पीठ दर्द के कई कारण है जैसे सर्जिकल डिलेवरी, गलत तरीके से सोना या उठना-बैठना आदि । आज की भाग दौड़ की जिंदगी में पीठ दर्द होना एक आम समस्या है। महिलाओं में आमतौर पर ऊंची हील सैंडिंल पहनने से कमर दर्द के होने की संभावना रहती हैं। वैसे तो पीठ दर्द के लिए एलोपैथी जैसे इलाज उपलब्ध है, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सा में पीठ दर्द का स्थायी इलाज मौजूद है। आयुर्वेद के हिसाब से कमर दर्द का मुख्य कारण कब्ज है, जिसे आयुर्वेदिक इलाज से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आइए जानें पीठ दर्द के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में।
आयुर्वेद में कुछ ऐसी औषधियों के विषय में बताया गया है, जिनका प्रयोग कर पीठ दर्द से निजात पाई जा सकती हैं।
कमर दर्द होने पर दशमूल काढ़ा सुबह शाम पानी से पीना चाहिए। कमर दर्द का मूल कारण कब्ज माना गया है, इसलिए कब्ज होने पर अरण्डी तेल रात में 15 एमएम लेना चाहिए।
पीठ दर्द से बचने के लिए जरूरी है कि कभी भी झुक कर भार न उठाएं, जब भी कुर्सी पर बैठे या चौकड़ी मारकर बैठे तो आगे की तरफ़ झुक न बैठें, घंटों तक बैठना हो तो बीच-बीच में मूव करते रहें।
रात में गेहूँ के दाने को पानी में भिगोकर सुबह इन्हें खसखस और धनिये के दाने के साथ दूध में डालकर चटनी बनाकर सप्ताह में दो बार खाने से न सिर्फ कमर दर्द जाता है sबल्कि शरीर में ताकत भी बढ़ती है।
आयुर्वेदिक महाविषगर्भ तेल और महानारयण तेल दोनों मिलाकर कमर की मालिश करने से कमर दर्द में आराम मिलता है।
दर्द कम करने के लिए अनेक आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध है जिनमें विभिन्न प्रकार के गुग्गलु, बासवेलिया सेरेटा, अश्वधगंध चूर्ण, शुद्ध शिलाजीत, बलारिष्ट इत्यादि के साथ ही ग्लूगकोसामीन हाईड्रोक्लोराइड तथा बासवेलिया सेरोसा पीठ दर्द के निवारण में लाभप्रद है।
पीठ दर्द मिटाने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट से हल्के हाथों से मालिश करवानी चाहिए। इससे कशेरुकाएं अपनी सही जगह बैठ जाती हैं और दर्द से निजात मिलने में आसानी होती है।
25 प्रतिशत कीबोर्ड ऑपरेटरों को कंप्यूटर पर काम करने से सर्वाइको ब्रैकियल सिंड्रोम हो जाता है। उनकी बांह, कंधे, पीठ और गर्दन की पेशियां और तंतु तनावमय रहते हैं इस परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि शरीर को नियमित व्यायाम से चुस्त-दुरुस्त रखें।
आमतौर पर पीठ दर्द आयु से संबंधी रोग है। आयु अधिक होने पर अन्य अस्थियों के साथ कशेरूक भी दुर्बल हो जाते हैं और उनमें कैल्शियम की कमी हो जाती है।
इन औषधियों का प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा की देखरेख में करना जरूरी है।
सही व्यायाम और आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन के साथ-साथ सामान्य सावधानियां बरतते हुए पीठ दर्द से निजात पाई जा सकती है।
प्रदूषित वातावरण की वजह से बाल दोमुंहे हो जाते हैं, इसके अलावा बालों पर अत्यधिक रसायनिक प्रोडक्ट, बार-बार धोना, खराब तरह से बालों की देखभाल आदि से भी बालों पर बुरा असर पड़ता है। बालों के दोमुहेपन की समस्या से अकसर हर लड़की परेशान रहती है। ऐसे बालों से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा और आसान तरीका उन्हें कटवा देना ही होता है, लेकिन उसके बाद बालों का पूरा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। ऐसे में बालों को दोमुंहेपन से बचने के लिए पपीते और दही का मिश्रण लगाना बेहतर होता है।
