आयुर्वेद में प्रकृति के द्वारा हर समस्या का समाधान उपलब्ध है। हमारे आसपास ही प्रकृति में कई औषधियां छुपी हुई हैं, जिनके बारे में हम नहीं जानते। हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ काे देवतुल्य मानकर उसकी पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, पीपल हृदय रोग के लिए एक वरदान है।
■ आयुर्वेद के अनुसार सुबह उठने का सही तरीका अपना लिया तो रोग आपसे कोषों दूर रहेंगे
दिल के आकार के इस पत्ते में आपके हृदय संबंधी समस्याओं का हल छुपा हुआ है। सबसे खास बात यह है, कि पीपल दिल के 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी समाप्त कर देता है।
क्या आपके रक्त-शिराओ में हार्ट ब्लोकेज है तो आप सबसे पहले यह जान ले कि अदरक का सेवन ज्यादा करे क्योंकि अदरक आपके खून को पतला रखता है और पीपल का पत्ता आपको हार्ट ब्लाकेज से बचाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए पीपल के पत्ते
पीपल के पत्ते को कैसे लें
पीपल के 15 से 20 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों बल्कि पीपल के पत्ते हरे कोमल व भली प्रकार विकसित हों।अब प्रत्येक पीपल के पत्ते का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें तथा पीपल के पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। अब आप इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें और जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें। अब ये दवा तैयार है।
■ औषधि का राजा है पीपल, ये कब्ज, गैस को मिटाता है तो फटी एड़ियों को भरता है, हृदय के लिए किसी वरदान से कम नही
पीपल के पत्ते के काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती है । दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें। इसकी खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
परहेज क्या करे
पीपल के पत्ते के प्रयोग काल में तली चीजें, चावल आदि न लें तथा मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें और नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें ।