थायरॉइड असंतुलन एक गम्भीर बीमारी है जिसके लक्षण धीरे-धीरे नज़र आते हैं। हम भोजन के रूप में जो भी ग्रहण करते हैं थायरॉइड ग्रंथि उसे शरीर के लिए उपयोगी ऊर्जा में बदल देती है और इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थायरॉइड हार्मोन की होती है। थायरॉइड ग्रंथि से दो प्रकार के हार्मोन निकलते हैं। थायरॉक्सिन टी-4 में चार आयोडीन और ट्राईआयोडोथाइरीन टी-3 में तीन आयोडीन होते हैं। टी-4 ज़रूरत के अनुसार, टी-3 में बदल जाते हैं। यहाँ तक तो सब ठीक है लेकिन समस्या तब होती हैं जब यह ग्रंथि ठीक ढंग से काम नहीं करती। थायरॉइड असंतुलित होने पर व्यक्ति को थकान, कमज़ोरी, त्वचा का रुखा होना, बाल झड़ना, हाथ-पांव का ठंडे रहना, वज़न का बढ़ना, डिप्रेशन का शिकार होना, कब्ज़, अनिद्रा, याददाश्त का कमज़ोर आदि समस्याएं होती हैं और इन समस्याओं के कारण मानव का स्वाभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है।
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थायरॉइड असंतुलित होने के लक्षण
आज हम आपको थायरॉइड रोग के ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं। जिनकी जानकारी से आप यह जान सकेंगे कि आपका थायरॉइड ठीक से काम कर रहा या नहीं।
मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द होना
थायरॉइड रोग होने पर मांसपेशियों व जोड़ो में दर्द बना रहता है और इस कारण से शरीर को अधिक थकान व कमज़ोरी भी लगने लगती हैं।
बाल झड़ना
थायरॉइड असंतुलित होने पर बाल अधिक झड़ने लगते हैं और व्यक्ति गंजेपन का शिकार होने लगता हैं।
याद्दाश्त का कमज़ोर होना
थायरॉइड रोग के कारण व्यक्ति की याद्दाश्त कमज़ोर होने लगती है जो उसके सोचने समझने की शक्ति को भी क्षीण कर देती है, क्योंकि इसका असर व्यक्ति के सीधे दिमाग़ पर पड़ता है।
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हाथ – पांव ठंडे बने रहना
थायरॉइड रोग होने पर हाथ पांव ठंडे बने रहते हैं। जबकि मानव शरीर का तापमान सामान्य रहता हैं फिर भी हाथ पांव ठंडे बने रहते हैं।
कब्ज़ की शिक़ायत होना
थायरॉइड रोग के कारण कब्ज़ की शिक़ायत बनी रहती है। जिससे खाना पचाने में दिक्कत होती हैं, जिससे शरीर के वज़न पर भी असर पड़ता है।
थकान का एहसास होना
थायरॉइड असंतुलित होने पर व्यक्ति बहुत जल्दी थक जाता है और शरीर थकान का अनुभव करता है। शरीर आलसी व सुस्त बना रहता हैं।
त्वचा का शुष्क व रुखा होना
थाइराइड असंतुलन के कारण मानव शरीर की त्वचा रूखी सूखी व बेजान होने लगती है क्योंकि त्वचा के ऊपरी हिस्से के सेल्स की क्षति होने लगती है। जिस कारण से त्वचा रूखी-सूखी व शुष्क सी हो जाती है।
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शरीर में ऊर्जा का असमान्य स्तर
थायरॉइड की समस्या होने पर शरीर में ऊर्जा का असामान्य स्तर रहता है। जिस कारण से कभी कभी शरीर बेहद एक्टिव रहता है, परन्तु कुछ ही पल में शरीर बेहद सुस्त भी हो जाता है। कभी कभी शरीर बेहद थकान को महसूस करता है। थकान तथा नींद न पूरी होने के कारण मानव स्वाभाव बेहद चिड़चिड़ा हो जाता है।
डिप्रेशन के शिकार होना
जब थायरॉइड ग्रंथि शरीर में ज़रूरत से ज़्यादा मात्रा में होने लगती है तो यह थायरॉइड हार्मोन का निर्माण करती है जिसके कारण व्यक्ति तनाव या डिप्रेशन का शिकार होने लगता हैं।
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वज़न में बदलाव
थायरॉइड असंतुलित होने पर वजन या तो तेज़ी से बढ़ता है या तेज़ी से घटने लगता है। जिससे वज़न अनियंत्रित रहता है।