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मलाई खाना सेहतमंद है या नुकसानदायक?

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malai

अक्सर आपने देखा होगा लोग दूध का सेवन मलाई छानकर करते हैं। दही का उपयोग भी मलाई हटाकर किया जाता है। लेकिन इसके पीछे कारण केवल यह कारण होता है कि लोगों को लगता है कि मलाई का सेवन उनका वजन बढ़ सकता है। यही कारण होता है कि लोग अपनी डाइट में मलाई को शामिल नहीं करते और अपने दैनिक आहार से मलाई को निकाल देते हैं। जबकि पुराने जमाने में दादी-नानी दूध के गिलास में ढेर सारी मलाई डाल कर देती थीं। लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया सेहत को लेकर कॉन्शियस हो गए। ऐसे में लोगों ने अपनी डाइट में जरूरी पोषक तत्व डालने के साथ-साथ जरूरी चीजों को गलत जानकारी के चलते निकालना भी शुरू कर दिया। मलाई भी उन्हीं में से एक है। मलाई को अकसर लोगों के मन में कई जरूरी प्रश्न आते रहते हैं। क्या मलाई के सेवन से सेहत को नुकसान हो सकती हैं? त्वचा के लिए मलाई कैसे फायदेमंद है? मलाई से जुड़े ना जाने कितने ऐसे सवाल हैं जो लोगों के मन में आते रहते हैं। ऐसे में इन सवालों के जवाब आपको आगे दिए जा रहे हैं। इसके लिए हमने न्यूट्रिशनिस्ट और वैलनेस एक्सपर्ट वरुण कत्याल ( wellness expert and nutritionist varun katyal) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे…

1 – वर्कआउट के दौरान मलाई का सेवन कैसे उपयोगी है?

वर्कआउट करने वाल लोग अपनी डाइट में मलाई को शामिल कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति वर्कआउट करता है तो वे इससे पहले एक कटोरी का सेवन कर सकता है। चूंकि मलाई के अंदर कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है ऐसे में ये लोग मलाई को जोड़ सकते हैं। मलाई न केवल हड्डियों के लिए अच्छा है बल्कि मसल्स, नाखून आदि के लिए बेहतर है। दूध की मलाई का सेवन तभी करना चाहिए जब व्यक्ति high-intensity एक्सरसाइज करने जा रहा हो क्योंकि उस वक्त व्यक्ति को ज्यादा प्रोटीन, कार्ब्स और फैट की जरूरत होती है।

2 – मलाई के साथ शक्कर का सेवन?

वर्कआउट से पहले मलाई खाना अच्छा है लेकिन बिना शक्कर की मलाई सेहत के लिए ज्यादा उपयोगी होती है। ऐसे में अपनी डाइट में प्लेन मलाई को जोड़ना बेहतर विकल्प है।

3 – मलाई शरीर को रोगों से कैसे बचाती हैं?

मलाई के अंदर लेक्टिक फॉर्मेंटेशन प्रोबायोटिक्स मौजूद होता है जो आंतों की सेहत के लिए बेहद उपयोगी है। साथ में पेट से जुड़े लोगों को भी दूर रखता है। वहीं मलाई के अंदर प्रोटीन और विटामिन ए पाया जाता है जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और शरीर की संक्रमण से रक्षा करता है।

4 – सेहत के लिए कितनी बनाई खाना खाते में होता है?

अगर डाइट में मलाई का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। ऐसे में 2 या 3 टीस्पून मलाई का सेवन नियमित रूप से किया जा सकता है।

5 – डाइट के दौरान मलाई शामिल करने से त्वचा को होने वाले फायदे?

चेहरे के डार्क स्पॉट से छुटकारा मिल सकता है।
एक्जिमा की समस्या दूर हो सकती है।
मलाई के सेवन से त्वचा हाइड्रेट होती है।
मलाई त्वचा में प्राकृतिक चमक बनाए रखता है।
गर्मी सनबर्न की समस्या दूर होती है।
मलाई त्वचा को डिटॉक्सिफाई करती है।

6 – मलाई के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकसान?

मलाई के अंदर फैट और सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है। ऐसे में ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। बता दें कि इसके अधिक सेवन से पेट में फैट जमा हो सकता है जिससे डायबिटीज ब्लड प्रेशर की समस्या पैदा हो सकती है।

नोट – ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि सेहत के लिए मलाई बेहद उपयोगी है। ये शरीर को कई समस्याओं से बचा सकती है। इसके अंदर पाए जाने वाला कैल्शियम और प्रोटीन सेहत के लिए बेहद उपयोगी हैं। लेकिन इसकी अधिकता सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है ऐसे में सबसे पहले इसकी सीमित मात्रा की जानकारी लेनी जरूरी है उसके बाद ही मलाई को अपनी डाइट में जोड़ें।

सीने में बलगम या कफ जमा होने पर खाएं ये 7 फूड्स, जल्द दूर होगी समस्या

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बीमारियों के इस मौसम में परेशानी तब और भी ज्यादा बढ़ने लगती है जब फेफड़ों और श्वसन तंत्र में बलगम यानि की कफ (Excess Mucus) पहुंच जाता है। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो समस्या काफी गहरा सकती है। कहते हैं कि अगर फेफड़ों तक कफ या बलगम सूख जाता है, बैक्टीरिया और वायरस जैसी समस्या जान का खतरा बन जाती है। ये समस्या समान्य सर्दी, फ्लू, नाक या गले में जलन, एलर्जी, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, स्मोकिंग, निमोनिया जैसी बिमारियों से पनपती है। जो बाद में फेफड़ों में कैंसर की समस्या तक बन सकती हैं। कफ (Excess Mucus) को जमने ना देने के ऐसे कई तरीके हैं, जिसकी राय हमारे बड़े बुजुर्ग भी देते हैं। जैसे खूब पानी पीना, खांसी को दबाना नहीं, कफ (Excess Mucus) आने पर तुरंत थूकना, नमक के पानी से गरारा करना आदि। कफ से छुटकारा पाने के कई घरेलू उपाय हैं, जिनकी मदद से आप इससे तुरंत राहत पा सकते हैं।

1. अदरक

अदरक को डिकॉन्गेस्टेंट और एंटीहिस्टामाइन के रूप में भी जाना जाता है। अदरक में एंटीवायरल गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से छाती में जमा बलगम (Excess Mucus) आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। आप इसके लिए अदरक की चाय पिएं।

2. लाल मिर्च

बात लाल मिर्च की करें तो, भारतीय रसोई में ये आपको हर हाल में मिल ही जाएगी। इसके बिना खाना मानों अधूरा सा लगता है। लेकिन लाल मिर्च ज्यादा खांसी और बलगम (Excess Mucus) को खत्म करने के लिए भी जानी जाती हैं। इसमें ऐसे यौगिक गुण होते हैं, जो बलगम को पतला करने में मदद करते हैं।

