गर्मियों में मेथी बीज खाने के तरीके 90% लोग नहीं जानते ख़त्म होते है 8 रोग, Fenugreek, Methi ke fayde

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भारतीय रसोईघर में कई ऐसे मसाले हैं जिनका इस्तेमाल रोगों के लिए बेहद लाभदायक है। दादी मां के नुस्खों की बात करें तो रसोई को देशी दवाखाना भी कहा जा सकता है। आजवायन के बाद दाना ्मेथी भी अनेक रोगों की दवा है। मेथीदाना(methi dana ) उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बल वर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है । यह पुष्टिकारक, शक्ति – स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है । सुबह – शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है। इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं | यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी हैं।

अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, उतनी संख्या में मेथिदाने रोज धीरे – धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होनेवाली व्याधियों, जैसे घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, हाथों का सुन्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिंचाव, बार-बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है. गर्भवती व स्तनपान करानेवाली महिलाओं को भुने मेथीदानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है ।

स्वभाव 

मेथी (methi)खाने में गर्म होती है।

हानिकारक

जिनकी प्रकृति गर्म हो और शरीर के किसी भी अंग से खून गिरता हो, जैसे- खूनी बवासीर, नाक से खून का गिरना (नकसीर), पेशाब में खून आना, मासिक-धर्म में अधिक खून आना और कई दिनों तक आते रहना आदि रोग हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी का प्रयोग कम और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अत: इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक है। मेथी अधिक मात्रा में खाने से पित्त बढ़ती है, इसलिए इसका सेवन मात्रा के अनुसार ही करना चाहिए।

दोषों को दूर करने वाला

घी, मेथी के गुणों को सुरक्षित रखकर उसके दोषों को दूर करती है।

शक्तिवर्धक पेय

दो चम्मच मेथीदाने(Fenugreek) एक गिलास पानी में 4-5 घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई रह जाय | इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें |

मेथी दाना के फायदे

■  मेथी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए मेथी बहुत अच्छा उपाय है। मेथी अपच, गैस व पेटदर्द दूर करने में सहायक है।

■  पेट के छालों को दूर करने के लिए मेथी के काढ़े का नियमित रूप से प्रयोग किया जाना चाहिए।

■  यह एसिडिटी तो दूर करती ही है साथ ही एपेन्डिक्स में एकत्रित गंदगी को भी दूर करती है।

■  कब्ज के निदान के लिए सुबह−शाम भोजन में मेथी की सब्जी खानी चाहिए और रात को सोते समय एक चम्मच साबुत दाने पानी के साथ निगलने चाहिए।

■  आमातिसार के इलाज के लिए रोगी को मेथी के पत्ते घी में तलकर खाने दें। साथ ही चार चम्मच मेथी के रस को मिस्री की एक चम्मच मात्रा में मिलाकर रोगी को पीने दें इससे शीघ्र लाभ होता है।

■  मेथी के पत्तों के अर्क से गरारे करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।

■  मेथी के पानी को दांतों पर रगड़ने से दांत मजबूत होते हैं तथा दंत क्षय नहीं होता।

■  मेथी दानों के काढ़े से दिन में तीन−चार बार गरारे करने से गले की सूजन, दर्द तथा टान्सिल्स की परेशानी दूर होती है।

■  मेथी की सब्जी के सेवन से खून की कमी की शिकायत दूर होती है। पे

■  चिस, पथरी, रक्तचाप, बहुमूत्र, तथा मानसिक तनाव को दूर करने के लिए, मेथी का काढ़ा तथा मेथी का चूर्ण बहुत लाभदायक है।

■  किसी प्रकार की अंदरूनी चोट के दर्द को दूर करने के लिए प्रभावित अंग पर मेथी के पत्तों को पीसकर लेप लगाना चाहिए। इससे सूजन भी दूर होती है।

■  मेथी के दानों के चूर्ण एक चम्मच सुबह−शाम नियमित रूप से लेने से घुटने, जोड़ों, आमवात, लकवा तथा गठिया में आराम मिलता है।

■  मेथी दानों के लड्डू बनाकर तीन हफ्ते तक सुबह−शाम खाने से कमर दर्द में आराम मिलता है साथ ही प्रभावित स्थान पर मेथी के तेल की मालिश भी की जानी चाहिए।

■  सर्दी−जुकाम के कष्टों को दूर करने में भी मेथी बहुत सहायक होती है इसके लिए सुबह−शाम मेथी की सब्जी के सेवन के साथ−साथ मेथी के एक चम्मच दाने गर्म दूध के साथ खाने चाहिए।

■  रात को सोते समय मेथी दानों का लेप बालों में लागने से बालों के रोग दूर होते हैं तथा उनकी जड़ें मजबूत होती हैं।

■  जलन या दाह को शांत करने के लिए मेथी के पत्तों का रस चार चम्मच, दिन में लगभग तीन बार रोगी को दिया जाना चाहिए साथ ही मेथी के पत्तों का पेस्ट भी लगाना चाहिए।

■  मेथी में खून और पेशाब में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का विशेष गुण होता है, इसी कारण मधुमेह के उपचार में मेथी का बहुत महत्व है। मधुमेह के रोगियों को रोजाना दो चम्मच मेथी दानों का चूर्ण दूध में मिलाकर लेना चाहिए। यदि संभव हो तो दो चम्मच मेथी के दानों को पानी के साथ ही निगल लेना चाहिए। जामुन के सूखे बीजों में मेथी मिलाकर पीसने और रात को सोने से पहले इस मिश्रण की एक चम्मच मात्रा के सेवन से भी शरीर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।

■  ट्रस्मेथाइमिलमिन नामक तत्व मेथी में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इस कारण यह शाकाहारियों के लिए मछली के तेल का सर्वोत्तम विकल्प है। मेथी में पाया जाने वाला लैसीथीन नामक तत्व दिमागी कमजोरी को दूर करता है।

■  पानी में पीसकर बने मेथी दाने के पेस्ट को जले हुए स्थान पर लगाने से दर्द व जलन से राहत मिलती है और घाव जल्दी ठीक होता है। ऐसा दिन में लगभग तीन बार करना चाहिए।

■  भूख न लगने, बहुमूत्र, साइटिका, दमा पेट तथा मांसपेशियों के दर्द के लिए रोजाना, मेथी दाने की एक चम्मच मात्रा, दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है। मेथी और हमारे स्वास्थ्य का सीधा संबंध है इसलिए मेथी को हमें अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए।

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