पेट में गैस बनना कब्ज की समस्या सिर्फ 1 ही खुराक में जड़ से ख़तम

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आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी माना गया है. आमतौर पर लोग त्रिफला को कब्ज निवारक के रूप में ही जानते हैं. लेकिन इसके अलावा भी इसका सेवन करने के कई फायदे हैं. यदि आपको किसी भी प्रकार की पेट संबंधी समस्या है तो आपके लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन बहुत ही गुणकारी रहेगा. पेट के अलावा भी इसे खाने से कई रोगों में राहत मिलती है. चिकित्सकों की यह भी सलाह होती है कि त्रिफला का सेवन बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं करना चाहिए. कई बार त्रिफला की अधिक मात्रा नुकसान भी दे सकती है. आगे पढ़िए त्रिफला का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से.

कब्‍ज की समस्‍या में कारगर

कब्‍ज की समस्‍या होने पर त्रिफला बेहद कारगर होता है। इसे खाने से कब्‍ज की काफी पुरानी समस्‍या भी दूर भाग जाती है। रात को सोते समय त्रिफला चूर्ण हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज की समस्‍या दूर हो जाती है। अथवा त्रिफला व ईसबगोल की भूसी को दो चम्मच मिलाकर शाम को गुनगुने पानी से लेने से भी कब्ज दूर होती है।

पेट के रोगों के लिए अमृत

त्रिफला की तीनों जड़ीबूटियां आंतरिक सफाई को बढ़ावा देती हैं। त्रिफला के चूर्ण को गौमूत्र के साथ लेने से अफारा, उदर शूल, प्लीहा वृद्धि आदि अनेकों तरह के पेट के रोग दूर हो जाते है।

त्रिफला चूर्ण का उपयोग

How to Use Triphala Churna in Hindi

त्रिफला के गुण और कारगर होंगे, जब उसका सही तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसलिए नीचे हम आपको त्रिफला को उपयोग करने के कुछ तरीके बता रहे हैं।

त्रिफला पाउडर आसानी से बाजार में उपलब्ध है। आप इसका सेवन पानी में मिलाकर कर सकते हैं। यहां हम आपको घर में ही त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि बता रहे हैं।

नोट : खरीदने से पहले, ध्यान रखें कि त्रिफला चूर्ण में पड़ने वाली सामग्रियां (हरड़: बहेडा: आंवला) 1: 2: 4 के अनुपात में होनी चाहिएं।

सामग्री 

हरड़ – 20 ग्राम
बहेड़ा -40 ग्राम
आंवला – 80 ग्राम
ओखल और मूसल

बनाने की विधि 

सबसे पहले सारी कच्ची सामग्रियों को एक-एक करके ओखली में डालें और पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
फिर सभी को छान लें।

अब, इन चूर्णों को 1: 2: 4 के अनुपात में मिलाएं जैसा कि पहले बताया गया है।

इस मिश्रण को एक प्लास्टिक के जार में रख लें।

फिर इस मिश्रण को आप रोजाना उपयोग कर सकते हैं।

त्रिफला चूर्ण को कैसे उपयोग करें?

नींबू के साथ त्रिफला

आप त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ पी सकते हैं। अगर आपको इसका स्वाद नहीं पसंद, तो आप इसका रस बनाकर भी पी सकते हैं। त्रिफला रस के फायदे अनेक हैं। आप त्रिफला रस बनाने के लिए पानी में त्रिफला चूर्ण, थोड़ी शहद, नींबू का रस और चीनी मिला लें। ध्यान रहे कि आप इन सामग्रियों को हल्का उपयोग करें, ताकि यह ज्यादा मीठा न हो, सिर्फ त्रिफला के स्वाद में थोड़ा बदलाव आए।

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त्रिफला चाय

आप त्रिफला चूर्ण का सेवन चाय के साथ भी कर सकते हैं। आप त्रिफला चूर्ण के पाउडर से चाय बनाकर पी सकते हैं। आप त्रिफला पाउडर को पानी में उबालें और स्वाद के लिए इसमें थोड़ी शहद मिलाकर इसका सेवन करें।

त्रिफला कैप्सूल या टैबलेट

अगर आपको त्रिफला चूर्ण खाने में परेशानी है, तो आप इसे टैबलेट या कैप्सूल के रूप में भी ले सकते हैं। बाजार में ये आसानी से उपलब्ध हैं और ये ज्यादा महंगे भी नहीं होते हैं। आप एक दिन में एक से दो बार इनका सेवन कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इसे लेने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में बात कर लें।

आंखों के लिए त्रिफला का उपयोग 

आप त्रिफला चूर्ण से आंखों को धो भी सकते हैं। बस एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी में रातभर भीगने के लिए छोड़ दें और अगली सुबह इसे छान लें। फिर इस मिश्रण से आंखों को धोएं।