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बालों के टिप से क्यूटिकल की सुरक्षात्मक सतह हटने की वजह से स्प्लिट एंड्स यानी दोमुंहे बाल हो जाते हैं। इसके कारण ही बाल दो या तीन हिस्सों में बंट जाते हैं। कई बार थर्मल, मेकेनिकल और कैमिकल स्ट्रेस होने की वजह से बाल दोमुंहे हो जाते हैं। इसमें बालों की बाहरी लेयर बेजान हो जाती है।
दोमुंहे बालों की समस्या ब्लोअर के इस्तेमाल, बालों को स्ट्रेट कराने और सैलून में हेयर ग्रूमिंग सॉल्यूशन के इस्तेमाल से भी हो सकती हैं । इसके अलावा बालों पर अत्यधिक रसायनिक प्रोडक्ट, बार-बार धोना, खराब तरह से बालों की देखभाल आदि से भी बालों पर बुरा असर पड़ता हैं । इसके लिए पपीते का पैक लगाएं।
पपीता विटामिन, एंजाइम्स, प्रोटीन और मिनरल्स का खजाना है, जिससे बालों को पोषण मिलता है और वो दोमुंहे नहीं होने पाते हैं। पपीते का हेयर मास्क ड्राई और बेजान स्कैल्प को पोषित करने का काम करता है।
दही में विटामिन बी 5 तथा प्रोटीन्स की भरपूर मात्रा होती है जो की बालों के लिए काफी अच्छी होती है। इससे बालों में होने बाली रूसी ,रूखापन दूर होने के साथ बाल चमकदार और मुलायम बनते है।इस पैक को बनाने के लिये सबसे पहले आप अपने बालों के अनुसार पपीता काट कर उसे मिक्सी में पीस लें । पीसने के बाद इसमें आधा कप दही का डालें फिर इस पैक को अपने पूरे बालों पर लगा लें अधिकतर दोमुंहे बालों पर लगाएं,और फिर आधे घंटे के बाद धो दें।
बालों को सही रखने के लिए आपको बस इतना ही करना है कि अपने बालों के टाइप के अनुसार आप सही चीजों वाले सही प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करें। आप जो भी चीज ले रहे हैं, उसके इन्ग्रेडिएंट्स के बारे में जानकारी जरूर लें।
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आयुर्वेदिक तेल सिर में जा कर बालों की जड़ों को मजबूत करने का काम करते है! यहां ऐसे ही कुछ तेलों की जानकारी दी गई है जो बालों की जड़ों और बालों को मुलायम करने के लिए, बालों का झड़ना रोकने के लिए, रुसी के लिए, बालों को सफेद होने से बचाने के लिए और बालों को चमक व चिकना करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है!
गुडहल का तेल कई समय से प्रयोग होता आ रहा है। इस तेल को लगाने से बाल काले और सुंदर हो जाते हैं। साथ ही यह तेल असमय सफेद बालों को बचाता है और उसमें ब्लैक शाइन लाता है। इसके अलावा गुडहल का तेल बालों को पतला होने और झड़ने से भी रोकता है।
गुडहल का तेल बनाने का उपाय- गुडहल का तेल बनाने के लिए आपको 3 से 4 गुड़हल के फूल और मुठ्ठीभर पत्तियां, एक चम्मच दाना और लगभग 250 ग्राम नारियलके तेल की जरूरत होती है। तेल बनाने के लिए सबसे पहले गुड़हल के फूल और पत्तियों को मिक्सी में पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इसे एक बर्तन में लेकर इस पेस्ट में नारियल का तेल मिलाकर गर्म करें। इस पेस्ट को लगातार चलाते रहें। फिर इसमें मेथी दाना डालकर एक मिनट के लिए गर्म करें। ठंडा होने पर तेल को बोतल में भर लें। तेल का प्रयोग जब भी करें, हल्का गर्म जरूर कर लें।
बालों के झड़ने, असमय सफेद होने और बालों की अन्य समस्याओं के लिए आंवले का तेल बहुत फायदेमंद होता है। यह बालों के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक उपचार है। आंवला तेल में मौजूद विटामिन सी और आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व बालों और स्कैल्प को हेल्दी रखने में मदद करते है। पहले की महिलाएं आंवला को एक प्राकृतिक डाई के रूप में प्रयोग करती थी। आंवले का तेल सफेद हो रहे बालों को काला करने में मदद करता है।