3. लहसुन

लहसुन को गुणों को खजाना माना जाता है। इसमें नेचुरल एक्सपेक्टोरेंट होते हैं, जो बलगम (Excess Mucus) बनने से रोकते हैं। इसमें फंगल और बैक्टीरिया से लड़ने में भी मदद मिलती है। आप अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा लहसुन को शामिल करें। इससे शरीर से कफ बाहर निकालने में मदद मिलती है।

4. अनानास

ये एक ऐसा फल होता जिससे बलगम (Excess Mucus) या कफ को खत्म करने में मदद निकलती है। अनानास के जूस में एक ऐसा एंजाइम होता है। जो सांस से जुड़ी समस्या और एलर्जी की समस्या से बचाने में मदद करता है। अनानास के जूस में म्यूकोलाईटिक भी होता है को कफ को बाहर निकाल फेंकता है।

5. प्याज

अगर आप सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश, या कम इम्युनिटी से जूझ रहे हैं तो प्याज इससे आपका बचाव करता है। आप कद्दूकस किया हुआ प्याज पानी में कुछ घंटों में भिगोकर रखें और हर रोज दो से तीन चम्मच इसका पानी पिएं। अगर आप इसमें कुछ बूंद नींबू के रस की मिला लें तो इसका फायदा आपको ज्यादा होगा। इससे आपकी खांसी दूर होगी और बलगम (Excess Mucus) भी नहीं जमेगा।

6. इलायची

इलायची हमारे किचन का सबसे अहम हिस्सा मानी जाती है। अपनी खुशबू से लोगों को आकर्षित करने वाली छोटी सी इलायची काफी काम ही होती है। इलायची की मदद से आप छाती में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है। इलायची को खाने के बाद डाइजेशन में दिक्कत नहीं होती। इसके सेवन से बलगम (Excess Mucus) पतला होता है जिससे उसे बाहर निकालने में आसानी होती है।

7. काली मिर्च

काली मिर्च का इस्तेमाल हम खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए करते हैं। इसमें कई आयुर्वेदिक गुण होते हैं। आप अगर इसका इस्तेमाल करते हैं, तो कफ की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आपको इसके सही इस्तेमाल की जानकारी भी होनी जरूरी है। इसके लिए काली मिर्च के कुछ दानों को अच्छे से पीस लें। फिर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इसके पेस्ट को लगभग 15 से 20 सेकंड तक गर्म करके पी लें। इसे पीने के बाद कफ पतला हो जाएगा और उसे निकालने में भी आसानी होगी। आप खुद को हल्का महसूस भी करेंगे।

तो ये कुछ ऐसे विकल्प हैं, जो हर किसी की रसोई में आसानी से मिल जाएंगे। अगर आप भी बार बार बलगम या कफ की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि मौसम में बदलाव और पर्यावरण में प्रदूषण बलगम बनने का कारण बन रहा है। इससे समय पर छुटकारा पाना बेहद जरूरी है, वरना मुश्किल बढ़ सकती है।

ज्यादा पके हुए फलों को फेंकने की जगह इन 5 तरीकों से करें इस्तेमाल

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फल और सब्जियां हमारी डाइट का अभिन्न हिस्सा हैं। इन दोनों के बिना हम अपनी डाइट में विटामिन, मिनरल्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का बैलेंस नहीं बना सकते। बात अगर सिर्फ फलों की करें तो, हर प्रकार के फल खाने के अपने अलग फायदे (fruits benefits in hindi) हैं। ऐवोकाडो, सेब और अनानास जैसे फल जहां वजन घटाने में मददगार हैं तो, केले, संतरा और कीवी जैसे फल शरीर को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स देते हैं। पर कई बार ये फल तेजी से पक जाते हैं और बिना खाए ही खराब होने लगते हैं। ऐसे में ज्यादातर लोगों को ना चाहते हुए भी इन फलों को फेंकना पड़ता है, जिससे पैसे की बर्बादी होती है। आज हम आपको केले, संतरा, कीवी , कटहल, ऐवोकाडो, सेब और अनानास जैसे फलों को ज्यादा पक जाने पर भी इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बताएंगे। तो, आइए जानते हैं ज्यादा पके हुए फलों को कैसे करें इस्तेमाल-

ज्यादा पके हुए फलों को कैसे करें इस्तेमाल

Ways to use overripe fruits in hindi

1. ज्यादा पके हुए कटहल का इस्तेमाल

कटहल खाने के फायदे कई हैं। लोग इसे कच्चा और पका हुआ दोनों खाते हैं। पर कटहल जब ज्यादा पक जाता है तो, इसे खाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अधिक पके हुए कटहल के इस्तेमाल से आप पूरी और स्मूदी बना सकते हैं। पके हुए कटहल से स्मूदी बनाने के लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी है बस आपको

कटहल के बीजों को निकाल कर इस मिक्सर में पीसें।

फिर इसमें थोड़ा सा दूध मिलाएं और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं और हो गई आपकी स्मूदी तैयार।

ध्यान रहे कि पके हुए कटहल में खुद ही पर्याप्त मिठास होती है इसलिए आपको इसमें चीनी का प्रयोग करने से बचना चाहिए।

2. ज्यादा पके हुए कीवी से बनाएं जैम

कीवी बाजार में मिलने वाले सबसे महंगे फलों में से एक है। कीवी के फायदे की बात करें तो, एंटीथ्रोम्बोटिक गुण होता है जो कि खून में थक्कों को जमने से रोकता है। साथ ही इसमें जिंक की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है, जो कि हाई ब्लड प्रेशर सहित नींद से जुड़े कई विकारों से बचाता है। कीवी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI) वाला भी है, जिसे डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं। पर ऐसे में अगर कीवी बहुत ज्यादा पक कर खराब होने लगे तो? ऐसे में आप इन ज्यादा पके हुए कीवी से जैम बना सकते हैं।

इसके लिए कीवी को पीस लें।

फिर इसे एक डीप फ्राई पैन में मीडियम आंच पर पकाएं।

अब इसे चलाते रहें और इसमें सिट्रिक एसिड डालें।

अब इसे गाढ़ा होने तक पकाएं और फिर गैस बंद कर दें।

अब इसे हल्का ठंडा होने पर एयरटाइट कंटेनर में बंद कर दें और फ्रिज में रख लें।

3. फलों को पीस कर फ्रिज कर लें

अगर आपके पास सेब, संतरा, अंगूर और अनानास जैसे ज्यादा पके फल हैं तो, इन सबको पीस कर आगे इस्तेमाल करने के लिए फ्रिज में रख लें। फिर जब कभी आप स्मूदी बना रहे हों या फिर आपको कुछ मीठा खाने का मन हो तो, इन फलों की प्यूरी के इस्तेमाल से खीर और फ्रूट शेक या फिर स्मूदी बनाएं। ध्यान रहे कि इन फलों को पीस कर किसी बंद डब्बे में ना डालें नहीं तो इनमें फर्मेंटेशन हो जाएगा और आप इनका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसलिए कोशिश करें कि जल्द से जल्द इन फलों का इस्तेमाल कर लें।

