इसे खाने के बाद थायराइड ठीक होने पर दोबारा नहीं होगा, थायराइड हमेशा के लिए ठीक

0
13059
thyroid ka ilaj

Thyroid होना कोई आम बीमारी नहीं है, इस एक प्रॉब्‍लम के होते ही आपके पूरे शरीर का संचालन प्रभावित होता है । शरीर की हर एक नर्व, ब्‍लड, मूवमेंट सब पर इसका असर पड़ता है । महिलाओं को थायरॉयड हो जाए तो गर्भधारण में भी मुश्किलें आती हैं वहीं पुरुषों में भी इसके लक्षण देखे जाने लगे हैं । थायरॉयड आपको सिर्फ मोटा या पतला ही नहीं करता बल्कि ये आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है । बहुत जरूरी है कि आप इससे बचने के लिए जरूरी कदम अभी से उठाना शुरू कर दें ।

थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे हार्मोन का शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है।

यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है यानि जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है।

इसके अलावा यह हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है।जब भी इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ने लगता है तब थायरोइड की समस्या होने लगती है। जब भी ये हार्मोन कम होने लगता है तब शरीर का metabolism काफी तेज होने लगता है। और शरीर की ऊर्जा जल्दी खत्म जाती है। जिससे सुस्ती,थकान बढ्ने लगती है।

आए जाने हमे थायरोइड से क्या क्या प्रोब्लेम हो सकती है।

थायराइड के लक्षण

वजन बढ़ना

थायरोइड में वजन बढ़ने लगता है। बॉडी फूलने लगती है। मोटापा और पेट की चर्बी भी बढ़ने लगती है।

कब्ज

थाइराइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। खाना पचाने में दिक्कत होती है। साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतरता।

प्रतिरोधक क्षमता

प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना- थाइराइड होने पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम़जोर हो जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं।

सिर ,गर्दन और जोड़ों में दर्द

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और साथ ही साथ कमजोरी का होना भी थायराइड की समस्या के लक्षण हो सकते है।

भूक कम लगना

आवाज़ में भारीपन आने लगता है। चेहरे और बॉडी पर सूजन आने लगती है।

डिप्रेशन 

थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।

थायरोइड होने के कारण

•   कई बार कुछ दवाओं के साइड इफैक्ट प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।

•   भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।

•   थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था(प्रेग्नंसी ) जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।इस अवधि में थायरोइड होने की संभावना ज्यादा होती है।

•   सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।

•   यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।

•   प्रदूषण का बुरा असर भी थायरोइड होने के कारण हो सकते है। प्रदूसन से हवा में में मोजूद जहरीले कण थायरोइड ग्रंथि को भी नुकसान करते है।

•   ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।

•   रजोनिवृत्ति का बंद हो जाना भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।

हेल्थ से जुड़ी सारी जानकारियां जानने के लिए तुरंत हमारी एप्प इंस्टॉल करें। हमारी एप को इंस्टॉल करने के लिए नीले रंग के लिंक पर क्लिक करें –

http://bit.ly/ayurvedamapp

थायरोइड के इलाज के लिए अचूक घरेलू उपाय

तुलसी और एलोवेरा 

दो चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिला कर सेवन करने से भी थायरोइड की बीमारी से छुटकारा पाने का उतम उपाय है।

लाल प्याज़ 

प्याज़ को बीच से काट कर दो टुकड़े कर ले कर ले और रात को सोने से फेले थायरोइड ग्लैंड के आसपास मसाज करे। इसके बाद गर्दन से प्याज्ज का रस धोये नहीं।

हल्दी का दूध

थायरोइड कंट्रोल करने के लिए आप रोज़ दूध मेन हल्दी को पका कर पिये। अगर हल्दी वाला दूध न पिया जाए तो हल्दी को भून कर इसका सेवन करने से थ्यरोइड कंट्रोल में रेहता है।

कालीमिर्च

कालीमिर्च भी थायरोइड के लीये बहुत ही फायदेमंद है किसी भी प्रकार से कालीमिर्च का सेवन करे थायरोइड में फायदा मिलेगा।

अश्वगंधा

रात को रोज सोते समय एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन गाय के दूध के साथ सेवन करने से भी थायरोइड में फायदा मिलता है।

बादाम और अखरोट

बादाम और अखरोट मे सेलिनिउम तत्व मोजूद होता है जो थायरोइड के इलाज के लिए बहुत ह फायदेमंद है। इसके रोज सेवन से गले के सूजन में काफी आराम मिलता है।

एक्सर्साइज़ एवं प्राणायाम से थायरोइड का इलाज

रोज आधा घंटा एक्सर्साइज़ करने से थायरोइड कंट्रोल में रेहता है और बढ़ता भी नहीं है। नियमित रूप से योग और प्राणायाम करने से थायरोइड ठीक कर सकते है। योग के अलावा आप meditation भी कर सकते है जिससे आप रिलैक्स होगे और थायरोइड ट्रीटमंट मे भी फायदा मिलेगा।

अदरक

अदरक में मौजूद गुण जैसे पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि थायराइड की समस्या से निजात दिलवाते हैं। अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।

गेहूं और ज्वार का इस्तेमाल 

थायराइड ग्रंथी को बढ़ने से रोकने के लिए आप गेहूं के ज्वार का सेवन कर सकते हो। गेहूं का ज्वार आयुर्वेद में थायराइड की समस्या को दूर करने का बेहतर और सरल प्राकृतिक उपाय है। इसके अलावा यह साइनस, उच्च रक्तचाप और खून की कमी जैसी समस्याओं को रोकने में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

एक्यूप्रेशर से थायरोइड का इलाज

हमारे दोनों पैरो आर हाथो पर शरीर के सभी अंगो के कुछ पॉइंट्स होते है। एक्यूप्रेससर ट्रीटमंट में इन पॉइंट्स को दवाने से इलाज किया जा सकता है। लेकिन इसकी जानकारी होनी आवस्यक है की कौन सी पॉइंट किस चीज के लिए है। आर कैसे दवाब डालना है। अगर आप एक्यूप्रेसुर का इलाज करना चाहते है तो पहले कुछ दिन किसी एक्सपेर्ट से जन ले उसके बाद अपने से करे

Leave a Reply