नसों में दर्द
नसों को अंग्रेजी में नर्व कहते है, और ये हमारे शरीर के मुख्य हिस्सों में से एक होता है| नसों के माध्यम से खून हमारे शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाता है| जब इन नसों के मार्ग में किसी प्रकार की बाधा आती है, तब ये नसे सिकुड़ जाती है, और शरीर में खून का बहाब कम हो जाता है| नसों के सिकुड़ने के कारण नसों में दर्द होने लगता है| नसों में दर्द होने पर व्यक्ति को बहुत तकलीफ होती है|
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नसों में होने वाले दर्द का इलाज
नर्व पैन अर्थात नसों में दर्द का अगर समय पर इलाज ना कराया जाएँ, तो यह प्रॉब्लम बढ़ती जाती है| गर्दन, पीठ, हाथ या शरीर के किसी अन्य हिस्से की नस के दबने से होने वाला दर्द थोडा पीड़ादायक होता है | इससे आपके रोज़मर्रा के कामों में भी बाधा आ सकती है |
नसों में दर्द के लक्षण
Nason Mein Dard Ke Lakshan
• नसों में जलन के साथ तेज दर्द
• नसों को दबाने और छूने से दर्द होना
• शरीर की जिन नसों में दर्द हो रहा है, उनकी मांसपेशिया कमजोर होना
• नसों में बार बार अचानक दर्द होना
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नसों में दर्द का कारण
Nason Mein Dard Ka Karan In Hindi
- रासायनिक प्रदुषण
- क्रोनिकल रिनल इन्सफियंशी
- नसों पर दबाव पड़ना
- ड्रग्स लेना
- नसों में सुजन आना
- मधुमेह
- नसों का अचानक दब जाना
नस दबने की या नसों में होने वाले दर्द की पहचान
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पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ
जब कोई नस किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो जाती है और अपने पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है तब नस में दर्द होता है | यह नस के दबने के कारण होता है जो हर्नियेटेड डिस्क, आर्थराइटिस या बोन स्पर (bone spur) के कारण हो सकता है |
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सूजन
इन स्थितियों के कारण सूजन आ जाती है जो आपकी नसों को संकुचित कर देती है और इससे नस दबने से दर्द होने लगता है |
कमज़ोर स्वास्थ्य
पोषक तत्वों की कमी और कमज़ोर स्वास्थ्य नस दबने के दर्द को और बढ़ा देते हैं |
• केस की गंभीरता के आधार पर यह स्थिति परिवर्तनीय (रिवर्सेबल) या अपरिवर्तनीय (इर्रेवेर्सिबल) हो सकती है |
• चोट लगने, गलत तरीके के पोस्चर से, बार-बार की गतिविधियों से, खेल और मोटापे जैसी स्थितियों और गतिविधियों से भी नसों में दर्द हो सकता है | पूरे शरीर में किसी भी जगह की नस दबाने से पीड़ा हो सकती है लेकिन ये आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन), गर्दन, कलाई और कोहनियों में पाई जाती है |
नसों में होने वाले दर्द का इलाज
• जब आपकी नस में होने वाले दर्द की डायग्नोसिस हो जाए तो आपको अपनी देखभाल करना शुरू कर देना चाहिए |
• आपको प्रभावित हिस्से से कोई काम नहीं लेना चाहिए | मांसपेशियों, जोड़ों और टेंडॉन्स के बार-बार उपयोग से नस में होने वाले दर्द की स्थिति और खराब हो जाएगी क्योंकि प्रभावित हिस्से लगातार सूजे रहते हैं और नस को दबाते रहते हैं |
• किसि भी दबी हुई नस के दर्द में तुरंत थोडा आराम पाने का सबसे आसान तरीका यह है कि प्रभावित नस और उसके चारों और के हिस्सों को सूजन और दबाव पूरी तरह से शांत होने तक आराम दिया जाये |
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पर्याप्त नींद लें
प्रभावित हिस्से का अत्यधिक उपयोग न करने से यह सीधा प्रभाव दिखाता है | अगर आप ज्यादा सोते हैं तो कम हिलते-डुलते हैं | इससे न सिर्फ आप प्रभावित हिस्से का उपयोग कम कर पाएंगे बल्कि सोने से आपके शरीर को खुद को ठीक करने के लिए अधिक समय भी मिल जायेगा |
एक ब्रेस (brace) या स्पलिंट (splint) का उपयोग करें
उदाहरण के लिए, अगर आपकी गर्दन की नस के पीड़ा हो तो एक नैक-ब्रेस (neck-brace) के उपयोग से पूरे दिन मांसपेशियों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी |
आइस और हीट का उपयोग करें
प्रभावित हिस्से पर या तो स्टोर से ख़रीदे हुए आइस पैक को रखें या घर पर बनाये आइस पैक का उपयोग हल्के दबाव के साथ करें | हल्का दबाव प्रभावित हिस्से को ठंडक देने में मदद करेगा |
अपनी स्किन और आइस पैक के बीच एक नर्म कपडा रखें जिससे ठण्ड से स्किन को नुकसान नहीं पहुंचेगा |
Note
इसे 15 मिनट से ज्यादा देर उपयोग न करें अन्यथा रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है जिससे दर्द देर से ठीक होता है |
पुदीने के तेल से मालिश
शरीर के जिस हिस्से की नसों में दर्द है, उस हिस्से की पुदीने के तेल से मालिश करे| पुदीने के तेल की मालिश से नसों का दर्द धीरे धीरे कम होने लगेगा|
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सुइया और लेवेंडर के फुल
नहाने के पानी में सुइया और लेवेंडर के फुल मिलाकर नहाये इससे नसों के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी|
सरसो का तेल
सरसों के तेल को हल्का गर्म करके उस तेल से नसों की मालिश करे|
व्यायाम
व्यायाम करने से नसों में लचीलापन आता है, जिससे नसों के दर्द में काफी आराम मिलता है|
प्राणायाम
रोजाना अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से नसों में दर्द की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाती है|
जिन लोगो की नसों में दर्द रहता है, उनको भ्रस्तिका प्राणायाम करना चाहियें|