4. आइसक्रीम बना लें

बच्चों को अगर आप ज्यादा पके हुए फलों का सेवन करवाएंगे तो शायद वो इसे खाने से मना कर दें। पर अगर आप इन ज्यादा पके हुए फलों से आइसक्रीम बना लें तो, वे इसे जरूर खा लेंगे। साथ ही इस आइसक्रीम की खास बात ये होगी कि इस खाने से आपके बच्चों को फलों के पौष्टिक तत्व और नेचुरल मिठास मिलेगी। इसे बनाने के लिए

सबसे पहले कस्टर्ड को दूध और चीनी में मिक्स करें।
दूसरी तरफ इन फलों को पीस कर रख लें।
अब इन दोनों मिक्स कर लें और और दूध और चीनी मिला कर गर्म कर लें।
अब इसमें वनीला एसेंस और क्रीम डाल कर मिक्स कर लें।
कंटेनर में भर कर फ्रिज में रख दें। हल्का जम जाने के बाद इसे निकालकर हल्का ब्लैंड करें और फिर से फ्रिज में रख दें।
आखिर में फ्रिज में इसे दो घंटे जमने के लिए रख दें और ड्राई फ्रूट्स से गार्निशिंग कर सर्व करें।

5. फलों का चोखा बनाएं

आपने बैंगन, आलू और करेले का चोखा बनाने और खाने के बारे में सुना होगा पर खास बात ये है कि आप फलों से भी चोखा बना सकते हैं। इसके लिए ज्यादा पके हुए फलों जैसे केले, पपीते और चीकू को धो कर मैश कर लें। अब इसमें हल्का सा काला नमक और चार्ट मसाला मिलाएं। ऊपर से अनार के ज्यादा पके हुए दानों और सेब व संतरे का काट कर डाल लें। अब सबको एक बार फिर मिलाएं और सर्व करें।

इस तरह आप हर प्रकार के ज्यादा पके हुए फलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो, ज्यादा पके हुए फलों को फेंके नहीं, बर्बाद ना करें और इन क्रिएटिव तरीकों से इनका सेवन करें।

पपीते के साथ न करें इन 5 फू़ड्स का सेवन, सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं ये कॉम्बिनेशन

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papaya to increase eyesight

पपीता सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। पपीता खाने से सेहत को ढेर सारे लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीते के साथ या फिर पपीता खाने के बाद कुछ फूड्स का सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है? क्या आप जानते हैं कि पपीते के साथ कौन से फूड्स नहीं खाए जाने चाहिए? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको पपीते के साथ नुकसान पहुंचाने वाले कुछ कॉंबिनेशन्स के बारे में बताएंगे। पपीते में पैपीन एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो प्रोटीन के टूटने में बेहद फायदेमंद होता है। वहीं पपीते के सेवन से आपके बाल और स्किन हेल्दी बने रहते हैं। आमतौर पर पपीते के साथ अंडे, करेले और दही आदि का कॉम्बिनेशन सेहत के लिए काफी अनहेल्दी माना जाता है। चलिए जानते हैं पपीते के साथ किन फूड्स का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

1. पपीते और दही (Papaya and curd)

पपीते के साथ दही का कॉम्बिनेशन सेहत के लिहाज से नुकसानदायक माना जाता है। पपीता और दही एक साथ खाने से आपको छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि पपीते के साथ दही का सेवन शारीरिक नुकसान देता है। लेकिन आयुर्वेद की दृष्टी से देखा जाए तो पपीते की तासीर गर्म और दही की तासीर काफी ठंडी होती है। इसलिए इनका सेवन साथ में करने से आपको सर्दी, जुकाम और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आप पपीते खाने के करीब एक घंटे बाद दही का सेवन कर सकते हैं।

2. पपीता और संतरा (Papaya and Orange)

कुछ फल ऐसे होते हैं जिन्हें अन्य फलों के साथ नहीं खाया जा सकता है। ऐसा ही पपीते और संतरे के कॉम्बिनेशन के साथ भी है। पपीते के साथ संतरे का सेवन इसलिए भी नहीं किया जा सकता क्योंकि संतरा एक खट्टा और पपीता एक मीठा फल होता है। दोनों ही एक दूसरे से काफी विपरीत होते हैं। वहीं इनके फर्मेन्ट्स शरीर में टॉक्सिन्स पैदा कर सकते हैं, जिससे शरीर में डायरिया, कब्ज और इनडायजेशन की भी समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इनका सेवन एक साथ नहीं करने की सलाह दी जाती है।

3. पपीता और दूध (Papaya and Milk)

पपीते के साथ दूध का कॉम्बिनेशन भी आपको नुकसान के घेरे में ला सकता है। हालांकि दूध के साथ फल का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। वहीं अगर पपीते के साथ दूध पिया जाए तो यह आपको कब्ज और डायरिया जैसी समस्या में डाल सकता है। इससे आपके पेट में ममोड़ और पेट भरा भरा लगने जैसी समस्या महसूस हो सकती है। इसीलिए पपीता खाने के कम से कम 30 मिनट बाद दूध का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

4. पपीता और करेला (Papaya and Bitter Gourd)

पपीते के साथ करेले का कॉम्बिनेशन बिलकुल गलत है। पपीते के साथ करेले का सेवन करना सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। पपीता एक वाटर रिच फूड है जो शरीर में पानी की मात्रा की आपूर्ति करता है। वहीं करेला एक ऐसा खट्टा फल है, जो शरीर से पानी को अवशोषित करता है। इसलिए अगर इनका सेवन एक साथ किया जाए तो शरीर में डिहाइड्रेशन के साथ ही एसेडिक रिएक्शन की भी समस्या हो सकती है। वहीं पपीता स्वाद में मीठा और करेला स्वाद में काफी कड़वा होता है। यह आपके मुंह का स्वाद बिगाड़ सकते हैं। हालांकि अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो आपपर इसका इतना असर नहीं पड़ेगा। लेकिन ध्यान रहे बच्चों को ऐसे कॉम्बिनेशन से कोसों दूर रखें।

5. पपीता और नींबू (Papaya and Lemon)

पपीते और नींबू का सेवन भी विपरीत होता है। पपीते के साथ नींबू का सेवन करने से शरीर में पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यहां तक कि पपीते के साथ नींबू के सेवन को काफी नुकसानदायक भी माना जाता है। पपीते के साथ नींबू का सेवन करने से आपको रक्त संबंधी विकार भी हो सकता है। जिस कारण व्यक्ति एनीमिया का भी शिकार हो सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि इन दोनों का सेवन एक साथ भूलकर भी न करें और बच्चों को तो पपीते पर नींबू निचोड़कर बिलकुल न खिलाएं। इससे उन्हें पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है।

पपीते के साथ इस लेख में दिए गए 5 फूड्स आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए पपीता खाने के कम से कम आधे घंटे बाद ही आप इनका सेवन कर सकते हैं।

