. ढोकला 

ढोकला नाश्ते के रूप में एक टेस्टी प्रोबायोटिक फूड है। ये प्रोटीन से भरपूर होता है, जो कि दिन भर के लिए आपको भरपूर एनर्जी देता है। ये राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड, थायमिन, विटामिन के और बायोटिन जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर है, जो कि शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। सबसे ज्यादा ये पेट के लिए अच्छा होता है क्योंकि इसे बैटर को फर्मेंटेट किया जाता है और फिर इसे बनाया जाता है। वजन घटाने वाले लोग भी इसे खुशी से खा सकते हैं। ऐसा इसलिए कि ढोकला आपकी आंत में बैक्टीरिया को संतुलित करने में भी मदद करता है और आपके मोशन को बेहतर बनाता है और वेट लॉस के प्रोसेस को तेज करता है। ढोकला के बारे में एक खास बात ये भी है कि ढोकला हाई बीपी के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। क्योंकि बेसन में मैग्नीशियम होता है, जो कि ब्लड वेसेल्स को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही ढोकला जटिल कार्बोहाइड्रेट और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भी है, जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है।

2. इडली 

इडली नाश्ते के लिहाज से बहुत हेल्दी (Healthy breakfast) है। ये पेट के लिए बहुत फायदेमंद है और खाने के आसानी से पच जाता है। दरअसल प्रत्येक इडली में सिर्फ 39 कैलोरी होती है, जो कि स्वस्थ 2,000 कैलोरी दैनिक आहार की तुलना में न्यूनतम मात्रा है। इडली में कोई कोलेस्ट्रॉल, फैट और संतृप्त वसा नहीं होता है। ये हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए भी अच्छा है और हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा भी कम करता है। प्रत्येक इडली में लगभग 65 मिलीग्राम सोडियम, 2 ग्राम प्रोटीन, 2 ग्राम डाइटरी फाइबर और 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जो कि शरीर के लिए अच्छा है।

3. दही 

आपका शरीर दूध की तुलना में दही को तेजी से पचा पाता है इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि दही में कुछ गुड बैक्टीरिया होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं। इसलिए दूध की तुलना में नाश्ते में दही का सेवन करना ज्यादा अच्छा होता है क्योंकि यह जल्दी पच जाता है। साथ ही सुबह के समय दही खाना हमारी आंत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि ये हमारे मेटाबोलिज्म को हेल्दी रख कर हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है साथ ही सुबह-सुबह इसे खाना पूरे दिन पेट को ठंडा और शांत रखता है।

4. अचार 

अचार सबसे अधिक फर्मेंडेट चीजों में से एक है। अचार को नमकीन पानी में फर्मेंटेट किया जाता है, जो कि गुड बैक्टीरिया से भरपूर है। कभी-कभी नाश्ते में छोड़ा सा अचार खाना पूरे दिन पेट को हेल्दी रखने में मदद कर सकते है। ये विटामिन के और विटामिन ए जैसे विटामिन से भरपूर होते हैं, जो कि शरीर के लिए अन्य तरीके से भी फायदेमंद है। पर ध्यान रहे कि ज्यादा अचार न खाएं क्योंकि इसमें बहुत अधिक सोडियम होता है, जो कि किडनी और लीवर को अधिक मेहनत करवा सकता है। इसके अलावा, ये हाई बीपी के मरीजों के लिए भी उतना फायदेमंद नहीं है।तो, अचार खाएं पर थोड़ा सा और हर दिन अचार खाने से भी बचें।

5. छाछ 

छाछ प्रोटीन, विटामिन और कई खनिजों में समृद्ध है लेकिन कैलोरी और वसा में कम है। छाछ पीने से हम हाइड्रेटेड और ऊर्जावान रहते हैं। यह हमें भरा हुआ भी महसूस कराता है, इस तरह हमें दिन भर जंक फूड खाने की भूख नहीं लगती। यह उन लोगों के लिए भी अच्छा है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं।सुबह खाली पेट एक गिलास छाछ पीने से पेट की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। जिन लोगों को अपच, गैस और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं हैं, उन्हें सुबह खाली पेट छाछ का सेवन करना चाहिए।

तो, इन चीजों को अपने नाश्ते का हिस्सा बनाएं और अपने पेट व पाचन तंत्र को हेल्दी रखें। पर ध्यान रहे कि इन चीजों को ज्यादा मात्रा में लें और हर रोज लेने से भी बचें क्योंकि ऐसा करने पर ये आपके लिए नुकसानदेह भी हो सकते हैं।

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