आंवले का तेल बनाने की विधि-इस तेल को बनाने के लिए थोड़े से आंवले लेकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बारीक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अपने हेयर ऑयल या फिर नारियल के तेल में मिलाकर बोतल के ढक्कन को कस के बंध कर दें। आंवले के तेल को अच्छे से मिक्स होने के लिए एक हफ्ते का समय लगेगा।एक हफ्ते के बाद तेल को छानकर किसी साफ बोतल में भर लें। इस तेल को आप अपने बालों में हफ्ते में एक या दो बार जरूर लगाएं। अपनी उंगलियों के पोरों को सिर पर हल्के-हल्के घुमाते हुए तेल लगाये। सिर धोने से 40 मिनट पहले यह तेल लगाएं।
आयुर्वेद में बालों के लिए भृंगराज को बहुत उपयोगी माना जाता है। इसे बालों का राजा कहा जाता है। आपके बाल झड़ रहे हो या आप रूसी की समस्या से निजात पाने चाहते हैं तो भृंगराज का इस्तेमाल आपके लिए अचूक औषधि साबित होगा। रोजाना भृंगराज तेल से बालों में मालिश करने से बाल काले और घने होते हैं। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है। इसे लगाने से बालों में रुसी भी कम होती है। यह सिर को ठंडक भी पहुंचाता है।
भृंगराज तेल बनाने की विधि-इसके लिए आप सबसे पहले भृंगराज के पत्तों का रस निकाल लें और उसमें उतनी ही मात्रा में नारियल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर थोड़ी देर के लिए रख दें। केवल तेल रह जाए तो उसे उतार कर ठंडा कर लें। अगर धीमी आंच पर रखने से पहले आंवले का रस मिला लिया जाए तो तेल और भी अच्छा बनता है। इसके अलावा अगर बालों में रूसी हो या फिर बाल झड़ते हों तो इसके पत्तों का रस 15-20 मिलीग्राम लें। इस तेल का प्रयोग काफी फायदेमंद होता है।
बवासीर या हैमरॉइड से अधिकतर लोग पीड़ित रहते हैं। इस बीमारी के होने का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या और खान-पान है। बवासीर में होने वाला दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है।
बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण गुदे में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
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रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगों दें और इसे सुबह के समय में इसे उसी पानी में इसे मसल दें। इस पानी को रोजाना सेवन करने से कुछ ही दिनों में बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
बड़ी इलायची
बड़ी इलायचीभी बवासीर को दूर करने का बहुत ही अच्छा उपचार है। इसे सेवन करने के लिए लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लीजिए। रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।
डेढ़-दो कागजी नींबूअनिमा के साधन से गुदा में लें। 10-15 मिनट के अंतराल के बाद थोड़ी देर में इसे लेते रहिए उसके बाद शौच जायें। यह प्रयोग 4-5 दिन में एक बार करें। इसे 3 बार प्रयोग करने से बवासीर में लाभ होता है।
जीरा
करीब दो लीटर मट्ठा लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोडा नमक मिला दें। जब भी प्यास लगे तब पानी की जगह यह छाछ पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करने से बवासीर के मस्से ठीक हो जाते है। या आधा चम्मच जीरा पावडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें।
इसबगोल
इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्सा ज्यादा दर्द भी नही करता।
जामुन की गुठली और आम की गुठली के अंदर का भाग सुखाकर इसको मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
