यूरिन इन्फेक्शन की बीमारी में क्या खाएं क्या ना खाएं – Urine Infection Diet Chart In Hindi

3
1124

यूरिन इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए इन हिंदी | यूरिन इन्फेक्शन में डाइट

यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन (UTI) यानि यूरिन इन्फेक्शन, पेशाब में जलन या पीडा (Burning Pain in Urine) एवं गुर्दे संबंधी अनेक रोगों के कारणों से पेशाब में जलन पीड़ा होती है। तुरंत उपचार न किया जाए तो जलन बहुत कष्टकारी होती जाती है। आइये जाने diet tips and foods to eat in urine tract infection treatment in hindi.

कारण : यूरिन इन्फेक्शन होने के कारणों में मुख्य रूप से सुजाक, मूत्राशय की जलन, पेशाब नली में यूरेथ्रा की सूजन, जरायु की विकृति, मधुमेह, मूत्राशय में पथरी, मूत्राशय में क्षय रोग के कारण गांठे बनना, गर्मी के मौसम में पानी न पीना, मूत्राशय का संक्रमण, मूत्र के वेग को रोककर रखना आदि होते हैं।

  शुगर की बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – Sugar Diet Chart In Hindi

लक्षण : रुक-रुककर पेशाब आना, बार-बार यूरिन आना, पीला पेशाब आना, पेशाब करते समय मूवेंद्रिय में जलन होना आदि लक्षण महसूस होते हैं।

यूरिन इन्फेक्शन रोगी का आहार

  • यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) यानी पेशाब के रास्ते में होने वाले इन्फेक्शन को दूर करने के लिए सबसे पहले ज्यादा-से-ज्यादा पानी पीना जरूरी है। इससे इन्फेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया को पेशाब के जरिए शरीर से बाहर फेंकने में मदद मिलती है।
  • पेठा या आंवले का मुरब्बा सुबह-शाम नियमित रूप से खाएं।
  • फलों में तरबूज, सेब, अनार, संतरा, मौसमी, आंवला, फालसा आदि रसीले व ठंडी तासीर वाले फलों का सेवन करें।
  • कच्चे दूध की लस्सी में छोटी इलाइची का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पिएं।
  • गाजर, गन्ने का रस, कच्चे नारियल का पानी, छाछ बार-बार सेवन करें।
  • पीने का पानी कुनकुना ही हर बार पिएं। प्यास में नींबू पानी पिएं।
  • सब्जी में फूल गोभी, भिंडी, तुरई, प्याज, धनिया, अदरक सेवन करें।
  • रात में भिगोकर रखे (कतीरा) गोंद में स्वादानुसार चीनी मिलाकर सुबह खाएं।
  • एक कप मूली का रस सुबह-शाम पिएं।
  • करौंदा यानी लाल रंग की खट्टी बेरी (क्रेन बेरी) में हिप्यूरिक एसिड पाया जाता है, जो यूरिथ्रा (पेशाब की नली या रास्ता) में बैक्टीरिया को जाने और वहां बने रहने से रोकता है। इसीलिए यूरिन इन्फेक्शन की समस्या में करोंदा या इसके जूस का नियमित सेवन करना चाहिए। ज्यादा शुगर से बचने के लिए लिए करौदे के जूस को बिना मीठा मिलाए ही पीना चाहिए। क्रेन बेरी सप्लीमेंट के नाम से इसका सप्लीमेंट भी बाजार में मिलता है। रोग की स्थिति में विशेषज्ञ इसकी करीब 400 मिलीग्राम मात्रा रोज लेने की सलाह देते हैं।
  • दही में प्रोबायोटिक होते हैं, जो लाभकारी बैक्टीरिया कहलाते हैं। प्रोबायोटिक (जैसे कि लेक्टोबेसीलि और बाइफिडोबैक्टीरिया) शरीर में इन्फेक्शन का विरोध करते हैं। यूरिन इन्फेक्शन की समस्या में दही का रोजाना सेवन करें। साथ में करीब एक महीने तक रोजाना प्रोबायोटिक सप्लीमेंट भी ले लें तो इन्फेक्शन पूरी तरह समाप्त करने में मदद मिलेगी।
  • लहसुन और प्याज, दोनों में बैक्टीरिया के खिलाफ काम करने की प्रवृत्ति होती है। ये दोनों शरीर में कहीं भी पैदा होने वाले नुकसानदायक बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म कीटाणुओं को मारने का काम करते हैं। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति में इन दोनों का ज्यादा-से-ज्यादा सेवन करना चाहिए। लहसुन गजब का एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बायोटिक पदार्थ है। लहसुन के एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ातें हैं। लहसुन में एंटी फंगस गुण भी हैं, जिससे यह हाथ-पैरों में फंगस इन्फेक्शन को दूर करता है।
■ अस्थमा या दमे में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं – Asthma Diet Chart In Hindi