बुखार होने पर न खाएं ये 6 फूड्स, कमजोर कर सकते हैं आपकी इम्यूनिटी और बढ़ा सकते हैं परेशानी

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fever

मौसम में बदलाव और कुछ अन्य कारणों से सर्दी, बुखार और खांसी की समस्या सामान्य होती है। बुखार की समस्या में व्यक्ति के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और इसकी वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब आप स्वस्थ होते हैं तो भोजन की इच्छा हर समय हो सकती है लेकिन बुखार की समस्या से ग्रसित होने के बाद इंसान का मन कुछ भी खाने और पीने को नहीं करता है। बुखार की समस्या से ग्रसित होने के बाद खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बुखार से पीड़ित व्यक्ति को ससही और संतुलित भोजन करना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन आपकी परेशानी को और भी बढ़ा सकता है। ऐसे में शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने से बचाने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज रखना चाहिए। शरीर को सही मात्रा में न्यूट्रीएंट्स मिलें और बुखार की वजह से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि बुखार से पीड़ित होने के बाद किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। बुखार होने पर अगर आप कई समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं और इम्यूनिटी को कमजोर होने से बचाना चाहते हैं तो इन चीजों का सेवन भूलकर भी न करें। आइये जानते हैं बुखार की समस्या में मरीज का खानपान (Diet Tips For Fever Patient) कैसा रहना चाहिए?

बुखार होने पर न खाएं ये फूड्स

Foods To Avoid in Fever

किसी भी तरह की बीमारी में आपको पौष्टिक और सेहत के लिए फायदेमंद चीजों का ही सेवन करना चाहिए। विशेष रूप से बुखार की समस्या में अगर आपका खानपान संतुलित और पौष्टिक नहीं होगा तो यह समस्या काफी दिनों तक आपके शरीर में रह सकती है। इसके अलावा अगर आपने बुखार से ग्रसित होने के दौरान इन चीजों का सेवन किया तो इसकी वजह से आपकी परेशानी और बढ़ सकती है। यहां तक कि आपके शरीर की इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) भी कम हो सकती है। इसलिए अगर आप भी बुखार से पीड़ित हैं तो इन चीजों के सेवन से परहेज जरूर करें।

1. बुखार में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन (Dairy Products)

बुखार की समस्या कई तरह की होती है। मौसम में परिवर्तन और सर्दी की वजह से सामान्य बुखा हो सकता है। लेकिन कई बार लोगों में फ्लू और वायरल संक्रमण की वजह से भी बुखार की समस्या होती है। फ्लू और वायरल संक्रमण की वजह से होने वाले बुखार की स्थिति में मरीज को खानपान को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इस समस्या से ग्रसित होने के दौरान अगर आप डेयरी उत्पादों का सेवन करते हैं तो यह सेहत के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता है। कई अध्ययन और शोध इस बात की जानकारी देते हैं कि बुखार से ग्रसित होने पर अगर आप डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपकी परेशानियां और बढ़ सकती हैं। इसलिए बुखार से पीड़ित होने के दौरान आपको इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

2. अल्कोहल और कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन (Alcohol and Caffeinated Drinks)

बुखार की समस्या में कैफीनयुक्त पेय और शराब आदि का सेवन सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक माना जाता है। इस दौरान अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से आपकी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। बुखार होने पर शराब का सेवन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है जिसकी वजह से यह समस्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन आपको पेट से जुड़ी कई समस्याओं से ग्रसित कर सकते हैं क्योंकि बुखार होने पर शरीर की इम्यूनिटी और पाचन दोनों ही खराब हो जाते हैं। इसलिए बुखार में शराब, स्मोकिंग और कैफीनयुक्त पेय का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

3. शुगर की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन (High Sugar Drinks or Foods)

बीमार पड़ने पर कुछ लोगों में मीठा खाने की क्रेविंग होती है लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान अधिक मीठा खाने से समस्याएं और बढ़ जाती हैं? बुखार होने पर आपको मीठे खाद्य पदार्थ और अतिरिक्त शुगर की मात्रा वाले पेय का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दौरान अप विटामिन सी से युक्त ड्रिंक्स का संतुलित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। लेकिन जिन चीजों में शुगर की मात्रा बाहर से मिलाई जाती है ऐसे खाद्य और पेय पदार्थों के सेवन से परहेज बुखार में फायदेमंद माना जाता है। अधिक मीठा खाने से बुखार की समस्या में आपके शरीर की इम्यूनिटी और कमजोर हो सकती है। इस दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर में पानी जरूर पीना चाहिए।

4. जंक फूड्स का सेवन (Junk Foods)

बुखार होने पर जंक फूड्स का सेवन करने से बचने चाहिए। जंक फूड्स वैसे भी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं माने जाते हैं लेकिन जब आप बुखार की समस्या से ग्रसित हों तो विशेष रूप से ऐसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए। बुखार होने पर जंक फूड्स का सेवन आपके शरीर में असंतुलन पैदा कर सकते हैं और इनके पचने में भी दिक्कत हो सकती है। बुखार के समय अगर आप ऐसी चीजों का सेवन करते हैं तो हो सकता है कि इसकी वजह से आपको उल्टी और दस्त की समस्या भी झेलनी पड़े।

5. ऑयली और मसालेदार भोजन (Oily and Spicy Foods)

फीवर या बुखार की समस्या में ऑयली और मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। कुछ लोगों को बुखार के दौरान अधिक तीखा या मसालेदार भोजन करने की इच्छा हो सकती है। लेकिन इसका सेवन करने से बुखार की समस्या में आपकी परेशानी और बढ़ सकती है। बुखार में ऑयली, मसालेदार और हाई कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट से परहेज रखना चाहिए। फास्ट फूड और अधिक तले भुने खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आपको जी मिचलाने और पाचन तंत्र से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान अधिक मसालेदार भोजन करने से आपको डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।

6. फाइबर की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन (High Fiber Foods)

बुखार की समस्या में उचित और संतुलित खानपान बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस दौरान अगर आपकी डाइट ठीक है तो बुखार की वजह से होने वाली अन्य समस्याएं शरीर में नहीं पनपती हैं। संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन कर आप बुखार की समस्या के कारण शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर होने से बचा सकते हैं। कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि बुखार होने पर फाइबर की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से दूरी बना लेनी चाहिए। बुखार की समस्या में शरीर का पाचन तंत्र वैसे ही कमजोर हो जाता है और इस दौरान फाइबर का अधिक सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए जब आप बुखार की समस्या से ग्रसित हों तो फाइबर की उच्च मात्रा वाले खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, साबुत गेहूं की रोटी और अन्य हाई फाइबर वाले फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए।

बुखार की समस्या में कैसी होनी चाहिए डाइट?

