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80 साल तक शरीर में कैल्सियम की कमी नहीं होने देगा,75 की उम्र में 25 वाली चमक,स्फूर्ति,तेजी देगा

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ashwagandha

अश्वगंधा सैकड़ों वर्ष से एक हर्बल उपचार के रूप में उपयोग में लाया जाता है। न केवल भारत में, बल्कि नेटिव अमेरिकिन और अफ्रीकन भी सूजन और बुखार का इलाज और संक्रमण के खिलाफ संरक्षण के रूप में इसका उपयोग कर रहे है।

■   हाथों और पैरों में दर्द सूजन जलन का इलाज के 5 घरेलू उपाय

अश्वगंधा भारतीय जिनसेंग (औषधीय पौधा जो दक्षिण एशिया और उत्तर अमेरिका में पाया जाता है) के रूप में जाना जाता है और इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है जैसे कि एशियन जिनसेंग पारंपरिक चीनी चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। अश्वगंधा चाय पौधो की जड़ों और पत्तियों से बनी होती है और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी उपयोग में लाई जाती है। यह चाय आसानी से एक पोने घंटे के लिए पानी में सूखी जड़ी बूटी को उबालने और फिर इसको छानने के द्वारा घर पर आसानी से बनाई जा सकती है। पौधे की जड़ बड़े पैमाने पर वजन में कम से कम तीन ग्राम होनी चाहिए, और यह मात्रा तीन से चार कप चाय बनाने के लिए चाहिए।

क्‍या है अश्वगंधा

अश्वगंधा टमाटर के रूप में एक ही संयंत्र परिवार से एक झाड़ी (पौधा) है। इसमें फ्लेवोनॉइड और एंटीऑक्सीडेंट की तरह कई लाभकारी तत्व है। अनुसंधान से पता चलता है कि यह मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल ट्रांसमिशन में सुधार लाने में मदद करता है। स्कूल जाने वाले बच्चों नें याददाश्त में सुधार आने जैसे लाभो के बारे में कहा है और हर सुबह नियमित रूप से अश्वगंधा चाय के सेवन द्वारा ज्ञान को स्वीकार किया है। आइए जानें अश्‍वगंधा आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कैसे फायदेमंद है।

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■   अगर आप भी करते हैं ऐसा, तो ‘ज़हर’ बन जाती है आपकी चाय!

मन को शांत करें

अश्वगंधा को एक हल्के शामक के रूप में भी जाना जाता है चूंकि यह मन को शांत करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देते है। यह एक टॉनिक के रूप में आयुर्वेदिक चिकित्सा में तनाव को रोकने और सहनशक्ति को बढ़ाता है।

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एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

अश्वगंधा के एंटीऑक्सीडेंट गुण जाहिरा तौर पर एलडीएल ऑक्सीकरण में कमी लाते है, जिससे हृदय रोग के विकास के जोखिम में कमी आती है यदि नियमित रूप से यह लिया जाता है। अश्वगंधा के एक अन्य लाभ मधुमेह रोगियों के लिए मोतियाबिंद को रोकना है। मोतियाबिंद दुनिया में अंधापन का एक प्रमुख कारण हैं, और भी मधुमेह रोगियों के लिए एक विकलांगता के प्रमुख स्रोत हैं। जिनसेंग और जिनसेंग की तरह अश्वगंधा जड़ी बूटी ओस्सिडेटिव प्रक्रियाओं को रोकती है जोकि मोतियाबिंद को विकसित करने का कारण हो सकता है। अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर को रोकने में भी मदद कर सकता है, हालांकि एक डॉक्टर के परामर्श के बिना कभी भी सप्लीमेंट नही लिया जाना चाहिए।

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गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद

गर्भवती माताओँ को इसके सेवन के लिए अत्यधिक सिफारिश की गई है। यह मां के रक्त को शुद्ध करने और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी जाना जाता है पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाइयों को प्रसव के दौरान अश्वगंधा चाय का उपयोग करते है क्योंकि यह एक गर्भाशय शामक है।

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■   अल्जाइमर रोग (भूलने के बीमारी) में उचित खानपान – Alzheimer Diet Chart In Hindi

अल्‍जाइमर रोग का उपचार करें

यह अल्जाइमर रोग के उपचार में भी सहायक पाया गया है। फिलिस बाल्च के अनुसार, एक प्रमाणित पोषण विशेषज्ञ के मुताबिक, यह जड़ी बूटी मस्तिष्क उपयोगी एक्टेल्कोलाइन, जो एक रसायन है संशोधित करने के द्वारा सही समृति हानी में मदद करता है, जो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाता है। यह आश्चर्यजनक जड़ी बूटी अपनी ही कोशिकाओं को नष्ट करने से मस्तिष्क को बचाने की मदद करता है, स्मृति हानि और संज्ञानात्मक हानि को रोकता है।

Alzheimer

एंटी-एजिंग भी है अश्‍वगंधा

इसमें एंटी-एजिंग लाभ भी है चूंकि यह ऊतको के पुनर्जनन को बढ़ावा देता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। 2,500 से अधिक वर्षों के लिए, अश्वगंधा को एक एडेपटोजेन के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है कि यह दिमाग औऱ शरीर को तनाव से उभरने में मदद रकता है। यह फिर से युवा, संतुलन, मजबूत और तंत्रिका तंत्र को शांत करने के लिए उपयोग किया जाता है।

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स्वाभाविक रूप से अश्वगंधा में स्टेरॉयड होता है जो विभिन्न स्थितियों में लाभकारी है जैसे कि गठिया और कार्पन टनेल सिंड्रोम के उपचार में लाभकारी है। ये प्राकृतिक स्टेरॉयड ऐसे इनफ्लेम्मेटरी स्थितियों के साथ जुड़े दर्द को कम करने में विशेशरूप से लाभकारी हो सकती है। हालांकि, यहां इस जड़ीबूटी के के लिए स्वास्थ्य लाभो का समर्थन करने के लिए कई शोध किये गए है, यह उचित होगा कि अश्वगंधा चाय के साथ किसी भी गंभीर चिकित्सा स्थिति के उपचार से पहले चिकित्सक से परामर्श करें।

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■   इन वजहों से होता है कमर दर्द, इसको जड़ से ख़त्म करने का सबसे आसान घरेलु उपाय

मानव सेहत के लिए रामबाण है मशरूम का सेवन, फायदे जानकर दंग रह जायेंगे आप

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mushroom

वेजिटेरियन हों या फिर नॉन वेजिटेरियन, मशरूम की सब्‍जी हर किसी को पसंद होती है। और भला हो भी क्यों ना, यह स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाध पदार्थ जो है। इसमें एमीनो एसिड, खनिज, लवण, विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। चीन में तो इसे महौषधि एवं रसायन सदृश्य माना जाता है। वहीं रोम के लोग मशरूम को र्इश्वर का आहार मानते हैं। भारत में उगने वाले मशरूम की दो सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रजातियां वाइट बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम है।

