निमोनिया में क्या खाएं क्या ना खाएं -Pneumonia Diet Chart In Hindi

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निमोनिया में क्या खाना चाहिए इन हिंदी | निमोनिया में डाइट

निमोनिया (Pneumonia) संक्रमण की वजह से होने वाला फेफड़ों का रोग होता है। इस रोग में फेफड़ों के अंदरूनी हिस्सों में संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है और भीतर के कोष्ठकों में द्रव्य इकट्ठा हो जाता है। हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच जाता है। कई बार फंफूद की वजह से भी लंग संक्रमित हो जाता है। आइये जाने diet tips and foods to eat in Pneumonia treatment in hindi.

निमोनिया के कारण : निमोनिया अनेक प्रकार का होता है तथा उसके कारण भी एच. इंफ्लुएंजा वायरस आदि के संक्रमण से होता है, जबकि लोबर निमोनिया न्यूमोकोकस बैक्टीरिया से होता है। ब्रोंकाइटिस, मधुमेह, फ्लू, हृदय या वृक्क के रोग, डिफ्थीरिया, हैजा, खसरा, सर्दी-जुकाम आदि रोग निमोनिया के बीच में या बाद में हो जाते हैं।

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निमोनिया के लक्षण : इस रोग के लक्षणों में अचानक तेज ज्वर के साथ छाती में दर्द, पसीना और पेशाब की अधिकता, सिर दर्द, प्यास अधिक लगना, चेहरा, मुंह तथा नेत्र लाल होना, सूखी खांसी आना, सांस लेने की गति बढ़ जाना, पीठ के बल लेटने में कष्ट बढ़ना, फेफड़ों में सूजन आना, नाड़ी की गति बढ़ना, बलगम के साथ खून आना, भूख कम लगने से कमजोरी आदि देखने को मिलते हैं। Pneumonia Patients Diet, Food Chart, Nutrition, Good Foods, Best and Worst Foods For Pneumonia.

निमोनिया में क्या खाएं 

  • गर्म चाय, गर्म दूध और कॉफी पिएं।
  • आहार में तरल चीजें, जैसे-चावल की मांड, साबूदाना की खीर, बाली, शोरबा, आंशिक रूप से उबला या फेंटा हुआ अंडा, अरारोट, मूंग, मसूर की दाल का सूप आदि सेवन करें।
  • निमोनिया के मरीज को सब्जियों में गाजर, लहसुन, तिल, मेथी, चुकंदर, प्याज, अजमोदा, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, ककड़ी, जामुन, पत्तेदार साग, टमाटर।
  • फलों और सब्जियों का ताज़ा पकाया सूप और फलों का जूस आदि मुख्य रूप से खाएं- पियें |
  • लेमनेड या सादा साफ़ पानी गर्म कर भरपूर मात्रा में पिएं।
  • एक लहसुन की कली पीसकर 2 चम्मच गर्म पानी के साथ सुबह-शाम खाएं।
  • प्यास लगने पर गर्म पानी में एक चम्मच शहद घोल कर पिलाते रहें।
  • निमोनिया के रोगी की छाती पर सरसों के तेल में कपूर और तारपीन का तेल मिलाकर मालिश करें राहत मिलेगी।
  • सीने पर शुद्ध शहद की मालिश भी फायदा करेगी।
  • अदरक और तुलसी के रस का एक चम्मच शहद के साथ सेवन करें।
  • लहसुन के एक चम्मच रस को गरम पानी में डालकर दिन में दो बार पीएं।
  • गुनगुने पानी में थोड़ा-सा शहद डालकर दिन में तीन बार लें।
  • निमोनिया में तीन-चार मुनक्के लें। इनमें थोड़ी हींग भर लें और रोज सुबह, दोपहर और शाम को खाएं।
  • तुलसी के 15-20 पत्ते लें। 5-6 काली मिर्च लें। 3 लौंग, दो चुटकी हल्दी और एक गांठ अदरक की लें। सभी को एक कप पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो दो बार में सुबह-शाम पीएं। एक हफ्ते तक ऐसा करें।
  • थोड़ी सी लाल मिर्च और थोड़ा सा नींबू का रस लेकर इसे 250 मिली पानी में मिलाकर दिन में तीन चार बार इसका सेवन करें।
  • गाजर के जूस में भी लाल मिर्च डालकर भी पी सकते हैं। लाल मिर्च में मौजूद कैप्‍स‍ासिन साँस की नली से बलगम को हटानेमें लाभकारी होता है जो निमोनिया रोगी के लिए बहुत जरुरी होता है |
  • एक गिलास पानी में एक चम्‍मच मेथी के दाने डालकर उसको उबाल लें और चाय की तरह इसको पियें |
  • एक चम्‍मच तिल को पानी में उबाल लें फिर इसमें एक चम्‍मच अलसी के बीज डाल दें और फिर इसका सेवन करें |
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निमोनिया में क्या ना खाएं

