क्या है यूरिक एसिड?
जब किसी वजह से किडनी की फिल्टर यानि छानने की झमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। यूरिक एसिड शरीर के cells और उन चीजों से बनता जो हम खाते हैं। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फिल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक
एसिड का लेवल बढ़ जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है और इससे गाउट की समस्या पैदा हो जाती है।
यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है (खासकर टखने में, कमर, गर्दन, घुटने आदि में)..इसी से बाद में गाउट, गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां हो जाती हैं।
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यूरिक एसिड के लक्षण
Uric Acid Symptoms
शुरुआत में यूरिक एसिड के बढ़ने का पता नहीं लग पाता। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि यूरिक एसिड के बढ़ने को कैसे पहचानें। कुछ लक्षण हैं जिन्हें देख आप पहचान सकते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ रहा है –
■ जोड़ों में दर्द होना। उठने-बैठने में परेशानी होना।
■ उंगलियों में सूजन आ जाना
■ जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
■ इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है।
■ इसमें आदमी ज्यादा जल्दी थक भी जाता है।
*नोट : ऊपर दिए गए लक्षण सामान्य बीमारी के भी हो सकते हैं इसलिए घबराएं नहीं, धैर्य से काम लें और अपने नजदीकी चिकित्सक से अवश्य परामर्श कर लें।