प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति के लोग हाथ से खाना खाना बहुत ही पसंद करते हैं. लेकिन पाश्चात्य संस्कृति का हमारी संस्कृति पर इतना व्यापक प्रभाव पडा हैं कि हमने हाथ से खाना ही छोड़ दिया हैं और पाश्चात्य संस्कृति की ही भांति खाने के लिए कांटे और चम्मच का प्रयोग करते हैं. लेकिन काँटे और चम्मच का प्रयोग कर भोजन का सेवन करने वाले व्यक्ति इस बात से अनजान हैं कि हाथ से खाना खाने के भी बहुत से फायदे हैं.
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पेट और मस्तिष्क का संबंध
आयुर्वेद की दृष्टि से जब हम अपने हाथों से खाना कहते हैं तो हमारे पेट के द्वारा मस्तिष्क को यह संकेत दिया जाता हैं कि हम खाना खाने वाले हैं और यह संकेत प्राप्त कर पेट हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को पहले ही पचाने के लिए तैयार हो जाता हैं. इस क्रिया का यह लाभ होता हैं कि इस प्रकार मस्तिष्क और पेट का एक दूसरे को संकेत देने से हमारे शरीर की पाचन क्रिया में सुधार आता हैं और हमारा ध्यान खाने की ओर अधिक होता हैं.
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पांच तत्व
आयुर्वेद में हाथ से भोजन करने के बहुत से लाभों की चर्चा की गई हैं. इसमें बताया गया हैं कि मनुष्य का शरीर पांच तत्वों के के योग से बना हैं. जिन्हें “जीवन ऊर्जा” के नाम से जाना जाता हैं. आयुर्वेद के अनुसार जिन पांच तत्वों से मानव शरीर की रचना हुई हैं. ये पांच तत्व हमारे हाथ की उँगलियों में उपस्थित रहते हैं और हमारे हाथ की पांच उँगलियाँ इन तत्वों की ही प्रतीक हैं.
- अंगूठा अग्नि का चिन्ह हैं
- तर्जनी उंगली वायु की प्रतीक हैं
- मध्यमा उंगली आकाश का चिन्ह हैं
- अनामिका उंगली पृथ्वी का चिन्ह माना जाता हैं
- मनुष्य के हाथ की सबसे छोटी उंगली जल तत्व की प्रतीक हैं
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ऐसा माना जाता हैं कि यदि इन पाँचों तत्वों में से कोई भी तत्व असंतुलित हो जाता हैं तो यह असंतुलन व्यक्ति की बीमारी का कारण बन सकता हैं.
मिर्च
अक्सर कुछ लोग जब भी भोजन करते हैं तो उसके साथ हरी मिर्च का भी सेवन करते हैं. हरी मिर्च का भोजन के साथ सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही अच्छा होता हैं. माना जाता हैं कि जो व्यक्ति रोजाना भोजन के साथ मिर्च को खाता हैं उसके शरीर का पाचन तंत्र हमेशा ठीक रहता हैं और उसे अपच जैसी समस्या नहीं होती.
खाना खाने की मुद्रा
आयुर्वेदानुसार जब भी हम भोजन का सेवन करते हैं तो अपनी उँगलियों का और अंगूठे का प्रयोग करते हैं. उँगलियों और अंगूठे को मिलाकर खाना खाने की यह एक मुद्रा होती हैं. जिसे मुद्रा विज्ञान माना गया हैं और यह कहा गया हैं कि मुद्रा का विज्ञान वह ज्ञान हैं जिसमें मनुष्य के शरीर को निरोग रखने की क्षमता निहित होती हैं.
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ऊर्जा की एकजुटता
ऐसा माना जाता हैं कि जब हम भोजन का सेवन करते हैं तो हमारे हाथ में स्थित इन पाँचों तत्वों की ऊर्जा हमारे भोजन को और ऊर्जावान बना देती हैं. जिससे हम स्वस्थ रहते हैं और हमारे शरीर के अंदर प्राणधार की ऊर्जा संतुलित रहती हैं.
माइंडफुल ईटिंग
जब आप हाथ से खाना खाते हैं तो आपका विशेष ध्यान आपके खाने पर होता हैं और जब निवाला मुंह में डालते हैं तो भी आप खाने की ओर एक बार जरूर देखते हैं. इस प्रकार खाने को देख देखकर खाना ही माइंडफुल ईटिंग कहलाता हैं. इस प्रकार खाना खाना चम्मच और कांटे का प्रयोग कर खाना खाने से ज्यादा अच्छा और लाभप्रद होता हैं. इसीलिए हमें हाथों का प्रयोग कर ही खाना खाना चाहिए.
माइंडफुल ईटिंग के फायदे
माइंडफुल ईटिंग के बहुत से फायदे होते हैं जिनकी जानकारी नीचे दी गई हैं.
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ठन्डे गर्म का अंदाजा
माइंडफुल ईटिंग का एक और लाभ यह हैं कि जब भी आप खाना खाते हैं तो अपने हाथ से भोजन को स्पर्श करते हुए आपको यह पता चल जाता हैं कि भोजन अधिक गर्म हैं या नहीं. यदि भोजन अधिक गर्म होता हैं तो आप इसे कुछ देर के बाद खाते हैं और आपकी जीभ भी जलने से बच जाती हैं. इसके विपरीत जब आप चम्मच का या कांटे का प्रयोग कर भोजन खाते हैं तो आपको खाना कितना गरम हैं इसका पता ही नहीं चलता और आपकी जीभ जल जाती हैं.
पोषक तत्व
माइंडफुल ईटिंग क्रिया का अनुसरण करते हुए भोजन का सेवन करने का एक विशेष फायदा यह हैं कि इससे भोजन में उपस्थित पोषक तत्वों की मात्रा और अधिक बढ़ जाती हैं और जब हम इस भोजन का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर की पाचन क्रिया भी ठीक रहती हैं. जिससे हम हमेशा स्वस्थ रहते हैं.