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चौथाई चम्मच दालचीनीचूर्ण एक चम्मच शहद में मिलाकर प्रतिदिन एक बार लेना चाहिए। इससे बवासीर नष्ट हो जाती है। हरड या बाल हरड का प्रतिदिन सेवन करने से आराम मिलता है। अर्श (बवासीर) पर अरंडी का तेल लगाने से फायदा होता है। साथ ही नीम का तेल मस्सों पर लगाइए और इस तेल की 4-5 बूंद रोज पीने से बवासीर में लाभ होता है। आराम पहुंचानेवाली क्रीम, मरहम, वगैरह का प्रयोग आपको पीड़ा और खुजली से आराम दिला सकते हैं।
इन औषधियों के प्रयोग के अलावा अपनी आंतों की गतिविधियों को सामान्य रखने के लिये, फल, सब्ज़ियां, ब्राउन राईस, ब्राउन ब्रेड जैसे रेशेयुक्त आहार का सेवन कीजिए। ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन कीजिए।
आंखों के नीचे पड़ने वाले डार्क सर्कल आपकी खूबसूरती बिगाड़ सकते हैं। यह समस्या कई वजहों जैसे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, नींद न आना, मानसिक तनाव या फिर बहुत ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण भी हो सकती है। इन डार्क सर्कल की वजह से आपकी सुंदरता तो कम होती ही है साथ ही व्यक्ति थका हुआ और उम्रदराज भी नजर आता है। आइए जानें डार्क सर्कल को दूर करने के घरेलू नुस्खों के बारे में।
चायपत्ती को पानी के साथ उबाल लें और फिर ठंडा होने के लिए रख दें। इसके बाद रुई के फाहे को उसमें भिगोकर आंखों के नीचे और आस-पास लगाएं। थोड़ी देर बाद पानी से चेहरा साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे के काले घेरे तेजी से कम हो जाएंगे।
जैतून तेल
जैतून का तेल सौंदर्य से जुड़ी कई समस्याओं में काफी फायदेमंद है। इससे आंखों के आसपास हल्के हाथों से मालिश करें, इससे रक्त संचार ठीक रहता है और आंखों की थकान कम होती है जिससे डार्क सर्कल की समस्या दूर होती है।
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संतरे का रस विटामिन सी से भरपूर होता है जो कि त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है। संतरे के रस में ग्लिसरीन की कुछ बूंदे मिलाएं और इस पेस्ट को हर रोज आंखों और आस पास के एरिया पर लगाएं। यह डार्क सर्कल से निजात दिलाने का प्रभावशाली तरीका है।
बादाम का तेल
काले घेरे से छुटकारा पाने के लिए बादाम के तेल बहुत फायदेमंद है। बादाम के तेल को आंखों के आस-पास लगाकर कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। फिर उंगलियों से 10 मिनट तक हल्की मालिश करें। इसके बाद चेहरा साफ कर लें।
बादाम के तेल और शहद को अच्छी तरह मिलाकर सोने के पहले आंखों के आसपास लगाएं और सारी रात लगा रहने दें। सुबह उठकर सामान्य पानी से चेहरा धो लें। हर रोज इस नुस्खे को आजमाने से कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल दूर हो जाएगा।
पुदीना पत्ता
पुदीने की पत्तियों को पीस लें और आंखों के आस पास लगा लें। इसे कुछ देर तक इस पेस्ट को ऐसे ही छोड़ दें और फिर आंखों को पानी से धो लें। इससे आपको डार्क सर्कल से निजात पाने में काफी सहायता मिलेगी।
गुलाब जल की मदद से डार्क सर्कल की समस्या से निजात पा सकते हैं। बंद आंखों पर गुलाब जल में भिगोई हुई रूई को आंखों पर रखें। ऐसा केवल 10 मिनट तक करें। ऐसा करने से आंखों के आस पास की त्वचा चमक उठेगी।
टी बैग
डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए प्रयोग किए गए ठंडे टी-बैग्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। टी-बैग्स में मौजूद तत्व टैनिन आंखों के आसपास की सूजन और काली त्वचाको पहले जैसे करता है और आपको डार्क सर्कल से निजात मिलता है।