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■   पेट फूलने की समस्या हो या फिर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की, पेट को साफ़ करना हो या फिर एसिडिटी मिटाने की, सुबह उठकर पिए सिर्फ़ 1 गिलास

ट्यूमर को रोके

मशरूम में कालवासिन, क्यूनाइड, लेंटीनिन, क्षारीय एवं अम्लीय प्रोटीन की उपस्थिति मानव शरीर में टयूमर बनने से रोकती है। साथ ही इसमें लगभग 22-35 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। जो पौधों से प्राप्त प्रोटीन से कही अधिक होती है तथा यह शाकभाजी व जन्तु प्रोटीन के मध्यस्थ का दर्जा रखता है।इसमें प्यूरीन, पायरीमिडीन, क्यूनान, टरपेनाइड इत्यादि तत्व भी होते है जो जीवाणुरोधी क्षमता प्रदान करते है।

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हृदय रोगों से बचाव

मशरूम में हाइ न्‍यूट्रियंट्स पाये जाते हैं, इसलिये ये दिल के लिये भी अच्‍छे होते हैं। साथ ही मशरूम में कुछ प्रकार के एंजाइम और रेशे पाए जाते हैं जो हमारे कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।

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■   99% लोगो को ये नहीं पता की बादाम किन लोगो को भिगो कर खाने चाहिए और किन लोगो को नहीं!!

प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए मजबूत

मशरूम में मौजूद एंटी ऑक्‍सीडेंट हमें हानिकारक फ्री रेडिकल्‍स से बचाते हैं। मशरूम का सेवन करने से शरीर में एंटीवाइरल और अन्‍य प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जो शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जो कि माइक्रोबियल और अन्‍य फंगल संक्रमण को भी ठीक करता है।

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कुपोषण से बचाए

मशरूम गर्भवस्था, बाल्यावस्था, युवावस्था तथा वृद्धावस्था तक सभी चरणों में उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन, खनिज, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट बाल्यावस्था से युवावस्था तक कुपोषण से बचाते हैं। इसलिए डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं।

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■   10 रूपये की यह चीज शुगर, पथरी ,घुटने के दर्द ,जोड़ो के दर्द ,को हमेशा के लिए मिटा देगा

हीमोग्लोबिन रखे ठीक

मशरूम का सेवन रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है। इसके अलावा इसमें बहुमूल्य फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो केवल मांसाहारी खाध पदार्थो में होता है। अत: लौह तत्व एवं फोलिक एसिड के कारण यह रक्त की कमी की शिकार अधिकांश शाकाहारी ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों के लिये ये सर्वोत्तम आहार है।

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मोटापा से बचाए

मशरूम में लीन प्रोटीन होता है जो कि वजन घटाने में मददगार होता है। मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसके लिए मशरूम खाना बेहतर विकल्पों में से एक माना जाता है।

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■   चुटकी भर गुग्गुल पानी मे मिलाकर पीने से गठिया, जोड़ो का दर्द, सायटिका, कमर दर्द, मोटापा, लकवा, ट्यूमर और शारीरिक कमजोरी आदि 35 रोगों में रामबाण

कैंसर के लिए मशरूम

मशरूम का सेवन करने से प्रोस्‍टेट और ब्रेस्‍ट कैंसर से बचाव होता है। क्योंकि इसमें बीटा ग्‍लूकन और कंजुगेट लानोलिक एसिड होता है जो कि एक एंटी कासिजेनिक प्रभाव छोड़ते हैं। कई शोध भी इस बात का समर्थन करती हैं कि मशरूम में मौजूद तत्व कैंसर के प्रभाव को कम करते हैं।

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पेट के विकार करे दूर

ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे (लगभग 1 प्रतिशत) व कार्बोहाइड्रेट तन्तु होते हैं, इसका सेवन करने से कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों से बचाव होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्राल एवं शर्करा का अवशोषण भी कम होता है।

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■   सभी बीमारियों का काल है यह चूर्ण, खा लिया तो हो जाएगा कायाकल्प, जीवनभर निरोग रहने का सबसे आसान उपाय

मैटाबॉलिज्‍म करे मजबूत

मशरूम में विटामिन ‘बी’ होता है जो कि भोजन को ग्‍लूकोज़ में बदल कर ऊर्जा पैदा करता है। विटामिन बी-2 और बी-3 भी मैटाबॉलिज्‍म को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए मशरूम खाने से मैटाबॉलिज्‍म बेहतर बना रहता है।

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मधुमेह

मधुमेह रोगियों के लिए मशरूम उत्तम आहार माना जाता है। मशरूम में शर्करा (0.5 प्रतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होते हैं। इनमें वो सब कुछ होता है जो किसी मधुमेह रोगी को चाहिये। मशरूम में विटामिन, मिनरल और फाइबर होते हैं। साथ ही इमसें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो कि मधुमेह रोगी के लिये जानलेवा है। यह शरीर में इनसुलिन के निर्माण में भी मदद करता है।

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■   सिर्फ 1 महीने तक पैरो के इन 2 पॉइंट को दबाने से मधुमेह भी घुटने टेक देता है, बहुत ही अद्भुत उपाय है जरूर आजमाएँ

सीताफल के फायदे – Health Benefits Of Custard Apple (Sitafal)

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सीताफल के फायदे

आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे फल के बारे में जिसके सेवन से आपको बालों से जुड़े सभी रोगों को सदा के लिए छुटकारा मिल जायेगा साथ ही साथ आगे भविष्य में भी बालों से जुड़े रोग जैसे की सफ़ेद होना, झड़ना, गंजापन आपको सता नही पाएंगे। इसके लिए बस आपको इस फल का सेवन करना है –

■  आँखों की रोशनी को इतनी तेज कर देगा ये नुस्खा की सारी जिंदगी चश्मे की जरूरत नहीं पड़ेगी

सीताफल(शरीफा ) एक बड़ा ही स्वादिष्ट फल है लेकिन लोग इसके बारे में थोड़ा कम जानकारी रखते हैं। सीताफल अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात् आश्विन से माघ मास के बीच आने वाला फल है। अगर आयुर्वेद की बात माने तो सीताफल शरीर को शीतलता पहुंचाता है। यह पित्तशामक, तृषाशामक, उलटी बंद करने वाला,पौष्टिक,तृप्तिकर्ता, कफ एवं वीर्यवर्धक, मांस एवंरक्तवर्धक,बलवर्धक, वातदोषशामक एवं हृदय के लिए बहुत ही लाभदायी होता है। सीताफल को भगवन राम एवं माता सीता से जोड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि सीता ने वनवास के समय जो वन फल राम को भेंट किया, उसी का नाम सीताफल पड़ा। अगर आप दिन में एक सीताफल का सेवन करते हैं, तो आपको अनेको बीमारियों से निजात मिलेगा। आइये जानते हैं सीताफल खाने से हम किन-किन बीमारियों से निजात पा सकते हैं।