Diet Tips For Fever Patient

बुखार की समस्या में इंसान का खानपान पर विशेष ध्यान होना चाहिए। इस दौरान असंतिलित भोजन करने से आपके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और शरीर में कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। बुखार होने पर इन खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद माना जाता है।

हरी सब्जियां और फल का सेवन करें।
सब्जियों को उबाल कर खाएं।
सूप और दलिया को डाइट में शामिल करें।
बुखार के दौरान प्रोटीन का सेवन जरूर करें।
मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।

बच्चों की सेहत प्यारी है तो उन्हें ज्यादा न खिलाएं ये 6 फूड्स, डायटीशियन से जानें इनके नुकसान

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bachon ke liye khana

सभी माता-पिता यह चाहते हैं कि उनका बच्चा तंदुरुस्त और सेहतमंद बनें। उसका विकास मानसिक रूप के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी हो। ऐसे में माता-पिता उनके आहार में ऐसी चीजों को जोड़ते हैं, जिनसे बच्चों का विकास हो और उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलें। लेकिन माता-पिता जरूरी पोषक तत्वों की खिलाने के चक्कर में वे अपने बच्चे को गलत चीजें ज्यादा मात्रा में खिलाना शुरू कर देते हैं। इन चीजों की अधिकता बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएंगे कि ऐसी कौन सी चीज हैं, जिससे बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। पढ़ते हैं आगे…

1 – दूध का सेवन

दूध के सेवन से बच्चों को जरूरी उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं। लेकिन बच्चों के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। ऐसा इसीलिए क्योंकि दूध की अधिकता ना केवल हड्डियों को कमजोर बना सकती है बल्कि बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक भी साबित हो सकती है।

2 – सोडियम की मात्रा

सोडियम की अधिकता बच्चों की सेहत के लिए हो सकती है। बता दें कि बच्चों को सोडियम नमक के माध्यम से मिलता है। ऐसे में स्वाद के लिए नमक की थोड़ी मात्रा सही है। लेकिन इसकी अधिकता किडनी की समस्या पैदा करने के साथ-साथ उन्हें मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकती है।

3 – नट्स का सेवन

खाने से बच्चों को सभी पोषक तत्व नट्स के माध्यम से मिल सकते हैं। लेकिन इनकी अधिकता बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। बता देम कि नट्स में काजू, बादाम, अखरोट आदि की तासीर गर्म होती है। ऐसे में इनके सेवन से बच्चों के तापमान में फर्क आ सकता है। इससे अलग साबुत मेवा बच्चों की सांस की राह में भी अटक सकते हैं। ऐसे वे इसकी अधिकता से बचें।

4 – शहद का सेवन

बच्चों के लिए शहद बेहद उपयोगी है। लेकिन शिशु को 6 महीने तक मां का दूध और उसके बाद जरूरी और चुनिंदा चीज देगा सही है। उन चीजों में शहद को जोड़ना सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि शहद की अधिकता ना केवल पेट खराब होने की संभावना बढ़ा देती है बल्कि छोटी आंत भी प्रभावित कर सकती है।

5 – मीठी का सेवन

बच्चों के लिए मीठे का ज्यादा सेवन भी नुकसानदेह हो सकता है। बच्चे मीठे की तरफ भागते हैं लेकिन माता-पिता की जिम्मेदारी है कि उनकी डाइट पर वे कितने मीठे को जोड़ रहे हैं। अधिक मीठे से न केवल उनके दांत सड़ जाते हैं बल्कि उनका भूख भी प्रभावित होती है। इसके अलावा बच्चों में खून की कमी भी हो सकती है।

6 – केले का सेवन

केले की तासीर ठंडी होती है ऐसे में केले की अधिकता बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं होती है ऐसे में वे जल्दी सर्दी, खांसी आदि का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आप बच्चों को केवल कुछ चम्मच केले का सेवन करा सकते हैं।

नोट – ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों की डाइट में जरूरी पोषक तत्व को जोड़ने की वजह से लोग कुछ चीजों की अधिक मात्रा बच्चों की डाइट में जोड़ देते हैं, जिसके कारण बच्चों को कुछ नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में इन चीजों के बारे में पता होना जरूरी है।

खाना खाने के बाद चाय पीनी चाहिए या नहीं? जानें खाने के बाद चाय पीने के नुकसान

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khane ke baad chai

क्या आप भी खाना खाने के बाद चाय जरूर पीते हैं (Do You Drink Tea After Every Meal)? कई लाेग खाना खाने के बाद कुछ मीठा या डेजर्ट लेने की बजाय चाय का सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, चाय में कैफीन हाेता है, जाे शरीर में काेर्टिसाेल या स्टेरॉइड हॉर्माेन (Cortisol or Steroid Hormone) काे बढ़ाता है। जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप भी खाने के बाद चाय पीते हैं, ताे इस अपनी आदत काे छाेड़ने की काेशिश करें।

खाने के बाद चाय पीने से शरीर का पाचन तंत्र कमजाेर हाे जाता है, जिससे खाना अच्छे से डायजेस्ट नहीं हाे पाता है। साथ ही इससे शरीर काे जरूरी पाेषक तत्व भी नहीं मिल पाते हैं। चाय में कैफीन की मात्रा अधिक हाेने से गैस, एसिडिटी की समस्या हाेने लगती है। अगर आप एक स्वस्थ शरीर चाहते हैं, ताे खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत काे छाेड़ दें। आराेग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की डायटीशियन डॉक्टर सुगीता मुटरेजा से जानें खाने के बाद चाय पीने से हाेने वाले नुकसान के बारे में-

खाना खाने के बाद चाय पीने के नुकसान

Side Effects of Drinking Tea After Meal

खाना खाने के बाद चाय पीने की आदत आपकाे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से घेर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप चाय का सेवन खाना खाने के तुरंत बाद करने के बजाय एक-दाे घंटे के अंतराल में करें। इससे आपकाे काेई नुकसान नहीं हाेगा, साथ ही चाय के फायदे भी मिलेंगे।

1. खाने के बाद चाय पीने से बढ़ता है ब्लड प्रेशर (Drinking Tea After Meals Increases Blood Pressure)

कई लाेग खाना खाने के बाद चाय पीने के आदी हाेते हैं। लेकिन उनकी यह आदत हाई बीपी यानी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है। दरअसल, चाय में कैफीन हाेता है। ऐसे में खाने के बाद इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना रहती है। अगर आप पहले से ही हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के राेगी हैं, ताे खाने के बाद चाय बिल्कुल न पिएं। इससे आपका ब्लड प्रेशर कंट्राेल में रहेगा।

2. दिल काे करे बीमार (Drinking Tea After Meal Not Good for Heart)

अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद चाय पीते हैं, ताे अपनी इस आदत काे आज ही छाेड़ दें। क्याेंकि आपकी यह आदत आपके हृदय या दिल काे बीमार बना सकती है। राेजाना दाेपहर और रात के खाने के बाद चाय पीने से दिल से संबंधित कई बीमारियां जन्म ले सकते हैं। साथ ही ऐसा करने से दिल की धड़कनें भी तेज हाे जाती है। अच्छे जीवन के लिए दिल का स्वस्थ हाेना बहुत जरूरी हाेता है। यह हमारे शरीर का एक अहम अंग हाेता है। चाय या कॉफी दिल के लिए नुकसानदेय हाेती है।

