पक्षाघात (लकवा) रोगियों के लिए अचूक और रामबाण घरेलु इलाज, पढ़ें और शेयर करें!!!

1
5741

लकवा (Paralysis) को हिन्दी में पक्षाघात होना अथवा लकवा मारना भी कहा जाता है। लकवा मारना मस्तिष्क में होने वाली एक प्रकार की बहुत ही गंभीर तथा चिंताजनक बीमारी है। शरीर के अन्य अंगों की तरह हमारे मस्तिष्क को भी लगातार रक्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है। रक्त में ऑक्सिजन तथा विभिन्न प्रकार के पोषकतत्व पाये जाते है जो हमारे मस्तिष्क को सही रूप से कार्य करने में काफी मदद करते है।

■   5 दिन में पाएं गाल ब्लैडर स्टोन से छुटकारा, करें ये जादुई प्रयोग

जब हमारे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रूक जाता है, तो एक या अधिक मांसपेशी या समूह की मांसपेशियाँ पूरी तरह से कार्य करने में असमर्थ हो जाती है। तब ऐसी स्थिती को पक्षाघात अथवा लकवा मारना कहते हैं। यह बीमारी प्रायः वृद्धावस्था में अधिक पाई जाती है। इस बीमारी में शरीर का कोई हिस्सा या आधा शरीर निष्क्रिय व चेतनाहीन होने लगता है।

हेल्थ से जुड़ी सारी जानकारियां जानने के लिए तुरंत हमारी एप्प इंस्टॉल करें। हमारी एप को इंस्टॉल करने के लिए नीले रंग के लिंक पर क्लिक करें –

http://bit.ly/ayurvedamapp

 

यह बीमारी होने की वजह से व्यक्ति की संवेदना शक्ति समाप्त हो जाती है, तथा वह चलने फिरने तथा शरीर में कुछ भी महसूस करने की क्षमता भी खोने लगता है। शरीर के जिस हिस्से पर लकवा मारता है, वह हिस्सा काम नहीं करता। पक्षाघात कभी भी कहीं भी तथा किसी भी शारीरिक हिस्से में हो सकता है।

■   शुगर की बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – Sugar Diet Chart In Hindi

पक्षाघात होने के विभिन्न कारण-

  • रीढ की हड्डी पर चोट लगने से जब मेरूदंड पर इसका प्रभाव पडता है तब ऐसी स्थिती में पक्षाघात हो सकता है।
  • किसी भी दुर्घटना के होने से, संक्रमण, अवरूप्ध रक्तवाहिकाओं तथा टयूमर की वजह से पक्षाघात होने की संभावना बनी रहती है।
  • जिन लोगों में उच्चरक्तचाप, मधुमेह तथा कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में पाया जाता है तथा जिन लोगों का शारीरिक वजन अधिक है, उन लोगों में स्ट्रोक होने का खतरा बना रहता है।
  • जब हमारे मस्तिष्क का कोई हिस्सा जो किसी विशेष मांसपेशियों को नियंत्रित करता है, और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तब भी लकवा मारने की स्थिती उत्पन्न होने लगती है।
  • जब हमारे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति नहीं होती तब भी लकवा मारने जैसी समस्या हो सकती है। हमारे रक्त में ऑक्सीजन तथा विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है जो हमारे मस्तिष्क के सही रूप से कार्य करने में सहायक होते हैं। जब हमारे मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में रक्त की आपूर्ति नहीं होती या रक्त के थक्के जमा हो जाते हैं तब इसकी वजह से पक्षाघात होने का खतरा बढ़ जाता है।
■   अस्थमा या दमे में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं – Asthma Diet Chart In Hindi

 

पक्षाघात के लिए किये जाने वाले उपाय :

  • 5 ग्राम बारीक पीसी हुई अदरक, 10 ग्राम काली उडद की दाल को 50 ग्राम सरसों के तेल में मिलाकर 5 मिनट तक गर्म करें। अब इसमें लगभग 2 ग्राम पिसा हुआ कपूर का चूरा डालकर इस तेल को गुनगुना कर पर प्रभावित क्षेत्र में मालिश करने से पक्षाघात काफी फायदा होता है।
  • 250 ग्राम रिफाइन्ड तेल में 50 से 60 ग्राम काली मिर्च मिलाकर कुछ देर तक पकायें। अब इस तेल से लकवे से प्रभावित अंग पर हल्के हल्के हाथों से लगायें। इस तेल को उसी समय बनाकर गुनगुना करके लगायें। इस इलाज को लगभग एक महीने तक प्रतिदिन नियमित रूप से करें।
  • उनके आहार में नियमित रूप से भिंडी, बीट, गाजर, जैसी पौष्टिक सब्जियों का समावेश होना चाहिए।
  • पक्षाघात के लिए 4 से 5 लहसुन की कलियों को पीसकर उसे 2 चम्मच शहद में मिलाकर चाट लें। इसके अलावा लहसुन की 4 से 5 कलियों को दूध में उबालकर उसका सेवन करने से रक्तचाप भी ठीक रहता है तथा लकवा से ग्रसित अंगों में भी हलचल होने लगती है।
■   रोज सुबह लगातार 7 दिनो तक भिंडी का पानी पीने के ये फ़ायदे जान दंग रह जाएँगे, जान गये तो ज़रूर पियोगे
  • लकवाग्रस्त पीडितों को केला, नारंगी, आम – ये ही फल खाने चाहिए।
  • देसी गाय के शुद्ध घी की 3 बूदों को हर रोज सुबह शाम नाक में डालने से माइग्रेन की समस्या खत्म हो जाती है। बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा लकवा मारने के इलाज में भी बहुत फायदा होता है।

    हमारे यूट्यूब चैनल को SUBSCRIBE करने के लिए लाल रंग के लिंक पर क्लिक करें –

    http://bit.ly/30t2sCS

  • रोजाना, योगासन , प्राणायम तथा कपालभाती जैसी क्रिया नियमित करने से भी पक्षाघात में लाभ पहुँचता है।
  • आधा लीटर सरसों के तेल में 50 ग्राम लहसुन डालकर पका लें। अब इसे ठंडा करके इसे अच्छी तरह निचोड लें और एक डिब्बे में रख दें। रोजाना इस तेल से लकवा ग्रस्त प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करने से काफी लाभ पहुँचता है।
  • सोंठ तथा उडद को पानी में मिलाकर हल्की आंच पर गर्म करके नियमित रूप से यह पानी रोगी को पिलाने से पक्षाघात में काफी लाभ पहुँचता है।
  • कुछ दिनों तक लकवा से पीडित रोगी को खजूर को दूध में मिलाकर देने से लकवा ठीक होने लगता है।
  • लकवा जैसे रोग का यदि सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह रोगी एक प्रकार से अपाहिज की जिंदगी जीने लगता है। इसलिए समय रहते ही इस बीमारी का इलाज करना बहुत ही आवश्यक है। इन आयुर्वेदिक उपायों को यदि नियमित रूप से अपनाया तो पक्षाघात में अवश्य ही लाभ पहुँचने लगता है।
■   सिर्फ 2-3 खजूर आपके शरीर को फौलाद बना देगी, कब्ज, वजन बढ़ाना, सुखी खाँसी आदि 200 रोगों का रामबाण

 

1 COMMENT

Leave a Reply