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सीताफल के फायदे – 
दुर्बलता थकान
अल्सर व एसिडिटी
गंजापन
बालों, आंखों और त्वचा के लिये सीताफल (Custard Apple) के फायदे
पाचन के लिए सीताफल (Custard Apple) के फायदे
त्वचा के लिए सीताफल (Custard Apple)  के फायदे
रक्तचाप और ह्रदय रोग के लिए सीताफल (Custard Apple) के फायदे

sitafal ke fayde

सीताफल के फायदे

Health Benefits Of Custard Apple (Sitafal)

Sitaphal Ke Fayde In Hindi

अतिसार और पेचिश

सीताफल का कच्चा फल खाना अतिसार और पेचिश में उपयोगी है। यह शरीर के लिए अत्यंत श्रेष्ठ  फल है। जब
फल कच्चा हो तब उसे काट कर सुखा दें और पीस कर रोगी को खिलाएं। इससे डायरिया की समस्या सही हो जाएगी।

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शरीर की दुर्बलता

सीताफल सिर्फ फल नहीं, दवा भी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग शरीर से दुबले पतले होते हैं उन्हें सीताफल खाना चाहिए। सीताफल खाने से शरीर की दुर्बलता तो दूर होती ही है।

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■  7 दिन में करें दाढ़ी और मूछों के सफ़ेद बालों को काला, करें ये रामबाण प्रयोग

दुर्बलता थकान

सीताफल शरीर की दुर्बलता, थकान, मांस- पेशियां क्षीण होने की दशा में सीताफल का खाना लाभकारी होता है।

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अल्सर व एसिडिटी

सीताफल एक मीठा फल है। इसमें काफी मात्रा में कैलोरी होती है। यह आसानी से पचने वाला और अल्सर व एसिडिटी में लाभकारी होता है। इसमें आयरन और विटामिन- सी की मात्रा अच्छी होती है। इसके अलावा सीताफल कई रोगों में रामबाण की तरह काम करता है।

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■  इसका रस गठिया, कमर दर्द एसिडिटी, कब्ज और लिवर में संजीवनी है तो गाँठ को गलाता है, जानिए ऐसे ही 17 फ़ायदे 

फोड़े 

सीताफल के पत्तों को पीस कर फोड़ों पर लगाने से फोड़े ठीक हो जाते हैं।

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गंजापन

सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीस कर बालों में लगाने से सिर के उड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं।

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बालों, आंखों और त्वचा के लिये सीताफल के फायदे

इसमे खूब सारा विटामिन ए होता है, जो कि हमारे बालों, आंखों और त्वचा के लिये बहुत ही फायदेमंद होता है।

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■  चेहरा जवाँ बनाएं

जलन

सीताफल खाने से इसके गूदे से बने शरबत को पीने से शरीर की जलन को ठीक करता है। वे लोग जिनका शरीर हर वक्त जलता रहता है और गर्म रहता है, उन्हें नियमित रूप से सीताफल का सेवन करना चाहिये।

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पाचन के लिए सीताफल के फायदे

पेट के लिये… इसमें घुलनशील रेशे होते हैं, जो कि पाचन क्रिया के लिये बेहतरीन होते हैं।

पाचनशक्ति-digestion

जुएं

सीताफल के बीजों को महीन चूर्ण बनाकर पानी से लेप तैयार कर रात को सिर में लगाएं एवं सबेरे धो लें। दो तीन रात ऐसा करने से जुएं समाप्त हो जाती हैं। चूंकि बीज से निकलने वाला तेल विषला होता है, इसलिए बालों में इसका लेप लगाते समय आंख को बचाकर रखना चाहिये।

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■  लिवर का इलाज

त्वचा के लिए सीताफल के फायदे

शरीफा में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। यह त्वचा पर आने वाले एजिंग के निशानों से भी बचाता है।

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रक्तचाप और ह्रदय रोग के लिए सीताफल (Custard Apple) के फायदे

सीताफल घबराहट को दूर करता है। हार्ट बीट को सही करता है। इसकी एक बड़ी किस्म और होती है, जिसे रामफल कहते हैं। जिनका हृदय कमजोर हो, हृदय का स्पंदन खूब ज्यादा हो, घबराहट होती हो, उच्च रक्तचाप हो ऐसे रोगियों के लिए भी सीताफल का सेवन लाभप्रद है।

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■  कपूर जलाने के 10 फायदे

रामफल के फायदे – Ramphal Health Benefits In Hindi (Graviola)

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रामफल ramphal graviola ke fayde aur labh in hindi

रामफल के फायदे

Ramphal Graviola Fruit Benefits

ग्रेविओला जिसे हिंदी में रामफल  कहते है, ज्यादातर अफ्रीका , दक्षिण  अमेरिका और दक्षिणपूर्व एशिया के बरसाती जंगलों में पाया जाता है. कुछ साल पहले जब इसके बारे में नए रिसर्च किये गए तो पता चला की इसके रस में कई ऐसे तत्व होते है जो कैंसर का इलाज करने में काम आ सकता है. यह तत्व यकृत और स्तन कैंसर के कीटाणुओं को मारने की क्षमता रखतें है.यह शरीफे की तरह दिखने वाला फल भारत के कई इलाकों में भी मिलता है जैसे हैदराबाद जो तेलंगाना की राजधानी है. यहाँ की भाषा “तेलुगु” में भी इसे रामफल ही कहतें हैं. क्या रामफल सचमुच कैंसर को मारने की क्षमता रखता है. चलिये देखते है की इस खट्टे फल की क्या क्या खास बातें है और ये कैसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

ग्रेविओला या रामफल मिलता कहाँ है ?
ग्रेविओला- एक फल अलग-अलग नाम-ग्रेविओला के समानार्थी शब्द
रामफल Ramphal के फायदे
कैंसर में रामफल Ramphal के फायदे
ग्रेविओला Ramphal पेड़ के रस का लाभ
ग्रेविओला (Ramphal) के अन्य औषधीय उपयोग
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ग्रेविओला या रामफल मिलता कहाँ है ?