3. खाने के बाद चाय पीने से बढ़ती हैं पाचन तंत्र की समस्याएं (Drinking Tea After Meal Increase Digestive System Problems)

खाना खाने के तुंरत बाद चाय पीने से पाचन तंत्र या पेट से जुड़े राेग भी हाे सकते हैं। चाय के पत्ताें में एसिडिक गुण (Acidic Properties in Tea Leaves) हाेते हैं, इसलिए खाना खाने के बाद चाय पीने से शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है और खाना अच्छे से डायजेस्ट नहीं हाे पाता है। अपने पाचन तंत्र काे मजबूत और तंदुरुस्त रखने के लिए आप चाय का सेवन बंद कर दें।

जबकि ग्रीन टी, हर्बल टी पेट से गैस काे बाहर निकालने में सहायक हाेता है। आप इन टी काे खाना खाने के दौरान या बाद पी सकते हैं। इनमें काफी अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीड़ेट्स और पाेलीफेनाेल पाया जाता है, जिससे डायजेशन सिस्टम बेहतर हाेता है। ये पाचक रस की कार्य क्षमता काे भी बढ़ाने में मदद करता है।

4. पाेषक तत्वाें की कमी (Drinking Tea After Meal Cause Nutrient Deficiency in Body)

खाने के बाद चाय पीने से आपकाे सभी जरूरी पाेषक तत्व भी नहीं मिल पाते हैं। दरअसल, चाय की पत्तियाें में एसिडिक गुण हाेता है। खाने के तुरंत बाद इसे पीने से शरीर काे पर्याप्त मात्रा में प्राेटीन नहीं मिल पाता है। इतना ही नहीं यह पाचन तंत्र या डायजेस्टिव सिस्टम काे प्रभावित करके जरूरी पाेषक तत्व भी शरीर काे देने में सक्षम नहीं हाेता है। इससे शरीर खाने काे अच्छे से पचा नहीं पाता है।

5. सिर दर्द की समस्या (Drinking Tea After Meal Cause of Headache)

वैसे ताे चाय का सेवन सिर दर्द की समस्या काे दूर करने के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय माना जाता है। लेकिन खाने के बाद चाय का सेवन करने से सिर दर्द की समस्या पैदा हाे सकती है। दरअसल, खाने के तुरंत बाद चाय पीने से शरीर में गैस और एसिडिटी की समस्या हाेने लगती है। शरीर में गैस बनने से सिर दर्द की समस्या हाे सकती है।

6. खाने के बाद चाय पीने से आयरन की कमी (Drinking Tea After Meal Decreased Iron)

खाने के बाद चाय पीने से शरीर में आयरन की भी कमी हाे सकती है। चाय पीने से शरीर प्राेटीन और जरूरी पाेषक तत्वाें काे अवशाेषित नहीं कर पाता है, जिससे आयरन या खून की कमी हाेने लगती है। चाय में फेनाेलिक यौगिक पाया जाता है, यह आयरन काे अवशाेषित करने में बाधा डालता है। राेजाना खाने के बाद चाय पीने से आयरन की कमी हाेती है, जिससे एनीमिया की समस्या पैदा हाे सकती है।

खाने और चाय से जुड़ी जरूरी बातें

खाना खाने के तुरंत बाद आपकाे कैफीन युक्त खाद्य पदार्थाें का सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसे में चाय, कॉफी का सेवन बिल्कुल न करें।

अगर आप चाय के शौकीन हैं, ताे खाना खाने के 1-2 घंटे बाद चाय पी सकते हैं।

अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है या आप एनीमिया से पीड़ित है, ताे खाने के तुरंत बाद चाय का सेवन बिल्कुल न करें।

खाने के तुरंत बाद चाय के आदी लाेग हर्बल टी या ग्रीन टी पी सकते हैं। इनके सेवन से आपकी पाचन क्रिया सही से कार्य करेगी और काेई स्वास्थ्य समस्याएं नहीं हाेंगी।

अगर आप खाना खाने के तुंरत बाद चाय पीते हैं, ताे अपनी इस आदत काे आज की छाेड़ दें। क्याेंकि आपकी यह आदत ऊपर बताए गए स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं दिन भर में भी आपकाे चाय का सेवन कम ही करना चाहिए। अधिक चाय पीने से शरीर काे फायदाें की जगह नुकसान पहुंचता है। चाय के शौकीन लाेगाें के लिए हर्बल टी और ग्रीन टी पीना एक बेहतरीन ऑप्शन या विकल्प है।

भैंस का घी या गाय का घी, कौन है ज्यादा फायदेमंद?

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ghee ke fayde

घी स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हाेता है (Ghee Benefits for Health)। अच्छी सेहत या स्वास्थ्य के लिए हम अकसर घी का उपयाेग करते हैं। इसका इस्तेमाल खाना बनाने या खाने में डालने के लिए किया जाता है। घी से स्वास्थ्य काे अनगिनत लाभ मिलते हैं। इसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दाेनाें के लिए अच्छा माना जाता है। हम अकसर गाय या भैंस का घी खाते हैं, लेकिन क्या आप इन दाेनाें के बीच के अंतर काे जानते हैं। इस लेख में हम आपकाे गाय और भैंस के घी के बीच अंतर काे समझाएंगे। साथ ही इन दाेनाें में से कौन-सा बेहतर हाेता है, इसे भी जानें।

न्यूट्रीशनिस्ट हिमांशु राय बताते हैं कि भारत में घी को हमेशा खाना पकाने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है। आमतौर पर गाय का घी और भैंस का घी दोनों ही अच्छे होते हैं, लेकिन गाय के घी के सेवन से सेहत काे अधिक और बेहतर मिलते हैं। गाय के घी में विटामिन ए, विटामिन डी और के, कैल्शियम, मिनरल्स, पाेटैशियम और फॉस्फाेरस जैसे कई पाेषक तत्वाें के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। इतना ही नहीं गाय के घी में ओमेगा 9 फैटी एसिड भी हाेता है।

भैंस और गाय के घी में अंतर

Difference Between Buffalo ghee or cow ghee

1. भैंस के घी में गाय के घी की तुलना में अधिक वसा यानी फैट होता है। इसलिए भैंस का घी वजन बढ़ाने के लिए बेहतर होता है, जबकि गाय के घी में वसा की मात्रा कम होने के कारण वजन घटाने के लिए उपयाेगी होता है।

2. वसा या फैट की मात्रा अधिक होने के कारण भैंस के घी की शेल्फ लाइफ अधिक हाेती है। जबकि गाय के घी की शेल्फ लाइफ भैंस के घी की तुलना में कम हाेती है।

3. गाय के घी में विटामिन ए की अधिकता हाेती है, जिसके काऱण इसका रंग पीला हाेता है। जबकि भैंस का घी सफेद रंग का हाेता है।

