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यू ही नहीं कहते आम को फलों का राजा, इसके हैं अनेक लाभ

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आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता। इसके एक से बढ़कर एक गुण हैं, जो इसे खास बनाते हैं।

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रसीला आम ‘फलों का राजा’ के रूप में मशहूर भारत का सबसे लोकप्रिय फल है। अपने अद्वितीय स्वाद और खुशबू की वजह से ही आम में पाई जाने वाली बेहिसाब खूबियां इसे फलों का राजा बनाती हैं। दुनिया भर में इसकी एक हजार से भी ज्यादा किस्में मिलती हैं। यह ऐसा फल है, जिसे कच्चा और पका, दोनों रूपों में बड़े मजे के साथ खाया जाता है। पके आम को सलाद की तरह ही नहीं खाया जाता, इससे मैंगो शेक, आइसक्रीम, कैंडी, जैम, जैली, मुरब्बे, स्क्वैश जैसे बने व्यंजन सभी के पसंदीदा हैं। गर्मी के मौसम में कच्चे हरे आम का रस या पना जहां शीतलता प्रदान करता है, वहीं इससे बने आचार, चटनी तो लोग मजे लेकर खाते हैं। आम न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों की खान भी है।

इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, लौह जैसे खनिज लवण पाए जाते हैं, जो इसे हमारी सेहत का खजाना बना देते हैं। ये हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं, उसे स्वस्थ और फिट भी रखते हैं।

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मुहांसे को रखे दूर

आम में यह खूबी है कि इसे खाया भी जाता है और त्वचा पर भी लगाया जा सकता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा के बंद पोर खुल जाते हैं, जिससे मुहांसों से छुटकारा मिल सकता है। आम के पल्प में शहद और दूध मिलाकर लगाने से त्वचा के रंग में निखार आता है।

रक्तचाप को करे नियंत्रित

आम में मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए प्राकृतिक उपचार का काम करते हैं। यह हृदय की धड़कन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है। विटामिन बी, सी और ई मस्तिष्क के भीतर गाबा हार्मोन का उत्पादन करने में सहायक होते हैं, जो मांसपेशियों को टोन रखते हैं। इससे सीएडी (कोरोनरी धमनी रोग) और स्ट्रोक से हृदय की रक्षा होती है।

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मधुमेह का प्राकृतिक डॉक्टर हैं आम के पत्ते

आम के पत्ते रक्त में इंसुलिन का स्तर नियंत्रित कर डायबिटीज से निजात दिलाने में मदद करते हैं। रात को आम के 4-5 पत्ते थोड़े-से पानी में उबाल लें। सुबह पत्तों को अच्छी तरह मसलें और पानी छान लें। इसे खाली पेट कुछ दिन तक पीने से फायदा होता है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

आम बीटा-कैरोटीन, कैरोटीनॉयड और विटामिन सी से भी भरपूर है। यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर और मजबूत बनाने में मदद करता है। विटामिन सी से भरपूर आम के सेवन से शरीर संक्रामक रोगों के खिलाफ प्रतिरोध करने की क्षमता विकसित होती है।

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हृदय को बनाए स्वस्थ

आम अपनी अमीर फाइबर सामग्री की वजह से रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स भोजन का काम करता है। यह तंत्रिका तंत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और हृदय घात का खतरा कम करता है।

कैंसर के खतरे को करे कम

आम में क्यूरेसीटिन, आइसोक्यूरेसीटिन, एस्ट्रागालिन, पॉली फिनोलिक फ्लेवोनॉयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट यौगिक मिलते हैं, जो पेट, स्तन, ल्यूकेमिया और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करते हैं।

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मस्तिष्क को बनाए स्वस्थ

आम मस्तिष्क के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण फल है। इसमें मौजूद विटामिन बी दिमाग की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। किसी भी काम को करने में एकाग्रता की कमी होना और याददाश्त कमजोर होने पर विटामिन बी की भूमिका बढ़ जाती है और आम में मौजूद ग्लूटामाइन एसिड भी इस काम में काफी प्रभावी होता है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को करे संतुलित

आम में घुलनशील फाइबर पेक्टिन और विटामिन सी पाया जाता है। यह रक्त में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन सीरम (खराब कोलेस्ट्रॉल) के लेवल को कम करने में प्रभावी भूमिका निभाता है। यह ग्रंथि में होने वाले कैंसर से भी बचाता है।