रामफल का पेड़ एक सदाबहार पेड़ है जो क्यूबा, मध्य अमेरिका, मैक्सिको, कोलंबिया, ब्राजील, पेरू, वेनेजुएला और अन्य अमेज़न के वर्षावन क्षेत्रों में पाया जाता है. यह फल लाखों कैंसर के रोगियों के लोगों के साथ-साथ उनके डॉक्टरों के लिए आशा की एक किरण के रूप में आता है। इसका वैज्ञानिक नाम एनोना मुरिकाता है, और इस फल को कैंसर के प्राकृतिक इलाज के रूप में पूरे समुदाय के लिए एक भगवान का उपहार माना जा सकता है। वैसे कई परिक्षण किए गए हैं लेकिन इसे कैंसर के लिए एक सिद्ध उपचार के रूप में घोषित करने से पहले बहुत और परिक्षण करने की जरूरत है. अभी तक के रिसर्च से ये माना जा रहा है के ये फल कैंसर के इलाज़ में काफी कारगर हो सकता है। ग्रेविओला , पत्ते, पाउडर, कैप्सूल के रूप में और यहां तक कि तरल रूपों में विभिन्न रूपों में उपलब्ध है

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■  हरड़(हरीतकी) के 32 फायदे और सेवन विधि

ग्रेविओला- एक फल अलग-अलग नाम-ग्रेविओला के समानार्थी शब्द

Graviola Ramphal Fruit Other Names

स्पेनिश लोग इसे “गुआनबाणा ” फल कहते हैं। पुर्तगाली “ग्रेविओला ” कहते हैं। ब्राजीलियाई ऐसे गंदा, गुयाबानो, करोसोलिएर , गुआनावाना , टोगे बांरेिसि , डूरियन बंगला , नंगका ब्लॉन्डा , सिर्सक , और नंगका लोंडा के रूप में अलग-अलग नामों से बुलाते हैं । दक्षिण भारतीय राज्य केरल में, यह बस कांटों के साथ शरीफा,या “मुल्लथा ” के रूप में जाना जाता है। अन्य भारतीय क्षेत्रों में, यह शूल -राम-फल और हनुमान फल के रूप में जाना जाता है।यह बड़े फल आकार का एक खट्टा फल है । यह कच्चा खाया जाता है और इसके गूदे या रस का शर्बत तैयार करने में भी उपयोग हो सकता है. इस फल के कैंसर रोधक गुण उल्लेखनीय हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह एक नियमित कीमोथेरेपी से दस हजार गुना अधिक प्रभावी हो सकता है।

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रामफल के फायदे

Graviola Health Benefits In Hindi

  • इससे भी बड़ी बात ये है कि यह एक प्राकृतिक फलों का रस है, इसलिए किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं होता ।
  • वैसे ग्रेविओला कई तरह के इलाज में उपयोग किया जाता है, यह मुखयतः अपने कैंसर विरोधी प्रभाव के लिए बहुत लोकप्रिय हो गया है
  • पेट के कीड़े और परजीवी इस फल से स्वाभाविक रूप से मारे जाते है
  • इसमें कोई शक नहीं कि ग्रेविओला कैंसर की रोकथाम का काम करता है
  • ग्रेविओला उच्च रक्तचाप के प्रबंधन और उपचार में भी प्रयोग किया जाता है उच्च रक्तचाप में रामफल के फायदे 

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  • अपने एंटीबायोटिक या माइक्रोबियल विरोधी गुणों के कारण ग्रेविओला फंगल संक्रमण से लड़ने में अद्भुत काम करता है  फंगल संक्रमण में रामफल के फायदे 
  • तनाव, अवसाद और तंत्रिका संबंधी विकार से पीड़ित लोगों को इस फल लेने के बाद सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए है तनाव में रामफल के फायदे

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■   तनाव दूर करने के 10 आसान तरीके – Best Tips for Tension Free Life in Hindi

कैंसर में रामफल के फायदे

Ramphal Fruit Health Benefits In Cancer In Hindi

इसकी पत्तियां कैंसर कोशिकाओं को मारने में समान रूप से प्रभावी हैं। यह कैंसर की कोशिकाओं को मारता है और एक प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में प्रभावी है ।जो इस फल का उपयोग करता है, उसका समग्र दृष्टिकोण में सुधार आता हैं ।यह पेड़ और इसके हिस्से कई घातक संक्रमण के खिलाफ काम करतें है । केमो चिकित्सा के विपरीत इससे वजन घटना, बालों का झरना और मतली जैसे में कोई साइड इफेक्ट नहीं है । चाहे उपचार कितने दिन भी चले, आप हमेशा मजबूत और स्वस्थ महसूस करते हैं । ग्रेविओला का रस एक प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर और रक्षक का काम करता है ।

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■   जानिए लो ब्लड प्रेशर के क्या कारण हो सकते है

ग्रेविओला पेड़ के रस का लाभ

Graviola Ramphal Juice Health Benefits

इसका रस पेट के कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्ट्रेट कैंसर, अग्नाशय के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं को मारता है कैंसर कोशिकाओं को मारने के क्रम में यह स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं करता है

ग्रेविओला के अन्य औषधीय उपयोग

Graviola Ramphal Medicinal Benefits In Hindi

ग्रेविओला पेड़ की छाल, जड़ और यहां तक कि फल के बीज विभिन्न स्वास्थ्य के मुद्दों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया है, जैसे :

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  • खराब लिवर 
  • दमा
  • दिल के रोग में रामफल के फायदे 
  • गठिया और जोड़ों से संबंधित बीमारियोंमें रामफल के फायदे 
■   ये पौधा गठिया, यूरिक एसिड और लिवर के लिए किसी वरदान से कम नही

दोस्तों रामफल के उपयोग, रामफल का पेड़ का ये लेख कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अगर आपके पास रामफल के फायदे और नुकसान, रामफल फल, रामफल in english, फलों के गुण के सुझाव है तो हमारे साथ शेयर करें।

साइनसाइटिस में अचूक हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, 3 दिन करेंगे साइनसाइटिस को जड़ से दूर

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यदि सिर में दर्द,कफ का गाढ़ा होना, पूरे चेहरे में दर्द होना, नाक का बहना, ठंड लगना, बेचैनी होना, गले में दर्द बने रहना, आंखों में लालिमा आना, जबड़ों में दर्द होना, सीने में कफ जमना, बंद नाक रहना, सांस से बदबू आना, बुखार रहना और बहुत जल्दी किसी भी काम के बाद थकान लगना आदि साइनसाइटिस के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।

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साइनसाइटिस की बीमारी में नाक की हड्डी बढ़ जाती है और सांस लेने में इंसान को दिक्कत आने लगती है। ऐसे में जब धुंआ और हवा नाक में जाती है तब इंसान को बहुत पेरशानी होने लगती है।

साइनसाइटिस रोग के कारगर घरेलू नुस्खे

साइनसाइटिस का रोग आयुवेर्दिक घरेलू नुस्खों के जिरए ठीक हो सकता है। आइये जानते हैं इस रोग का उपचार-

योग को अपनाएं

योग में हर बीमारी का इलाज होता है। साइनसाइटिस एक सांस से संबंधित बीमारी है। इसलिए इस रोग को ठीक करने के लिए कपालभाती प्राणायाम करना चाहिए। जो साइनसाइटिस की समस्या को को जड़ से ठीक कर देता है।

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■   यूरिक एसिड बढ़ने का कारण, लक्षण और इसको सिर्फ 2 सप्ताह में कंट्रोल करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

अजवाइन का प्रयोग

साइनसाइटिस की बीमारी में अजवाइन एक कारगर घरेलू औषधि है।

कैसे करें अजवाइन का प्रयोग

सबसे पहले आप अजवाइन की तीन बड़ी चम्मच लें और उसे एक तवे पर भूने।

अब किसी सूती कपड़े में इन भुने हुए अजवाइन के दानों को डालकर इसे बांध लें। और इसे थोड़ा सा ठंडा होने दें।