4. आयुर्वेदिक औषधियों में भैंस के घी की तुलना में गाय के घी को आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी माना गया है।

5. गाय के घी का स्वाद भैंस के घी की तुलना में ज्यादा अच्छा हाेता है।

6. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ जैसे जीवाणुरोधी यानी एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण आयुर्वेदिक दवाओं में गाय के घी का उपयाेग किया जाता है।

7. भैंस के घी और गाय के घी काे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। अधिक मात्रा में घी के सेवन से हृदय राेग हाेने की संभावना बढ़ जाती है।

गाय के घी के फायदे

Health Benefits of Cow Ghee

1. न्यूट्रीशनिस्ट हिमांशु राय बताते हैं कि गाय के घी में सीएलए यानी सन्युग्म लिनोलिक ऐसिड (Conjugated Linoleic Acid) हाेता है, जाे वजन कम करने में सहायक हाेता है।

2. गाय के घी में फैट की मात्रा भी बहुत कम हाेती है, जिससे सेवन से वजन कंट्राेल में रहता है।

3. गाय का घी आंखाें के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। आंखाें की राेशनी बढ़ाने के लिए गाय का घी उपयाेगी हाेता है।

4. आयुर्वेद के अनुसार पित्त दाेष काे शांत करने के लिए गाय का घी बेहद फायदेमंद हाेता है। यह पेट की गर्मी काे शांत करने का एक अच्छा उपाय है।

5. गाय के घी में अच्छी मात्रा में विटामिंस और एंटी ऑक्सीडेंट तत्व हाेते हैं, जाे शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता काे बढ़ाते हैं।

6. माइग्रेन या सिरदर्द की समस्या से राहत पाने के लिए गाय के घी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

7. गाय का घी शरीर से विषैले तत्वाें काे बाहर निकालने में मदद करता है।

भैंस के घी के फायदे

Buffalo Ghee Health Benefits

1. अगर आप शारीरिक रूप से कमजाेर है और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, ताे भैंस का घी आपके लिए फायदेमंद हाे सकता है। इसमें फैट काफी अच्छी मात्रा में हाेता है, जाे वजन बढ़ाने में सहायक हाेता है। इसके सेवन से हड्डियां और मसल्स मजबूत बनती हैं।

2. भैंस का घी मानसिक राेगाें काे दूर करने में फायदेमंद हाेता है। इसके सेवन से याद्दाश्त में वृद्धि हाेती है।

3. भैंस का घी शरीर से वात के प्रभाव काे भी कम करता है। यह वात दाेष काे संतुलित करने में मदद करता है।

4. पाचन संबंधी विकाराें काे दूर करने के लिए इसका उपयाेगा किया जा सकता है।

5. खांसी की समस्या हाेने पर भैंस के घी का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।

आप भी भैंस और गाय के घी के बीच के अंतर काे जानकर अपने लिए सही घी का चुनाव कर सकते हैं। इन दाेनाें के ही अपने अलग-अलग फायदे हाेते हैं।

प्याज का रायता खाने से सेहत को मिलते हैं कई लाभ, जानें इसे बनाने का तरीका

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क्या आपको रायता खाना पसंद है? रायता अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है। आज हम आपको प्याज के रायते के बारे में बताने जा रहे हैं। प्याज का रायता स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। प्याज का रायता दही और प्याज से मिलकर बना होता है, ऐसे में इसके सेवन से शरीर को दोनों के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। जानें प्याज का रायता खाने के फायदे-

दही और प्याज का कॉम्बिनेशन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। रोजाना इसके सेवन से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। आप प्याज के रायते को अपने लंच में शामिल कर सकते हैं। अकसर डॉक्टर लंच में दही खाने की सलाह देते हैं, ऐसे में अगर इसमें प्याज भी शामिल कर दिए जाए तो इसके पोषक तत्व बढ़ जाते हैं। आपको इसके सेवन से ढेरों फायदे मिल सकते हैं।

दही में पोषक तत्व (Nutrients in Yogurt)

विटामिन बी5 और बी12 (Vitamin B5 and B12)
पोटैशियम (Potassium)
आयोडीन (Iodine)
जिंक (Zinc)
फास्फोरस (Phosphorus)
राइबोफ्लेविन (Riboflavin)
कैल्शियम (Calcium)
मैग्नीशियम (Magnesium)
सोडियम (Sodium)

प्याज में पोषक तत्व (Nutrients in Onions)

विटामिन ए, बी और सी (Vitamin A, B and C)
फोलिक एसिड (Folic Acid)
कैल्शियम (Calcium)
मैग्नीशियम (Magnesium)
आयरन (Iron)

प्याज के रायते में दही और प्याज दोनों के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए प्याज का रायता खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। नियमित रूप से प्याज का रायता खाने से दही और प्याज दोनों के फायदे सेहत को मिलते हैं।

प्याज के रायते के फायदे

Health Benefits of Onion Raita

प्याज का रायता पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके सेवन से हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है और यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। गर्मी के मौसम में प्याज का रायता खाने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और शरीर को एनर्जी मिलती है।

हड्डियों को मजबूत बनाए प्याज का रायता (Onion Raita Makes Bones Strong)

अकसर शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर हड्डियों में दर्द होना शुरू हो जाता है। ऐसे में कैल्शियम युक्त डाइट या सप्लीमेंट लेना बहुत जरूरी होता है। प्याज और दही दोनों कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है। आप चाहें तो अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए प्याज के रायते को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। प्याज का रायता खाने से जोड़ों में दर्द की समस्या भी दूर होती है।

गर्मी में बॉडी को हाइड्रेट रखे प्याज का रायता (Onion Raita Keep Body Hydrated)

गर्मियों में प्याज का रायता खाना बेहद लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से शरीर की गर्मी दूर होती है। गर्मी में रायता को डाइट में शामिल करने से शरीर को ठंडक मिलती है और लू लगने का जोखिम कम होता है। सफेद प्याज लू से बचाता है। साथ ही प्याज का रायता बॉडी को डिहाइड्रेशन से बचाता है और बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।

हृदय के लिए फायदेमंद प्याज का रायता (Onion Raita Good for Heart Health)

प्याज का रायता खाने से हृदय स्वास्थ्य बेहतर रहता है। प्याज का रायता शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है। इसके अलावा यह ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को भी कंट्रोल में रखता है। प्याज में एंटीक्लोटिंग गुण होते हैं, जो खून के थक्कों को बनने से रोकता है। ब्लड क्लोटिंग के जोखिम को कम करने के लिए आप प्याज के रायते का सेवन कर सकते हैं।

इम्यूनिटी बढ़ाए प्याज का रायता (Onion Raita Increase Immunity)

