throat pain

मौसम बदलते ही गले में खराश होना आम बात है। इसमें गले में कांटे जैसी चुभन, खिचखिच और बोलने में तकलीफ जैसी समस्याएं आती हैं। ऐसा बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है। गले में खराश गले का इंफेक्शन है, जिसमें गले से कर्कश आवाज, हल्की खांसी, बुखार, सिरदर्द, थकान और गले में दर्द खासकर निगलने में परेशानी होती है। हमारे गले में दोनों तरफ टॉन्सिल्स होते हैं, जो कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस को हमारे गले में जाने से रोकते हैं, लेकिन कई बार जब ये टॉन्सिल्स खुद ही संक्रमित हो जाते हैं, तो इन्हें टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। इसमें गले के अंदर के दोनों तरफ के टॉन्सिल्स गुलाबी व लाल रंग के दिखाई पडम्ते हैं। ये थोड़े बड़े और ज्यादा लाल होते हैं। कई बार इन पर सफेद चकत्ते या पस भी दिखाई देता है। वैसे तो टॉन्सिलाइटिस का संक्रमण उचित देखभाल और एंटीबायोटिक से ठीक हो जाता है, लेकिन इसका खतरा तब अधिक बढ़ जाता है, जब यह संक्रमण स्ट्रेप्टोकॉक्कस हिमोलिटीकस नामक बैक्टीरिया से होता है। तब यह संक्रमण हृदय एवं गुर्दे में फैलकर खतरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।

गले मे कुछ भी तकलीफ हो, जैसे गले मे खराश हो, इसका एक बहुत आसान उपाय ये है कि गो मूत्र मुह में भरो और थोड़ी देर कुल्ला करो. उसको गड गड गड करके थूक दो, अगर ऐसा करेंगे तो ये गौमूत्र तुरंत ठीक कर देता है. अगर किसी को बोलते बोलते गले की आवाज बैठ गई है थोडा सा गौमूत्र पी ले, आवाज बिलकुल ठीक हो जाएगी. अगर किसी को गले मे सुजन आ जाये या टोनस्लाईटिस (Tonsillitis) हो जाये तो गौमूत्र ले, ये सब ठीक कर देता है,

गौ-मूत्र के अलावा एक और गले की बहुत अच्छी दवा है, हल्दी, जी हां हल्दी, लेकिन हल्दी पाउडर वाली आपको लेनी है, जो आपके रसोई घर में मिल जाएगी. आधा चम्मच हल्दी, सीधा मुँह मे चम्मच की मदद से गले के अंदर डाल दो और थोडी देर के लिए चुप करके बैठ जाओ. होगा ये कि ये हल्दी गले मे मूह की लार के साथ अंदर जाएगी और एक खुराक में ही गले की हर बीमारी ठीक कर देगी. कई बार हमें गले मे टोनस्लाईटिस का दर्द होता है, तो हल्दी की एक खुराक में ही ठीक हो जाएगा | कई बार हम टोनस्लाईटिस होने पर बच्चो का ऑपरेशन करा देते है, आप कभी भी बच्चो का ऑपरेशन न कराए, ये इलाज कीजिए, आपको ऑपरेशन की जरुरत नहीं पड़ेगी. ये हल्दी बहुत अच्छी चीज है इससे गला पूरी तरह ठीक हो जाएगा.

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इस वेबसाइट में जो भी जानकारिया दी जा रही हैं, वो हमारे घरों में सदियों से अपनाये जाने वाले घरेलू नुस्खे हैं जो हमारी दादी नानी या बड़े बुज़ुर्ग अक्सर ही इस्तेमाल किया करते थे, आज कल हम भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में इन सब को भूल गए हैं और छोटी मोटी बीमारी के लिए बिना डॉक्टर की सलाह से तुरंत गोली खा कर अपने शरीर को खराब कर देते हैं। तो ये वेबसाइट बस उसी भूले बिसरे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लक्षय से बनाई गयी है। आप कोई भी उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर से या वैद से परामर्श ज़रूर कर ले। यहाँ पर हम दवाएं नहीं बता रहे, हम सिर्फ घरेलु नुस्खे बता रहे हैं। कई बार एक ही घरेलु नुस्खा दो व्यक्तियों के लिए अलग अलग परिणाम देता हैं। इसलिए अपनी प्रकृति को जानते हुए उसके बाद ही कोई प्रयोग करे। इसके लिए आप अपने वैद से या डॉक्टर से संपर्क ज़रूर करे।
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