साइनसाइटिस की वजह से आपको चेहरे व जबड़े में जिस भी हिस्से में दर्द हो रहा हो उस जगह पर हल्का.हल्का इसे रखें। इस उपाय से साइनसाइटिस के दर्द से बहुत ज्यादा आराम मिलता है।

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मेथी की चाय

मेथी की चाय में मौजूद गुण साइनसाइटिस की बीमारी की रोकथाम करते हैं। चाय आप जैसे बनाते हैं वैसे ही बनाएं बस उसमें मेथी के कुछ दानों को भी डाल लें। और इस चाय का नियमित सेवन करें। मेथी के दानों की चाय साइनसाइटिस के दर्द में भी राहत देती है।

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■   दूध में सिर्फ 1 तुलसी का पत्ता इन 5 असाध्य रोगो का काल है, चाहे कैंसर हो या हार्ट अटैक की समस्या

तुलसी का उपयोग

काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के पत्तों में डालकर इसे दिन में दो से तीन बार सेवन करें। इस उपाय से साइनसाइटिस रोग मे राहत मिलती है।

साइनस की बीमारी से परेशान लोगों को शहद को तुलसी के रस में डालकर इसका सेवन करना चाहिए। इससे सांस लेने में आ रही परेशानी दूर हो जाती है।

तुलसी का अन्य घरेलू नुस्खा

काली मिर्च के दस दाने
एक गिलास पानी
15 तुलसी के पत्ते
और अदरक

इन तीनों को अच्छी तरह से मिक्सर या सिलबट्टे पर पीस कर चूर्ण बना लें और इसको एक गिलास पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक यह आधा न रह जाए। इसके बाद इसे छानें और हर एक घंटे के बाद इसे पीते रहें। यह उपाय साइनसाइटिस के रोग को ठीक करता है।

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■   ये है संजीवनी काढ़ा – अगर किडनी फेल हो चुकी है? तो आपकी किडनी को नया जीवन दे सकता है

जीरे का काढ़ा

हर घर में जीरा मौजूद रहता है। जीरे में प्राकृतिक गुण होते हैं और यह भी साइनसाइटिस का इलाज करता है।

कैसे बनाएं जीरे का काढ़ा

बहुत ही आसान तरीके से बना सकते हैं जीरे का काढ़ा। इसके लिए आपको थोड़ा अदरक
जीरे की एक छोटी चम्मच
तुलसी के पत्ते
और एक बड़ा गिलास पानी

सबसे पहले आप एक गिलास पानी काे उबालें और इसमें अदरक, तुलसी के पत्ते और जीरे को डाल दें। और फिर इसे छानकर गुनगुना करके इसका सेवन करें। यह उपाय आपको साइनसाइटिस के दर्द में राहत देगा।

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गरम पानी

साइनसाइटिस के रोगियों को चाहिए कि वे हमेशा गरम या गुनगुना पानी पीएं।

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■   सिर्फ़ 7 रातों तक सोते वक़्त अजवायन को चबाकर ऊपर से गरम पानी पीने के फ़ायदे जान हैरान रह जाओगे

नीलगीरी का तेल भाप

आसानी से बाजार में मिल जाता है नीलगीरी का तेल। ये तेल एंन्टीसेप्टिक और बैक्टिरिया रोधी गुण होते हैं। जो साइनसाइटिस के उपचार में काम आते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें नीलगीरी तेल का

आप सबसे पहले किसी बर्तन में नीलगीरी तेल के दो से तीन बूंदे डालें और फिर इसको सूघें। या भप लें। इस उपाय से साइनसाइटिस से होने वाला कफ और दर्द ठीक हो जाएगा।

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भाप लें

साइनसाइटिस का एक और घरेलू नुस्खा है भाप

किसी बर्तन में पानी को गर्म करें और उसमें काली तुलसी के पत्तों को डालकर उसका भाप लें। इस घरेलू उपाय से साइनसाइटिस के दर्द और कफ से राहत मिलती है।

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इन आसान घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप साइनसाइटिस रोग से राहत पा सकते हो। लेकिन इसके लिए इस बात का ध्यान जरूर रखें कि जो भी उपाय आप कर रहे हो वे नियमित रूप में हो। जिससे जल्दी से यह बीमारी ठीक हो सके।

■   कमर दर्द दूर करने के 5 आसान घरेलू उपाय – Back pain treatment in hindi

नोनी के फायदे

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नोनी फल क्या है? | नोनी फल के फायदे

बहुत ही कम लोगो को मालूम है नोनी फल के बारे में। ये ऐसा फल है जो कई खतरनाक बीमारियो को ठीक करने की क्षमता रखता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसके अलावा इंसान यदि इस फल का नियमित सेवन करें तो वह लंबे समय तक स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नोनी फल क्या है? और क्या हैं इस नोनी फल के फायदे?

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आइये जानें डी एक्स एन नोनी जूस के फायदे, नोनी जूस फायदे, नोनी टेबलेट के फायदे, पतंजलि नोनी जूस, नोनी कैप्सूल के फायदे, नोनी सिरप के फायदे

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नोनी फल क्या है?

इस फल का वैज्ञानिक नाम मोरिन्डा सिट्रीफालिया है। नोनी फल में 150 से अधिक पोषक तत्व होते हैं। यह फल आलू के आकार की तरह होता है। इसका रंग हरा, पीला और सफेद हो सकता है। नोनी फल में एंजाइम की मात्रा चालीस गुना रहती है। वैज्ञानिकों ने कई साल तक किए शोध के आधार पर नोनी फल के गुणों के बारे में बताया है।इस फल में जेरोनाइन होता है। जो शरीर के छिद्रों के आकार को बढ़ाता है। ये फल एंटी-वायरल, एंटी-ट्यूमर और एंटी बक्टेरियल है। जो हमारे शरीर के मेटाबोलिक सिस्टम, खून का संचार और बालों के विकास में सहायक होता है। यह फल इंसान की उम्र को 100 साल तक बढ़ा सकता है।

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नोनी जूस पीने का सही तरीका – Noni Juice Peene Ka Sahi Tarika

एक वयस्‍क व्‍यक्ति को नोनी जूस 30 एम.एल. एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह-शाम और बच्चे को 2-2 चम्मच सुबह खाली पेट और रात्रि को खाने के 2 घंटे के बाद करना चाहिए।

■   किसी संजीवनी से कम नही है इसका सेवन, बड़े से बड़े रोगों का भी होगा जड़ से सफाया

नोनी फल के फायदे

Noni Phal Ke Fayde Aur Labh In Hindi

Noni Ka Sevan Kaise Karein?