प्याज में काफी अच्छी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। साथ ही दही में जिंक भी होता है। इसलिए इन दोनों से मिलकर बने रायते को खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसके अलावा प्याज के रायते में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो बार-बार होने वाले सर्दी-खांसी में राहत दिलाते हैं। प्याज सर्दी-खांसी की समस्या को दूर करने में मददगार होता है। साथ ही इसके सेवन से सूजन या इंफ्लामेशन की दिक्कत भी ठीक होती है।

पाचन क्रिया को मजबूत बनाए प्याज का रायता (Onion Raita Strengthen Digestion)

गर्मी के दिनों में नियमित रूप से प्याज के रायते का सेवन करने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है। दही में काफी अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स होता है, जो पाचन को बेहतर करने में मददगार होता है। प्याज के रायते को लंच में शामिल करने से पेट से जुड़े रोग जैसे-गैस, अपच, कब्ज और एसिडिटी की समस्या दूर होती है।

प्याज के रायते से मिलेगी एनर्जी (Onion Raita Give Energy)

दही में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। साथ ही यह विटामिंस और मिनरल्स से भी भरपूर होता है। ऐसे में इसे प्याज के साथ मिलाकर खाने से आप एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं। प्याज का रायता कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है। इसके सेवन से आप दिनभर ऊर्जावान बने रह सकते हैं।

प्याज का रायता बनाने की रेसिपी

Onion Raita Recipe

प्याज का रायता बनाना बहुत आसान है। आप इसे आसानी से घर पर ही बना सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत ज्यादा सामग्री की भी जरूरत नहीं होती है।

आवश्यक सामग्री (Necessary Ingredients for Onion Raita)

प्याज : 2
दही : 1 कटोरी
हरी मिर्च : 1
धनिया पत्तियां : बारीक कटी हुई
तेल : तड़के के लिए
राई : 1 चम्मच
नमक : स्वादानुसार

प्याज का रायता बनाने का तरीका (How to Make Onion Raita)

प्याज का रायता बनाने के लिए सबसे पहले प्याज को बारीक काट लें।
इसके बाद दही को अच्छी तरह से फेंट लें।
अब एक कटोरी में कटे हुए प्याज और दही को अच्छी तरह से मिला लें।
इसमें हरी मिर्च, धनिया पत्तियां और नमक डाल दें।
अब एक पैन में तेल गर्म करें। इसमें तड़का लगाने के लिए राई के दाने डाल दें।
आखिरी में इस तड़के को दही और प्याज के मिश्रण में मिला दें।
अब आप इसे अपने लंच में शामिल कर सकते हैं। साथ ही इससे मिलने वाले फायदों को पा सकते हैं।

आप भी अपनी डाइट में प्याज के रायते को शामिल कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से आपको ऊपर बताए गए ढेरों फायदे मिलेंगे। अगर आपको हड्डियों या जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर रायते का सेवन कर सकते हैं।

दूध में मखाना उबालकर खाने के 6 फायदे

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मखाना का सेवन कई घरों में किया जाता है। मखाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। मखाने में कैलोरी और फैट काफी कम मात्रा में पाया जाता है। मखाना एंटी ऑक्सीडेंट्स का भंडार होता है, जो आपको हृदय और किडनी संबंधित समस्याओं से बचाने में काफी मददगार साबित होता है। क्या आपने कभी दूध में मखाना उबालकर इसका सेवन किया है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको दूध में मखाना उबालकर खाने के कुछ स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताएंगे। दूध में मखाना उबालकर खाने से शरीर को उच्च मात्रा में कैल्शियम प्राप्त होता है। यही नहीं दूध में मखाना उबालकर खाने से आप पेट संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं। सुबह खाली पेट मखाने का सेवन करने से भी आपकी दिल समेत कई समस्याओं में कमी आती है। इसके लिए गर्म दूध में मखाना डालकर आप मखाने के साथ ही दूध का भी सेवन कर सकते हैं। चलिए जानते हैं दूध में मखाना उबालकर खाने के कुछ फायदों के बारे में।

1. पेट संबंधी समस्याओं में फायदेमंद

मखाने को पुराने समय से ही हृदय के लिए फायदेमंद माना गया है। मखाना एंटी ऑक्सीडेंट्स का भंडार है, जो आपको पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार होता है। मखाने में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के साथ ही कब्ज आदि से भी छुटकारा दिलाता है। वहीं मखाने को दूध में उबालने से दूध में पाए जाने वाला लैक्टॉस भी मखाने में अवशोषित होता है, जो आपके पेट दर्द, ब्लोटिंग आदि समस्याओं में मददगार साबित होता है।

2. डायबिटीज में मददगार

डायबिटीज की समस्या में भी मखाना और दूध का सेवन एक साथ करना काफी लाभदायक माना जाता है। दूध में मखाना उबालकर खाने से आपका ब्लड ग्लूकोज और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है। डायबिटीज के मरीज दूध में मखाना उबालकर बेझिझक इसका सेवन कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से उनका ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होगा। मखाने में एंटी डायबिट प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो आपको डायबिटीज के लक्षणों से भी बचाते हैं।

3. जोड़ों के दर्द में सहायक

आमतौर पर कैल्शियम की कमी के कारण जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। मखाने को दूध में उबालकर खाना हड्डियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। मखाना और दूध दोनों ही कैल्शियम का बेहतरीन स्त्रोत हैं। दोनों ही एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज से भरपूर होते हैं, जो आपके जोड़ों के दर्द और सूजन आदि की समस्या में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं।

4. कमजोरी दूर करे

दूध और मखाना दोनों ही एनर्जी का एक बेहतरीन स्त्रोत हैं। दोनों का सेवन करने मात्र से ही आपकी शरीर में इंस्टेंट एनर्जी आती है। मखाने को दूध में उबालकर खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। मखाना और दूध का सेवन करने से आपकी शरीर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स औऱ फाइबर आदि जैसे कई पोषक तत्व अवशोषित होते हैं, जो आपकी शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक होते हैं।

5. अनिद्रा में फायदेमंद

अगर आप भी अनिद्रा के शिकार हैं तो मखाना और दूध का सेवन कर सकते हैं। एक शोध की मानें तो अनिद्रा की समस्या में मखाने का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। वहीं दूध पीने से भी आपको नींद नहीं आने की समस्या में राहत मिलती है। इसके लिए आप रात के समय दूध में उबले हुए मखाने खाएं और बचा हुआ दूध पीकर सो जाएं। इससे आपको जल्दी नींद आएगी।

6. हृदय के लिए फायदेमंद

मखाने में मैगनीशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फ्लेवेनॉइड्स आदि जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हृदय रोगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। वहीं हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो नियमित तौर पर दूध का सेवन करने से आपके कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने की आशंका काफी कम हो जाती है। इसलिए हृदय स्वस्थ रखने के लिए आप दूध में मखाने को उबालकर उसका सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप उबले हुए मखानों को खाने के बाद उपर से दूध का सेवन करें।

मखाने को दूध में उबालकर खाना बेहद फायदेमंद है। अगर आप प्रेगनेंसी या फिर किसी बीमारी में इसका सेवन कर रहे हैं तो एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

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