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पाचन प्रक्रिया सुचारू करता है

आम में पाए जाने वाले एस्टर, टरपेन्स जैसे एंजाइम्स भूख बढ़ाने और भोजन पचाने में मदद करते हैं। यह अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फाइबर से भरपूर आम मल त्याग और चयापचय दर को बढ़ाने में मदद करता है।

एनीमिया पीडित लोगों के लिए फायदेमंद

आम में आयरन, फोलेट, मैंग्नीशियम जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से खून की कमी दूर होती है। गर्भवती और मेनोपॉज की अवस्था वाली महिलाओं और बच्चों के स्वस्थ विकास में आम सहायक है।

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बढ़ती उम्र के प्रभाव को करे कम

इसे उम्र का प्रभाव कम करने वाला फल भी कहा जाता है। आम में पाए जाने वाले विटामिन्स शरीर के अंदर कोलेजन प्रोटीन के निर्माण में सहायक हैं। यह खून के प्रवाह को बनाए रखता है, जिससे त्वचा पर बढ़ती उम्र का असर कम होता है।

सावधानी भी है जरूरी

क्यों खतरनाक हो गया ‘आम’

वैसे तो हम सब जानते हैं कि किसी भी वस्तु का जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदेह होता है, पर इन दिनों आम के संदर्भ में यह बात उपयुक्त नहीं होती। इससे होने वाली परेशानी अक्सर इसे पकाने के गलत तरीके से भी होती है।

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बाजार में जैसे-जैसे प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, खाने-पीने की चीजों, खासकर फलों को समय से पहले बाजार में लाने की होड़ सी लगी हुई है। आमों को समय से पहले पकाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। कैल्शियम कार्बाइड वह पदार्थ है, जिसकी मदद से आम को जबरदस्ती पकाया जाता है। पत्थर सा दिखने वाला यह पदार्थ नमी के साथ प्रतिक्रिया करके एथिलीन जैसी गैसें बनाता है, जिससे फल जल्दी पक जाते हैं। जिस कैल्शियम कार्बाइड से आमों को पकाया जा रहा है, वह सेहत के लिए घातक है।

सही और गलत आम की पहचान

आम पकने का एक निश्चित समय होता है। प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से पके आमों के अंतर को जानने के लिए उनके सुगंध, रंग और छिलके का सहारा ले सकते हैं। प्राकृतिक रूप से पके आम का छिलका पतला और कोमल होता है, जबकि कृत्रिम ढंग से पके आम का छिलका पीला और कठोर होता है।

रंग से भी होती है पहचान

आम के रंग से भी उसके कृत्रिम और प्राकृतिक होने का पता लगाया जा सकता है। रासायनिक रूप से पके आम का रंग एक-सा होता है। इसके विपरीत प्राकृतिक रूप से पके आम में पीले और हरे रंग का मिश्रण होता है। अगर पीले आम में कहीं-कहीं हरे धब्बे नजर आएं तो समझ जाएं कि आम में कुछ गड़बड़ है।

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खुशबू से भी पहचान सकते हैं

हर किस्म के आम की अपनी अलग खुशबू होती है। पर जबरन या कृत्रिम रूप से पकाए आम में खुशबू या तो होती नहीं है या बहुत कम होती है। आप इसे सूंघ कर पता लगा सकते हैं।

घातक हो सकती है आम की मिठास

कार्बाइड से पके आम में विटामिन और पोषक तत्वों की मात्रा घट जाती है। आहार विशेषज्ञ की मानें तो जो फल कार्बाइड से पकाए जाते हैं, वे सेहत के लिए तो हानिकारक होते ही हैं, धीमी मौत का कारण भी बन जाते हैं। कार्बाइड, पानी के साथ ऑर्गेनिक फॉस्फोरस बनाता है। पानी में घुलनशील होने के कारण यह शरीर में आसानी से घुल जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

जरा ध्यान दें

इतनी खूबियों के बावजूद आम का सेवन सीमित मात्रा में करना ही ठीक है। शर्करा से भरपूर आम का ज्यादा सेवन मोटापे को ही नहीं, त्वचा रोगों को भी न्योता देता है।

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