  • भारी, गरिष्ठ, तला, मिर्च-मसालेदार ठोस भोजन का सेवन न करें। ये सब निमोनिया में नुकसान करने वाले पदार्थ होते हैं |
  • निमोनिया में ठंडा, फ्रिज का पानी, आइसक्रीम, ठंडे पेय न लें।
  • शराब, तंबाकू जैसे उत्तेजक पदार्थ न खाएं।
  • जूठे बर्तनों में रखी या बासी खाने-पीने की चीजें सेवन न करें।
  • दही-मट्ठा का सेवन न करें।
  • निमोनिया में घी-तेल और इनसे बने चिकनाई वाले पदार्थ भी न लें।
  • मैदे के उत्पाद, खटाई, मांस-मछली, तरबूज का सेवन भी न करें।
  • व्यायाम और ज्यादा परिश्रम भी न करें।
  • मलाई निकले दूध में शहद डालकर सेवन करें।
  • चूंकि निमोनिया फेफड़ों और सांस से जुड़ी परेशानी है। इसलिए इसमें वे सभी भोज्य पदार्थ काम करेंगे, जिनका जिक्र अस्थमा और फेफड़ों की समस्या वाले पिछले पोस्ट में किया गया है। अस्थमा या दमे में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं

निमोनिया के मरीज क्या करें

  • रोगी को समान तापमान वाले कमरे में रखें जहां शुद्ध हवा हो।
  • निमोनिया के मरीज सर्दी न लगे, इसके लिए कपड़े पहनाएं और पांवों को गर्म रखें।
  • निमोनिया के रोगी को पूरा आराम करने दें। उससे ज्यादा बातचीत ना करें ।
  • मरीज को भाप दें | हो सके तो भाप के लिए उपयोग होने वाले गर्म पानी में कुछ बूंदे नीलगिरी, लैवेंडर, टी-ट्री, नींबू, या कपूर के तेल की जरुर डाल लें | केवल कपूर डालने से भी लाभ मिलेगा |
  • छाती व पीठ पर सरसों के तेल की मालिश कर फलालैन का कपड़ा लपेट दें। अधिक दर्द होने पर सफेद तेल (लिनिमेंट टपेंटाइन) की मालिश कर सिकाई करें।
  • बच्चो को निमोनिया होने पर दूध पिलाते वक्त सावधानी रखनी चाहिए। सांस फूलने की वजह से दूध सांस की नली में न चला जाए, इसका ध्यान रखना चाहिए । दूध पिलाने के बाद बच्चे को कंधे से लगाना चाहिए ताकि खांसी आने पर दूध साँस की नली में ना जाए ।
  • निमोनिया होने पर दरवाजे, खिड़कियां बंद करके न सोएं। पर सर्दी से जरुर बचें |
  • अधिक चलने-फिरने तथा शारीरिक परिश्रम से बचें।
  • बच्चों और कमजोर बुजुर्गों को रोगी के कमरे में अधिक आने-जाने न दें।
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दोस्तों निमोनिया में क्या खाना चाहिए और क्या न खाए, Pneumonia me kya khana chahiye aur kya nhi khaye in hindi का ये लेख कैसा लगा हमें बताये और अगर आपके पास निमोनिया कंट्रोल कैसे करे, निमोनिया के मरीज क्या करें उपाय व निमोनिया में क्या नहीं खाना चाहिए से जुड़े सुझाव है तो हमें लिखे।

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