चेहरे के लिए त्रिफला मास्क 

त्वचा को निखरा और बेदाग बनाने में भी त्रिफला मददगार साबित हो सकता है। आपको सिर्फ इसका फेस मास्क बनाकर उपयोग करना है। नीचे हम इसकी विधि आपको बता रहे हैं :

सामग्री 

तीन से चार चम्मच नारियल तेल
आधा या एक चम्मच त्रिफला पाउडर

बनाने और उपयोग करने की विधि 

आप तीन से चार चम्मच नारियल तेल में आधा या एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।

अब इस मिश्रण को अपने चेहरे व गर्दन पर लगाएं।

फिर 10 से 15 मिनट के बाद मुंह धो लें।

इसके नियमित उपयोग से चेहरे पर काफी चमक आएगी।

त्रिफला के अन्य फायदे

मोटापे से राहत

यदि आप भी मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं तो त्रिफला का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. मोटापा कम करने के लिए त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर लें. इसके अलावा त्रिफला चूर्ण को पानी में अच्छे से उबालकर, शहद मिलाकर पीने से शरीर की चर्बी कम होती है.

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और इसके कारण वह बार-बार बीमार पड़ते है। उन लोगों को त्रिफला का सेवन करना चाहिए। त्रिफला के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। प्रतिरोधक क्षमता से शरीर बाहरी तत्‍वों के खिलाफ आसानी से लड़ सकता है। त्रिफला, शरीर में एंटीबॉडी के उत्‍पादन को बढ़ावा देता है जो शरीर में एंटीजन के खिलाफ लड़ते है और बॉडी को बैक्‍टीरिया मुक्‍त रखते है।

हीमोग्‍लोबिन बढ़ाए

अगर आपको एनीमिया से पीड़‍ित है तो त्रिफला का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बढ़ती है जिससे शरीर में हीमोग्‍लोबिन बढ़ने लगता है।

एंटी-ऑक्‍सीडेंट है त्रिफला

त्रिफला में मौजूद एंटी-ऑक्‍सीडेंट गुण उम्र के असर को बेअसर करते है। त्रिफला के सेवन से उम्र बढ़ाने वाले कारक कम होते है जिसके कारण आप उम्र से ज्‍यादा जवां दिखते हैं।

नेत्रज्‍योति बढ़ाएं

त्रिफला के सेवन से नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। इसके लिए आप शाम को एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगो दें सुबह इसको अच्छे से मसलकर और छानकर इस पानी से आंखों को धोएं। ऐसा करने नेत्रों की ज्योति बढती है। इसके अलावा सुबह पानी में त्रिफला चूर्ण भिगो कर रख दें, शाम को छानकर पी ले। शाम को उसी त्रिफला चूर्ण में पानी मिलाकर रखें, इसे सुबह पी लें। इस तरह से करने से आंखों की किसी भी प्रकार की समस्‍या कुछ ही समय में ठीक हो जाती है।

डायबिटीज के लिए उपयोगी

डायबिटीज के उपचार में त्रिफला बहुत प्रभावी होता है। यह पेन्‍क्रियाज को उत्‍तेजित करने में मदद करता है जिससे इंसुलिन की मात्रा उत्‍पन्‍न होती है और शरीर इंसुलिन की उचित मात्रा और शर्करा के स्‍तर को बनाए रखता है।

मुंह की दुर्गन्‍ध दूर करें

अगर आप मुंह से आती की दुर्गन्‍ध से परेशान है तो त्रिफला आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। इसके लिए एक चम्मच त्रिफला को एक गिलास ताजे पानी मे दो-तीन घंटे के लिए भिगो दे, इस पानी को घूंट भर मुंह में थोड़ी देर के लिए डाल कर अच्छे से कई बार घुमाये और इसे निकाल दें। इसके अलावा कभी कभार त्रिफला चूर्ण से मंजन भी करें इससे मुंह आने की बीमारी, मुंह के छाले ठीक होंगे, अरूचि मिटेगी और मुंह की दुर्गन्ध भी दूर होगी।

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सिरदर्द दूर भगाएं

अगर आप सिरदर्द की समस्‍या से परेशान रहते हैं तो इस समस्‍या से बचने के लिए त्रिफला आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए त्रिफला, हल्दी, नीम की छाल और गिलोय इन सब को पानी में तब तक पकाएं जब तक कि पानी आधा रह जाए। बाद में इसे छानकर कुछ दिन तक सुबह शाम गुड या शक्कर के साथ सेवन करने से सिर दर्द कि समस्या दूर हो जाती है।

त्‍वचा की समस्‍याओं को दूर करने में मददगार

त्‍वचा संबंधी समस्‍या होने पर त्रिफला काफी मददगार होता है। त्रिफला, बॉडी से विषाक्‍त पदार्थो को बाहर निकाल देता है जिससे ब्‍लड साफ होता है और त्‍वचा पर होने वाली समस्‍याओं से आसानी से दूर हो जाती है। इसके अलावा यह शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण को होने से भी रोकता है।

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