आइए जानते हैं इस चमत्‍कारी संजीवनी फल और उसके स्‍वास्‍थ्‍य लाभों की जानकारी लेते हैं-

1. अस्‍थमा – सांस संबंधी रोगों में लाभकारी (Noni For Asthma In Hindi)

अगर आप सांस की बीमारी यानी अस्‍थमा से परेशान हैं तो नोनी फल का सेवन करें।

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2. जोड़ों में दर्द दूर करें (Noni For Joint Pain In Hindi)

नोनी फल जोड़ों के दर्द, अकड़न, जोड़ों की गतिहीनता की समस्याओ आदि में सहायता करता है।

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3. इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनायें (Noni For Immune System In Hindi)

नोनी फल में कई तरह के आवश्‍यक विटामिन और मिनरल पाये जाते हैं जो इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

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■   रात को सोने से पहले इसका सेवन करने से यह शक्ति बढ़ाएँ रोगों से बचाएँ, एनर्जी लाएँ कमज़ोरी मिटाएँ..!!

4. त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं को दूर करें (Noni For Skin Problems In Hindi)

त्‍वचा संबंधी समस्‍याएं जैसे मुंहासे, एक्जिमा, सो‍रायासिस और दाद-खाज आदि में भी नोनी फल बहुत फायदेमंद होता है।

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नोनी फल के अन्‍य फायदे

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•  ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करता है, और डायबिटीज कंट्रोल करने में कारगर है।

•  उच्च रक्तचाप और माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक है।

•  गंजेपन और बालों से सम्बंधित समस्याओं की देखभाल करता है।

•  कब्ज, बदहजमी, दस्त आदि से पीड़ित लोगों को नोनी के सेवन से रोगों की मुक्ति मिलती है।

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■   कब्ज का है ये अद्भुत उपाय पहले ही प्रयोग में दिखेगा फर्क, जरूर अपनाएँ और शेयर करे

दोस्तों नोनी के अचूक फायदे , Noni jucie for health- Noni fruit का ये लेख कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अगर आपके पास नोनी के फल का जूस, noni juice ke fayde, noni health benefit, noni ek chamatkarik fal, नोनी का साग के सुझाव है तो हमारे साथ शेयर करें।

बालों का झड़ना रोककर, बालों को तेज़ी से लंबा करेंगे ये प्राकृतिक घरेलु नुस्खे

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काले, घने और लंबे बालों के लिए बालों को पोषण मिलना जरुरी है। बालों के पोषण से मतलब है बालों की जड़ों को प्रोटीन मिलते रहना। बाल की जड़ यानि स्कैल्प जितनी मजबूत होगी बाल उतनी तेजी से बढ़ेंगे। बालों की बढ़ने की गति आपकी सेहत, खान-पान की आदत, बालों की देखभाल और आनुवांशिक कारणों से प्रभावित होती है।

■   सफेद बालों को आधे घंटे मे हमेशा के लिए जड़ से काला कर देगा यह नुस्खा

आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में जिसे आजमाने से बाल घने और काले होने के साथ तेजी से बढ़ते हैं।

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हेयर ग्रोथ के टॉप टिप्स-

एलोवेरा से बालों को पोषण दें

एलोवेरा बालों को बढ़ने में मदद करता है। एलोवेरा जेल लगाने से बालों का झड़ना और गिरना कम होता है। यह डैंड्रफ तो कम करता ही है, साथ ही बालों में शाइनिंग भी लाता है। एलोवेरा जेल में थोड़ा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। इसे 20 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें। बीस मिनट के बाद बालों में शैंपू कर लें। इसे हफ्ते में एक या दो बार आजमा सकते हैं। एलोवेरा जेल में नारियल तेल भी मिला सकते हैं। इसके अलावा एलोवेरा जूस पीना भी बालों के सेहत के लिए असरदार साबित होगा।

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   एलोवेरा का ऐसे करे उपयोग हमेशा के लिए जड़ से ख़त्म हो जाएँगे ये 30 रोग 

 विटामिन और हर्बल सप्लीमेंट अलग से लें

संतुलित डाइट लेने के बाद भी शरीर में कुछ जरुरी तत्वों की कमी रह जाती है। इन जरुरी तत्वों से शरीर ही नहीं त्वचा और बालों को भी पोषण मिलता है। बालों की ग्रोथ के लिए डाइट के अलावा आप विटामिन और हर्बल सप्लीमेंट ज़रूर ले।

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स्कैल्प की मसाज

मसाज करने से बालों की जड़ स्कैल्प तक रक्त संचार तेज होता है और इससे बालों के बढ़ने की गति में तेजी आती है। इसके अलावा हफ्ते में एक दिन गुनगुने तेल और हेयर मास्क से बालों की डीप कंडीशनिंग करने से भी काफी असर होता है। बालों में गुनगना तेल या कंडीशनर लगाएं। ऊंगलियों से पांच मिनट तक स्कैल्प की मसाज करें।

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अरंडी तेल से मसाज

अरंडी तेल  (Castor Oil) में विटामिन ई के साथ बालों की ग्रोथ के लिए जरुरी औमेगा फैटी-9 एसिड रहता है। इस तेल से बालों के स्कैल्प की मसाज करने से बाल कुदरती तरीके से लंबे और घने होते हैं। वैसे अरंडी का तेल काफी गाढ़ा होता है, अगर इसके साथ बराबर मात्रा में नारियल तेल, जैतून का तेल और बादाम का तेल मिला लिया जाए तो यह और असरदार हो जाता है। सभी तेलों को मिलाकर 5 मिनट तक बालों के स्कैल्प की मसाज करें। चालीस मिनट बाद माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। ऐसा नियमित करने से जल्द ही बालों की लंबाई में असर दिखने लगेगा।

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■   एड़ी, टखने और घुटनों का दर्द दूर करने के लिए अरंडी का तेल और बेकिंग सोडा ही काफी है असर पहले ही दिन

बालों को हर्ब्स से धोएं

मेंहदी, नीम और ग्रीन टी समेत ऐसे कई हर्ब्स हैं जिसे बालों पर लगाने से बाल घने और लंबे होते हैं। मेंहदी इसमें सबसे ज्यादा असरदार है, क्योंकि यह बालों की जड़ों यानि स्कैल्प को पोषण देता है। इससे बालों में चमक आती है।

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ग्रीन टी में पाए जाने वाले तत्व पॉलीफेनोल्स बालों के बढ़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। ध्यान रहे कि इन हर्ब्स का लेप बालों में शैंपू और कंडीशनिंग करने के बाद लगाएं। हर्बल टी पीने से भी बाल लंबे होते हैं।

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हेल्दी डाइट

लंबे और घने बालों के लिए डाईट में प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स जरुरी है। अपनी डाईट में वैसे फूड को शामिल करें जिसमें विटामिन ए, बी, सी, ई के साथ-साथ आयरन, जिंक, मैग्नेशियम और सेलेनियम जैसे तत्वों की अच्छी मात्रा मौजूद हो।

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■   एक पत्ता आपकी लीवर, किडनी और हार्ट को 70 साल तक बीमार नहीं होने देगा