टमाटर के रस में, नींबू का रस,चुटकीभर बेसन और हल्दी मिला लें। इस पेस्ट को अपनी आंखों के चारों ओर लगाएं और 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। ऐसा हफ्ते में 3 बार जरुर करें। इससे डार्क सर्कल धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
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यह बहुत ही असरकारी नुस्खा है। रात में सोने से पहले चेहरा को अच्छे से साफ करें। इसके बाद आलू की पतली स्लाइस काटकर उन्हें आंखों पर 20 से 25 मिनट रखें। इसके बाद चेहरा को अच्छे से साफ कर लें।
हृदय हमारे शरीर का सबसे व्यस्त अंग है, जो हमारे जन्म के साथ ही कार्य करना शुरू करता है तो मृत्यु के साथ ही बंद होता है। यदि आप हृदय के स्वास्थ्य को गंभीरता से लेते हैं तो एक बात सदैव ध्यान में रखें कि तेल व चिकनाई युक्त पदार्थों का ज्यादा सेवन तथा धूम्रपान हृदय के परम शत्रु हैं। अत: इनसे दूर रहें। इसके अलावा अधिक मात्रा में मांस, शराब व गरिष्ठ भोजन का सेवन भी हृदय को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही मल, मूत्र, छींक व हिचकी के वेग को रोकना भी हृदय के लिए हानिकारक है।
कुछ आसान घरेलू उपायों से आप अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। जैसे की बचपन में लगी चोटों का ईलाज हमारे घरों में ही मिल जाया करता था। जबकि आज तो तुरंत डॉक्टर के पास दौड़ते हैं। आज भी अगर आप अपनी दादी या नानी से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का जि़क्र करेंगे, तो वो आपको कई नुस्खे बतायेंगी। सबसे अच्छी बात यह है कि आप भी घर बैठे इन घरेलू उपचारों से लाभ पा सकते हैं।
ऐसा भी हो सकता है कि समय की बाध्यता से या किन्हीं अन्य कारणों से आपने यह नुस्खे ना अपनाये हों, तो आज इन्हें आज़मा कर देखें-
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जब किसी के शरीर में रक्त-प्रवाह सामान्य से कम हो जाता है तो उसे निम्न रक्तचाप कहते है नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से कोई फर्क नही पड़ता लेकिन यदि ऊपर 90 से कम हो जाए तो फिर उसे लो ब्लड प्रेशर यानि निम्न-रक्तचाप कहते हैं जहाँ रोगी के रक्त का दबाव 120 से ऊपर जाने पर उसे हाई ब्लड प्रेशर कहते है-
घर में उपलब्ध कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां है जो आप ले सकते है । जैसे एक बहुत अच्छी दवा आप के घर में है वो है दालचीनी जो मसाले के रूप में उपयोग होता है वो आप पत्थर में पीस कर पाउडर बना के आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट गरम पानी के साथ खाइए अगर थोडा खर्च कर सकते है तो दालचीनी को शहद के साथ लीजिये (आधा चम्मच शहद आधा चम्मच दालचीनी) गरम पानी के साथ, ये हाई BP के लिए बहुत अच्छी दवा है । और एक अच्छी दवा है जो आप ले सकते है पर दोनों में से कोई एक । दूसरी दवा है मेथी दाना, मेथी दाना आधा चम्मच लीजिये एक ग्लास गरम पानी में और रात को भिगो दीजिये, रात भर पड़ा रहने दीजिये पानी में और सुबह उठ कर पानी को पी लीजिये और मेथी दाने को चबा के खा लीजिये । ये बहुत जल्दी आपकी हाई BP कम कर देगा, डेढ़ से दो महीने में एकदम स्वाभाविक कर देगा ।
और एक तीसरी दवा है हाई BP के लिए वो है अर्जुन की छाल । अर्जुन एक वृक्ष होती है उसकी छाल को धूप में सुखा कर पत्थर में पीस के इसका पाउडर बना लीजिये । आधा चम्मच पाउडर, आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पी ले । ये हाई BP को ठीक करेगा, कोलेस्ट्रोल को ठीक करेगा, ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करेगा, मोटापा कम करता है , हार्ट में अर्टेरिस में अगर कोई ब्लोकेज है तो वो ब्लोकेज को भी निकाल देता है ये अर्जुन की छाल । डॉक्टर अक्सर ये कहते है न की दिल कमजोर है आपका, अगर दिल कमजोर है तो आप जरुर अर्जुन की छाल लीजिये हर दिन , दिल बहुत मजबूत हो जायेगा आपका, आपका ESR ठीक होगा, ejection fraction भी ठीक हो जायेगा; बहुत अच्छी दवा है ये अर्जुन की छाल ।
