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पथरी और कब्ज की समस्या में रामबाण है बथुआ का सेवन, ऐसे करें प्रयोग

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हरी पत्तेदार और पौष्टि‍क सब्जियों में बथुआ का नाम भी शुमार है। बथुए में मौजूद पोषक तत्व आपको कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करते हैं, साथ ही शरीर को पोषण भी देते हैं। यानी यह केवल स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद होता है।

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बथुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। डाक्टरों के मुताबिक बथुआ को खाने में किसी न किसी रूप में शामिल जरूर करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके साग को नियमित खाने से कई रोगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। इससे गुर्दे में पथरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कैसे बथुआ खाने से पथरी और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। आइए हम आपको बथुआ के गुणों के बारे में बताते हैं।

बथुआ खाने के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ

  • मुंह की बीमारियों जैसे मुंह का अल्सर, सांसों में दुर्गंध आना, दांतों से संबंधि‍त रोग आदि समस्याएं होने पर बथुए की पत्त‍ियों को चबाना फायदेमंद हो सकता है। इससे पायरिया में भी लाभ होता है।
  • कच्चे बथुआ के एक कप रस में थोड़ा सा नमक मिलाकर प्रतिदिन लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • पथरी होने पर एक गिलास कच्चे बथुआ के रस में शक्कर को मिलाकर रोज पिएं। पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।
  • गुर्दा, मूत्राशय और पेशाब के रोगों में बथुआ का रस पीने से काफी लाभ मिलता है।
  • बथुआ को साग के तौर पर खाना पसंद न हो तो इसका रायता बनाकर खाएं।
  • बथुआ का रस मलेरिया, बुखार और कालाजार संक्रामक रोगों में भी फायदेमंद होता है।
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  • बथुआ को उबाल कर इसके रस में नींबू, नमक और जीरा मिलाकर पीने से पेशाब में जलन और दर्द नहीं होता।
  • कब्ज के रोगियों को तो इसका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। कुछ हफ्तों तक नियमित रूप से खाने से कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है।
  • सिर में अगर जुएं हों तो बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर धोएं। जुएं मर जाएंगे और सिर भी साफ हो जाएगा।
  • सफेद दाग, दाद, खुजली फोड़े और चर्म रोगों में बथुआ को प्रतिदिन उबालकर इसका रस पीना चाहिए।
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