बाल को नीचे की और झुकाएं

बालों को लंबा करने के लिए यह सबसे पॉपुलर ट्रिक है। आमतौर पर लड़कियां और बाल धोने के बाद बाल सुखाने के लिए बालों को नीचे करती है। दो से पांच मिनट तक सर झुका कर बालों को नीचे झुकाने से बालों के बढ़ने की गति तेज होती है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से बालों के जड़ से रक्त संचरण बढ़ते हुए बालों की शिराओं तक पहुंचती है। नतीजा बालों की लंबाई बढ़ती है।

बालों को काला balon ko kala karne ka nuskha in hindi

तनाव मुक्त रहें

बालों के झड़ने- गिरने और टूटने की बड़ी वजह तनाव है। यह माना जाता है कि तनाव की वजह से बालों के बढ़ने का जो सामान्य चक्र होता है वह रुक जाता है। तनाव बढ़ते ही बालों का चक्र टेलोजेन फेज में पहुंच जाता है़ जिसमें बाल झड़ने और गिरने की बीमारी शुरु हो जाती है। तनाव को कम करने का सबसे आसान उपाय है ध्यान। ध्यान लगाने और अच्छी नींद लेने से बालों के बढ़ने के लिए उत्तरदायी हार्मोन के स्राव की गति तेज हो जाती है।

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साइड इफेक्ट्स की संभावनाएं

अगर आपको कोई मेडिकल प्रॉब्लम यानि कोई बीमारी है तो आप बालों की लंबाई बढ़ाने के कितने भी प्रयास कर लें, बालों में ग्रोथ नहीं होगी। जिसे थाइरॉयड की शिकायत है, हार्मोनल असंतुलन हो, पुरानी कोई लाइलाज बीमारी हो या फिर कोई संक्रमण हो तो उसके बालों में ग्रोथ नहीं होता है। अगर आप गर्भ निरोधक या स्टेरॉइड की गोली ले रहे हैं तो आपको बाल के झड़ने और गिरने की शिकायत हो सकती है।

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मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपाय

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white hair of Beard

मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल

आजकल हमारे केमिकल युक्त चीजो के इतेमाल,गलत खानपान और बढ़ते प्रदूषण  के कारण कम उम्र में ही दाढ़ी और मुछ के बाल समय से पहले ही सफ़ेद हो जाते है . आइये जाने कुछ आसान घरेलु नुस्खे जिनहे अपनाकर आप मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल को फिर से काला कर सकते है . dadi kala karne ka upay, dadi black karne ke upay,safed baal solution in hindi

मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्खे –
1. आवंला जूस (Gooseberry Benefits For Hair)
2. नारियल का तेल और कड़ी पत्ता (Coconut Oil And Curry Leaves Benefits For Hair)
3. दाल और आलू का पेस्ट (Potato And Pulse Benefits For Hair)
4. कड़ी पत्ते का पानी (Curry Leaves Benefits For Hair)
5. फिटकरी और गुलाब जल (Rose Water And Alum Benefits For Hair)
6. पुदीने की चाय से  (Mint Benefits For Hair)
सावधानियाँ
■  कान से मैल निकालने का सही तरीका

मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्खे

Mooch Aur Dadhi Ke Safed Baal Hatane Ke Gharelu Nuskhe In Hindi

1. आवंला जूस (Gooseberry Benefits For Hair)

जिनकी दाढ़ी पक रही है उनको एक महीने तक लगातार आवंले के रस का सेवन करना चाहिए यह बहुत प्रभावशाली उपाय है।  दाढ़ी और सर के बाल साफेद होना, Safed dadhi ka ilaj

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2. नारियल का तेल और कड़ी पत्ता (Coconut Oil And Curry Leaves Benefits For Hair)

दाढ़ी और मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पाने के लिए कुछ कड़ी पत्ते ले और इन्हे नारियल के तेल में डालकर उबाल ले तेल में पत्तो को उबालने के बाद उसे उतारकर ठंडा कर ले और फिर इस तेल से अपनी दाढ़ी और मूछो की मालिश करें इस तेल का प्रयोग आप अपने सिर के बालों को काला करने के लिए भी कर सकते है इस तेल से मालिश करने से आपके सफेद बाल कुछ ही दिनों में काले हो जायंगे। सफ़ेद दाढ़ी का इलाज, दाढ़ी और मूंछ के सफेद बालों को काला करने के लिए उपाय

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■  गुड़ खाने के फायदे

3. दाल और आलू का पेस्ट (Potato And Pulse Benefits For Hair)

इस बेहतरीन आयुर्वेदिक नुस्खे से आप मूछ के सफेद बालों से छुटकारा पा सकते है आलू और दाल से बना पेस्ट मूछ के सफेद बाल को हटाने में बहुत मदद आता है आलू में ब्लीचिंग के प्राकृतिक गुण होने के कारण आलू को दाल के साथ मिलाकर दाढ़ी व् मूछो का प्राकृतिक रंग वापिस आ जाता है। आलू करेगा आपके सफ़ेद बालों का इलाज

घनी दाढ़ी के उपाय ghani dadhi ke upay aur nuskhe in hindi

4. कड़ी पत्ते का पानी (Curry Leaves Benefits For Hair)

कड़ी पत्ता 100 मिलीलीटर पानी में थोड़ी से कड़ी पत्तियां  डाल कर तब तक उबाले जब तक पानी आधा न रह जाये पानी आधा हो जाने के बाद इसे पी ले रोजाना यह उपचार आजमाने से आपको फायदा मिलेगा। home remedies to remove white hair

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■   कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय

5. फिटकरी और गुलाब जल (Rose Water And Alum Benefits For Hair)

फिटकरी और गुलाब जल से बने पेस्ट को अपनी मूछो पर लगाकर आप मनचाहा रंग प्राप्त कर लम्बे समय तक आप जंवा बने रह सकते है इसके लिए फिटकरी को पीसकर इसके पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर आप अपनी मूछ पर लगाए।दाढ़ी और मूंछ के सफेद बालों को काले बनाने का उपचार

phitkari ke fayde alum benefits in hindi

6. पुदीने की चाय से मूछ और दाढ़ी के सफेद बाल हटाने के घरेलू नुस्खे (Mint Benefits Fo

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इस चाय में बालों को प्राकृतिक दिखाने के सारे गुण मौजूद होते है तथा यही कारण है की आपको इसका सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए पुदीने की चाय का सेवन करके मूछो के बालों की असली रंगत वापिस मिलती है इससे भी आप मूछ और दाढ़ी के बालों को काला  कर सकते है। सफेद दाढ़ी और बालों को जड़ से खत्म कर देगा यह इलाज

pudina ke fayde in hindi

सावधानियाँ

यदि आप चाहते है की आपकी दाढ़ी और मूछ का रंग सफेद न हो तो इसके लिए अपने रोजाना के भोजन में फल ,हरी सब्जियां ,दाल तथा प्रोटीन युक्त पदार्थो का सेवन करें तथा जंक फ़ूड खाना,शराब का सेवन करना छोड़ दे इसके साथ ही अपने सफेद बालों को छुपाने के लिए डाई का प्रयोग  बिलकुल न करें क्योकि इनमे केमिकल मिले होते है। Home Remedies to Turn White Hair Black