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और एक अच्छी दवा है हमारे घर में वो है लौकी का रस । एक कप लौकी का रस रोज पीना सबेरे खाली पेट नास्ता करने से एक घंटे पहले और इस लौकी की रस में पांच धनिया पत्ता, पांच पुदीना पत्ता, पांच तुलसी पत्ता मिलाके, तीन चार काली मिर्च पीस के ये सब डाल के पीना ये बहुत अच्छा आपके BP ठीक करेगा और ये ह्रदय को भी बहुत व्यवस्थित कर देता है कोलेस्ट्रोल को ठीक रखेगा मधुमेह में भी काम आता है ।
और एक मुफ्त की दवा है , बेल पत्र की पत्ते – ये उच्च रक्तचाप में बहुत काम आते है । पांच बेल पत्र ले कर पत्थर में पीस कर उसकी चटनी बनाइये अब इस चटनी को एक ग्लास पानी में डाल कर खूब गरम कर लीजिये , इतना गरम करिए के पानी आधा हो जाये , फिर उसको ठंडा करके पी लीजिये । ये सबसे जल्दी उच्च रक्तचाप को ठीक करता है और ये बेलपत्र आपके शुगर को भी सामान्य कर देगा । जिनको उच्च रक्तचाप और शुगर दोनों है उनके लिए बेल पत्र सबसे अच्छी दवा है ।
और एक मुफ्त की दवा है हाई BP के लिए – देशी गाय की मूत्र पीये आधा कप रोज सुबह खाली पेट ये बहुत जल्दी हाई BP को ठीक कर देता है । और ये गोमूत्र बहुत अदभुत है , ये हाई BP को भी ठीक करता है और लो BP को भी ठीक कर देता है – दोनों में काम आता है और यही गोमूत्र डायबटीज़ को भी ठीक कर देता है , Arthritis , Gout (गठिया) दोनों ठीक होते है । अगर आप गोमूत्र लगातार पी रहे है तो दमा भी ठीक होता है अस्थमा भी ठीक होता है, Tuberculosis भी ठीक हो जाती है । इसमें दो सावधानिया ध्यान रखने की है के गाय शुद्ध रूप से देशी हो और वो गर्भावस्था में न हो ।
निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए दवा :
निम्न रक्तचाप की बीमारी के लिए सबसे अच्छी दवा है गुड । ये गुड पानी में मिला के, नमक डाल के, नीबू का रस मिला के पी लो । एक ग्लास पानी में 25 ग्राम गुड, थोडा नमक नीबू का रस मिला के दिन में दो तीन बार पीने से लो BP सबसे जल्दी ठीक होगा ।
और एक अच्छी दवा है अगर आपके पास थोड़े पैसे है तो रोज अनार का रस पीयो नमक डालकर इससे बहुत जल्दी लो BP ठीक हो जाती है , गन्ने का रस पीये नमक डालकर ये भी लो BP ठीक कर देता है, संतरे का रस नमक डाल के पीयो ये भी लो BP ठीक कर देता है , अनन्नास का रस पीये नमक डाल कर ये भी लो BP ठीक कर देता है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दवा है मिश्री और माखन मिला के खाओ – ये लो BP की सबसे अच्छी दवा है ।
लो BP के लिए और एक बढ़िया दवा है दूध में घी मिला के पियो , एक ग्लास देशी गाय का दूध और एक चम्मच देशी गाय की घी मिलाके रात को पीने से लो BP बहुत अच्छे से ठीक होगा ।
और एक अच्छी दवा है लो BP की और सबसे सस्ता भी वो है नमक का पानी पियो दिन में दो तीन बार , जो गरीब लोग है ये उनके लिए सबसे अच्छा है ।
शुगर का इलाज | शुगर में गुड़ खाना चाहिए या नहीं ? | शुगर में आहार
मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढा़ हुआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल,) के अवयव के बढने के कारण होता है। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है। शुगर
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शुगर कैसे होता है ?
Sugar kya hai Aur Ye Kaise Hota hai ?
भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। pancreas (अग्न्याशय) ग्लूकोज उत्पन्न करता है इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।
मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है जब आपके रक्त में वसा (गंदे कोलेस्ट्रोल)LDL की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है)
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वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है जिस कारण जब हम शुगर level चैक करते हैं शरीर में हमेशा शुगर का स्तर हमेशा ही बढा हुआ होता है क्यूंकि वो कोशिकाओ तक नहीं पहुंची क्योंकि वहाँ (गंदे कोलेस्ट्रोल)LDL VLDL जमा हुआ है जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते है तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है ! अब आप समझ गये होगे कि मधुमेह का रिश्ता कोलेस्ट्रोल से है न कि शुगर से
जब सम्भोग के समय पति पत्नी आपस में नही बना कर रख पाते है या सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है समझ जाइये मधुमेह हो चुका है या होने वाला है क्योकि जिस आदमी को मधुमेह होने वाला हो उसे सम्भोग के समय बहुत तकलीफ होती है क्योकि मधुमेह से पहले जो बिमारी आती वो है सेक्स में प्रोब्लम होना, मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सूखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। बार बार बहुत अधिक प्यास लगती है अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रोगी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्मध्घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।
शुगर मधुमेह का इलाज
Sugar Ka Ilaj Aur Gharelu Nuskhe In Hindi
राजीव भाई की एक छोटी सी सलाह है कि आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डायबिटीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!
100 ग्राम (मेथीका दाना )ले ले इसे धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें
100 ग्राम (तेज पत्ता ) ले लें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें
150 ग्राम (जामुन की गुठली )ले लें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें
250 ग्राम (बेलपत्र के पत्ते ) ले लें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें
तो इन सबका पाउडर बनाकर इन सबको एक दूसरे मे मिला लें ! बस दवा तैयार है ! इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें ! 2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये ) कई बार लोगो से सीधा पाउडर लिया नहीं जाता ! तो उसके लिए क्या करें?? आधे से आधा गिलास पानी को गर्म करे उसमे पाउडर मिलाकर अच्छे से हिलाएँ ! वो सिरप की तरह बन जाएगा ! उसे आप आसानी से एकदम पी सकते है ! उसके बाद एक आधा गिलास अकेला गर्म पानी पी लीजिये !
अगर आप इसके साथ एक और काम करे तो सोने पे सुहागा हो जाएगा ! और ये दवा का असर बहुत ही जल्दी होगा ! जैसा कि आप जानते है शरीर की सभी बीमारियाँ वात,पित ,और कफ के बिगड़ने से होती हैं !! दुनिया मे सिर्फ दो ही ओषधियाँ है जो इन तीनों के सतर को बराबर रखती है !
अब आप ठहरे अँग्रेजी मानसिकता के लोग ! गौ मूत्र का नाम सुनते ही आपकी नाक चढ़ गई होगी ! और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा ! तो खैर आपकी जानकरी के लिए बता दूँ कि अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं ! उसको इसका महत्व समझ आने लगा है !! और हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया है ! लेकिन गौ मूत्र का नाम सुनते हमारी नाक चढ़ती है !
खैर जिसको पीना है वो पी सकता है ! गौ मूत्र बिलकुल ताजा पिये सबसे बढ़िया ! बाहरी प्रयोग के लिए जितना पुराना उतना अच्छा है लेकिन पीने के लिए ताजा सबसे बढ़िया ! हमेशा देशी गाय का ही मूत्र पिये (देशी गाय की निशानी जिसकी पीठ पर हम्प होता है ) ! 3 -4 घंटे से अधिक पुराना मूत्र ना पिये ! और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !
एक बात याद रखें इनकी मात्रा हमेशा 1:2:3 होनी चाहिए ! 1 अनुपात 2 अनुपात 3 ! बाजार मे जितने भी त्रिफला चूर्ण मिलते है सब मे तीनों की मात्रा बराबर होती है ! बहुत ही कम बीमारियाँ होती है जिसमे त्रिफला बराबर मात्रा मे लेना चाहिए! इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 :3 मे ही बनवाए !
सबसे पहले हरड़ 100 ग्राम , फिर बहेड़ा 200 ग्राम और अंत आंवला 300 ग्राम ! इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म दूध के साथ प्रयोग करें !
चीनी का प्रयोग कभी ना करें और जो sugar free गोलियां का तो सोचे भी नहीं ! गुड़ खाये , फल खाये ! भगवान की बनाई गई कोई भी मीठी चीजे खा सकते हैं ! रात का खाना सूर्यास्त के पूर्व करना होगा ! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें
ऐसी चीजे ज्यादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे ज्यादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायट कम हो और फाइबर वाली ज्यादा हो रेशेदार चीजे ज्यादा खाए। सब्जिया में बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज ज्यादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।
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