मूत्राशय को स्वस्थ रखते हैं विटामिन सी वाले पदार्थ : एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में विटामिन सी हमारे ब्लेडर (मूत्राशय) और यूरिथ्रा (मूत्रनली) को स्वस्थ रखने और उसकी कार्यप्रणाली को सुचारू बनाने में मदद करता है। विटामिन सी पेशाब को ज्यादा अम्लीय (एसीडिक) भी बनाता है, जिससे इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया पेशाब में पनप नहीं पाते। विटामिन सी की इस विशेषता को जानने के बाद यूरिन इन्फेक्शन तरबूज, शिमला मिर्च जैसे विटामिन सी से भरपूर पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

खास बात : ज्यादा अम्ल से मूत्राशय की परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए हमें फलों के मामले में पूरे फल के बजाय उनका जूस ही इस्तेमाल करना चाहिए।

नुस्खा 1 : आधा कप अंगूर का रस लगभग एक हफ्ता पीने से पेशाब खुलकर आता है। साथ ही बार-बार पेशाब आने की समस्या भी दूर होती है।

नुस्खा 2 : एक हफ्ते तक रोज सुबह एक कप पानी में आंवले का रस मिलाकर पीने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।

नुस्खा 3 : आंवले के रस में हल्दी और शहद मिलाकर रोजाना सेवन करने से यूरिन इन्फेक्शन की बीमारी में लाभ होगा।

नुस्खा 4 : रोजाना नाशपाती का रस पीने से भी पेशाब की कई समस्याएं जैसे यूरिन इन्फेक्शन आदि हल होती हैं।

नुस्खा 5 : आंवले के 200 ग्राम रस में थोड़ी-सी काली मिर्च और हल्दी मिलाकर रोज पीएं।

यूरिन इन्फेक्शन को दूर करने में मददगार ब्लू बेरी भी एक ताकतवर एंटी ऑक्सीडेंट हैं। एक अध्ययन के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई देने के पहले 24 घंटों में यदि अच्छी मात्रा में ब्लू बेरी का शुद्ध जूस पी लिया जाए तो यूरिन इन्फेक्शन के लक्षणों में कमी आनी शुरू हो जाती है यानी रोग की अवस्था में ब्लू बेरी का नियमित सेवन बहुत फायदा पहुंचा सकता है।

यूरिन इन्फेक्शन में होने वाली जलन कम करता है अनानास का ब्रोमेलेन : अनानास में ब्रोमेलेन नाम का तत्व होता है, जो कई एंजाइम का मिश्रण होता है। इसकी विशेषता यह है कि यह इन्फेक्शन के दौरान पैदा होने वाली जलन को कम करता है। इस तत्व में बैक्टीरिया और वायरस को मारने की भी क्षमता पाई गई है।

यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होने पर कुछ विशेषज्ञ एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा डालकर पीने की सलाह देते हैं। इससे यूरिन इन्फेक्शन के दौरान पैदा होने वाली जलन और दर्द से राहत मिलती है।

लौकी : लौकी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और मिनरल से भरपूर होती है। यह पित्त को बाहर निकालती है। यह हमारे तंत्रिका तंत्र को सुचारू रखती है और मूत्र की जलन और किडनी व मूत्र संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करती है।
यूरिन इन्फेक्शन के रोगी रात को एक गिलास पानी में पांच-छह चम्मच सौंफ भिगो दें। सुबह सौंफ को छान लें और पानी को पी जाएं।