  पेट का मोटापा, बाबा रामदेव का घरेलू उपाय

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कान में इन चीजों को डालना होता है खतरनाक, हो सकते हैं बहरे

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उंगलियाँ

कभी भी अपने उंगलियों से कानों को साफ़ न करें। अगर आपके नाख़ून लम्बे है तो ये आपके कानों को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

■  7 दिन में उतारें आँखों का चश्मा, आँखों से जुड़े सभी रोगों में रामबाण है ये सरल अचूक नुस्खा

छोटे कॉटन बॉल

डॉ. हाथीराम के अनुसार कई लोग छोटे कॉटन बॉल्स का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें निकालना भूल जाते हैं और यह कान में काफी अन्दर चला जाता है जिससे आगे चलकर कान में बहुत तेज दर्द होने लगता है।

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गर्म तेल

अधिकांश लोगों में यह देखा गया है कि वे अपने कानों के वैक्स को साफ़ करने के लिए कानों में गर्म तेल डालते हैं। ऐसा करना गलत है और इससे आप बहरे भी हो सकते हैं।

■  इस फल को खाएं, उग आएंगे सिर के उड़े हुए बाल…….!

रुई के फाहे

कान को साफ़ करने का यह सबसे प्रचलित तरीका है और यह पूरी तरह गलत है। एक शोध के अनुसार, कॉटन बड के इस्तेमाल से कान में इंजरी होने की संभावना काफी बढ़ जाती है, और आगे चलकर इससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

ईयर ड्राप

बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी ईयर ड्राप अपने कान में न डालें, ऐसा करना आपके कान को ख़राब कर सकता है और आप बहरे हो सकते हैं।

■  7 दिन में करें दाढ़ी और मूछों के सफ़ेद बालों को काला, करें ये रामबाण प्रयोग

हेयर पिन

अधिकांश लोग कान साफ़ करने के लिए हेयर पिन का इस्तेमाल करते हैं। ये चीजें बहुत नुकीली होती हैं और कान में ज्यादा अन्दर तक जाने से ये परदे में छेद भी कर सकती हैं। जिससे आपकी सुनने की क्षमता ख़त्म हो सकती है और आप बहरे हो सकते हैं।

हेयर स्प्रे

अगर आपको भी अपने बालों में स्प्रे करना बहुत अच्छा लगता है तो स्प्रे करते समय इस बात का ध्यान दें कि वे कानों में न चले जायें, क्योंकि स्प्रे में मौजूद केमिकल आपके कानों में इन्फेक्शन कर सकता है।

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  नीम के बीज हैं कैंसर के सेल्स को जड़ से खत्म करने में कारगर, 3 दिन में मिलेगा निश्चित लाभ

टूथपिक

टूथपिक बहुत ही ज्यादा नुकीले होते हैं और अगर आप इनको अपने कानों में डालते हैं तो ये कान के नाजुक परदे में छेद कर सकते हैं। जिससे कान बहना और कम सुनाई देना जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

बीड्स या बटन सेल

छोटे बच्चे अक्सर खेलते समय खिलौने में इस्तेमाल की जाने वाली बटन सेल या बीड्स को अपने कानों में डाल लेते हैं जिन्हें निकालने के लिए माइनर सर्जरी तक करनी पड़ती है। इसलिए बच्चों को इन चीजों से बचा कर रखें।

■  शरीर में गाँठ किसी भी तरह की हो या फोड़े-फुंसी हो, इन सब के रामबाण घरेलु उपाय!!!

इन कारणों से तो नही बढ़ रहा आपके बच्चे का वजन?

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कई बच्चे ज्यादा मोटे होते हैं। परिजन अक्सर ये समझते हैं कि अगर बच्चा मोटा है, तो इसका मतलब है कि वो हेल्दी है। लेकिन आपको बता दें कि मोटे होने का बिल्कुल भी ये मतलब नहीं है कि बच्चा हेल्दी भी हो। वास्तव में बच्चे की खाने की आदतें उसके मोटापे का कारण बन सकती हैं। मोटापा बच्चों का बड़ा दुश्मन है। बचपन के मोटापे यानि चाइल्डहुड ओबेसिटी के कारण बच्चे को लंबे समय तक कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। बचपन में मोटापा किन-किन कारणों से बढ़ता है।

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कंप्यूटर पर गेम खेलना

आजकल के बच्चे खेलने के लिए बाहर जाने की बजाय फोन या कंप्यूटर पर गेम खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इससे बच्चे आलसी होने लगते हैं और किसी अन्य शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेते हैं। जाहिर है इससे बच्चे की कैलोरी बर्न नहीं होती है और मोटापे का शिकार हो जाते हैं।

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ओवर फीडिंग

कई बार माता-पिता ये सोचकर कि बच्चे को ज्यादा एनर्जी की जरूरत है, उसे ज्यादा चावल या रोटी खिलाते हैं। कई बार तो बच्चा खाना भी नहीं चाहता है लेकिन आप जबरदस्ती उसके मुंह में ठूस देते हैं। यकीनन इससे उसका मोटापा बढ़ सकता है।

■  यदि सुबह खाली पेट पीते है चाय, तो एक बार इस को आप जरूर देंखे!!

सॉफ्ट ड्रिंक

कोला और अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक में भरपूर मात्रा में शुगर होता है। जाहिर है अगर आपके फ्रिज में ये चीजें रखी होंगी, तो बच्चा बार-बार पिएगा। आपको बता दें कि शुगर से कैलोरो बढ़ती है और कोई पोषण नहीं मिलता है।

प्रोसेस्ट फूड

खाना बनाने का समय नहीं मिल पाने के कारण आप बच्चे को चिप्स, कबाब, बिस्कुट, सैंडविच जैसे प्रोसेस्ट फूड खिलाने लगते हैं। आपको बता दें कि इससे जीवन तो आसान हो जाता है लेकिन ये चीजें धीरे-धीरे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जाहिर है कैलोरी से भरपूर इन चीजों से बच्चे का वजन बढ़ सकता है।

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जंक फूड

बाहर का खाना विशेषकर जंक फूड जैसे- पिज्जा, बर्गर आदि खाने से बच्चे का मोटापा बढ़ सकता है। बजाय इसके बच्चे को घर का खाना खिलाना सही विचार है।

खाने का गलत समय

सही समय पर खाने से विशेषकर दो घंटे के अंतराल में खाने से सही पोषण मिलते हैं। लंबे समय तक नहीं खाने से ब्लड शुगर लेवल डाउन हो सकता है जिससे मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता है। इसलिए बच्चे को सही समय पर खाना दें। सही समय पर खाने से मेटाबोलिज्म रेट बढ़ता है और खाना पचाने में आसानी होती है।

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