आमतौर पर हार्ट अटैक का पहला लक्षण सीने में जलन या फिर दर्द होना है लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक में ऐसा बिल्कुल नहीं होता। जब किसी व्यक्ति को साइलेंट हार्ट अटैक की प्रॉबल्म होती है तो उसे सीने में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता। इस बीमारी में मरीज को पता ही नहीं चलता की क्या हो रहा है। इसलिए इसे पहचनाना काफी मुश्किल हो जाता है।
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अगर सही समय पर इसके लक्षणों के पहचान कर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर परेशानी बन सकती है। हम आपको साइलेंट हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों के बारे में बताएंगे, जिनको पहचनना बहुत जरूरी है और इसका इलाज करना भी।
बीते दिन बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी का निधन हो गया। उनकी मौत का कारण कार्डिक अटैक यानि साइलेंट हार्ट अटैक बताया जा रहा है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार हार्ट अटैक के मामलों में 45 प्रतिशत मामले साइलेंट अटैक के ही होते हैं। बता दें कि इससे पहले जयललिता की मौत भी ऐसे ही साइलेंट अटैक के कारण हुई थी।
विशेषज्ञों के अनुसार साइलेंट अटैक का मतलब ये नहीं कि आपको हार्ट डिसीज हो। कई बार हार्ट डिसीज न होने पर भी आपको साइलेंट अटैक आ सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरूषों में साइलेंट अटैक के मामले ज्यादा देखने को मिलता है।
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होता क्या है साइलेंट हार्ट अटैक
हार्ट विशेषज्ञ डॉ.राम राजावत के अनुसार साइलेंट हार्टअटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इंफ्रेक्शन कहा जाता है। इसमें व्यक्ति को हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द महसूस नहीं होता। हालांकि कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जो अटैक आने से पहले मिलने लगते हैं।
क्यों महसूस नहीं होता दर्द
साइलेंट अटैक में सीने में दर्द न होने की वजह न्यरोपैथी से जुड़ी है। कई बार ब्रेन तक दर्द का अहसास करानी वालह स्पाइनल कॉर्ड में परेशानी के कारण या फिर साइकोलॉजिकल कारणों से दर्द महसूस नहीं हो पाता। इसके अलावा ज्यादा उम्र के लोगों में ऑटोनाूमिक न्यूरोपैथी के कारण भी दर्द का अहसास नहीं होता।
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जानिए ये हैं 5 संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार साइलेंट अटैक आने से पहले व्यक्ति को पांच संकेत जरूर महसूस होते हैं। अगर इन संकतों को वह महसूस कर ले तो काफी हद तक मौत को रोका जा सकता है।
– गैस्ट्रिक प्रॉब्लम या पेट की खराबी
– बिना वजह हो रही कमजोरी और सुस्ती
– थोड़ी सी मेहनत में थकान लगना।
– अचानक ठंडा पसीना आना।
– बार-बार सांस फूलना।
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क्यों आता है साइलेंट अटैक
जो लोग ज्यादा ऑयली, फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उन्हें साइलेंट किलर की समस्या आती हैं। साथ ही जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते , उन्हें भी ये बीमारी घेर लेती है। शराब और सिगरेट पीने वाले, डायबिटीज और मोटापे से ग्रसित लोगों के साथ जो लोग टेंशन और स्ट्रेस के शिकार होते हैं उन्हें साइलेंट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है।
साइलेंट अटैक से बचने के लिए करें ये उपाय
जिन लोगों को ये सब परेशानी रहती हैं, उन्हें अपनी डाइट में सलाद और सब्जियां शामिल करनी चाहिए। रैग्यूलर वॉक, योगासन और व्यायाम भी इसके लिए बहुत जरूरी है। ऐसे लोगों को स्ट्रेस और टेंशन से कोसों दूर रहना चाहिए।