  • हरे धनिये के पत्तों का रस निकालें और थोड़ी चीनी मिलाकर रोज पीएं।
  • भोजन के साथ पुदीने की चटनी जरूर खाएं।
  • अनार के छिलकों को सुखा लें। फिर पीसकर एक चम्मच मात्रा रोजाना पानी के साथ लें।
  • रोजाना सुबह के वक्त मेथी की पत्तियों का करीब दो चम्मच रस निकालें और दस दिन तक सेवन करें।
  • 10-15 दिन तक कच्ची अजवायन में गुड़ मिलाकर खाएं।
  • कुछ दिन तक रोजाना केले का दो चम्मच रस निकालें और उसमें नमक मिलाकर पीएं।
  • कुछ दिन तक रोजाना पत्तागोभी को बिना कोई मिर्च-मसाला डाले घी में भूनकर खाएं।
  • जाड़े का मौसम हो तो रोजाना 250 ग्राम गाजर का रस पीएं।
  • यूरिन इन्फेक्शन में रोजाना शहतूत के रस में थोड़ी-सी चीनी मिलाकर पीएं इससे भी लाभ होगा ।
  • हल्दी (100 ग्राम), काले तिल (250 ग्राम) और पुराना गुड़ (100 ग्राम) को पीसकर तवे पर सूखा ही भूनें। फिर रोज एक चम्मच चूर्ण को पानी के साथ पीएं।
■ मलेरिया में क्या खाये क्या ना खाएं, परहेज – Malaria Diet Chart In Hindi

यूरिन इन्फेक्शन में ये चीजें ना खाएं : परहेज

  • ऐसे पदार्थ जो चीनी डालकर बनाए जाते हैं, उन्हें यूरिन इन्फेक्शन के दौरान खाने से परहेज करें। मीठे से बने बदार्थ मूत्र के रास्ते में बैक्टीरिया को ब्रीडिंग करने की सहूलियत देते हैं। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन के दौरान केक, कुकीज, कार्बोनेटेड ड्रिक और अन्य चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके बजाय पानी, फल और साबुत अनाज पर ज्यादा निर्भर रहना चाहिए।
  • कॉफी का भी त्याग कर दें कॉफी में मौजूद कैफीन मूत्राशय को चिढ़ाने और बेचैन करने का काम करती है यानी यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति में कॉफी का सेवन समस्या को और बढ़ा देगा। इसकी जगह हर्बल टी का इस्तेमाल करें।
  • किसी भी प्रकार की शराब मूत्राशय की बेचैनी बढ़ाती है, इसलिए यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति में शराब का सेवन भी समस्या को और ज्यादा बढ़ा देता है।
  • मिर्च -मसाले वाला भोजन यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति को और गंभीर बना देता है। यह ज्यादा जलन और दर्द पैदा करता है। इसलिए समस्या के दौरान जितना हो सके सादा भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
  • गुड़, तेल, खटाई का सेवन न करें।

यूरिन इन्फेक्शन के मरीज इन बातों का भी रखे ख्याल

  • यौ*नांग के ऊपर मूत्राशय पर गर्म पानी की थैली से सिकाई करें।
  • देर रात तक ना जागें ।
  • धूम्रपान से परहेज करें।
  • धूप व गर्मी वाले स्थान पर ज्यादा समय रहने से बचें।
  • पेशाब के वेग को न रोकें।
■ पथरी में क्या खाना चाहिए : किडनी स्टोन में भोजन – Stone Patient Diet Chart In Hindi

दोस्तों यूरिन इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या न खाए, urine infection me kya khana chahiye aur kya nhi khaye in hindi का ये लेख कैसा लगा हमें बताये और अगर आपके पास यूरिन इन्फेक्शन कंट्रोल कैसे करे, यूरिन इन्फेक्शन कम करने के उपाय व यूरिन इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए से जुड़े सुझाव है तो हमें लिखे।

Leave a Reply