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Calcium की कमी नही होने देता, जोड़, कमर दर्द अब और नही, कमजोर हड्डियों को फौलाद बना देगा ||

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ragi ke fayde

रागी एक बेहद पौष्टिक मिलेट है, जो दिखने में सरसों जैसा लगता है। रागी खासतौर पर अपने अमिनो एसिड मिथियोनाईन के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें आहारीय खनिज भी बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं।

कैसे कर सकते है रागी का उपयोग

रागी का सबसे ज्यादा चलन दक्षिण भारत में है। इसका सबसे ज्यादा उत्पादन झारखंड, तमिलनाड़ु, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में होता है। हालांकि कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में रागी का सबसे अधिक उपभोग होता है। इसे दलिए के रूप में खाना सबसे अधिक सुविधाजनक है। आप अधिक पौष्टिक चपाती और ब्रेड बनाने के लिए गेहूं के आटे के साथ रागी का आटा नियमित रूप से मिला सकते हैं।कैल्शियम रागी में फॉस्फोरस और आयरन भी अधिक होता है। इसमें लगभग 20 ग्राम रागी से 66 किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है। इसमें फाइबर की भी उच्च मात्रा होती है,लोगों द्वारा रागी को पीसकर आटे के रूप में या अंकुरित करके भी खाया जाता है।

१) रागी और चावल को बराबर मात्रा में मिलाकर आप स्वादिष्ट और पोस्टिक रागी डोसा या इडली या उप्मा बना सकते है।

२) रागी नन्हें शिशु और छोटे बच्चो के खाने के लिए मशहूर है । बच्चों के लिए रागी पोररिज बनाने के लिए जरूरत मात्रा में रागी को पानी में भिगोकर पीस ले । रागी के दूध को छानकर थोड़े से घी ,नमक या दूध में पका ले गाढ़ा होने तक पका ले

३) भुने हुए रागी को पीसी हुई चीनी ,ईलाईची और घी के साथ मिलकर हम रागी के लडू भी बना सकते है।

४) रागी का रंग पकाने के बाद गहरा भूरा हो जाता है और बच्चो को शायद पसंद न आए इसलिए रागी को अन्य अनाज के साथ मिला कर इस पोष्टिक खाने को उनके आहार मे मिला सकते है।

५) रागी के आटे के पेस्ट को दूध में और अपनी पसंद के फल,सूखे मेवे और नट्स से मिलाकर एक आसान सा पोररिज बनाया जा सकता है।

६) पिसे हुए रागी को ब्रैड और मुफ़्फ़िंस व्यंजन मे मिलाया जा सकता है।

७) रागी का हलवा और स्वादिस्ट नमकेन भी हम बना सकते है।

रागी खाने के फायदे

Ragi (Finger Millet) khane ke fayde in hindi

खून की कमी

खून की कमी है और कम हिमोग्लोबिन वाले मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद होती है। फाइबर और आयरन से भरपूर रागी का सेवन शरीर के लिए कैसे फायदेमंद होता है आइये जानतें हैं।

कैल्शियम की कमी पूरा करे

रागी का आटा किसी भी अन्य अनाज की तुलना में कैल्शियम के सर्वोत्तम गैर-डेयरी स्रोतों में से एक है। भारत में राष्ट्रीय पोषण संस्थान के अनुसार, 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। कैल्शियम स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए महत्वपूर्ण है और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम (एक बीमारी जो हड्डियों को कमजोर करती है) में मदद करती है । “यह बढ़ते बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है उन्हें यह रागी दलिया के रूप में दिया जा सकता है”।

हड्डियों के विकास में मददगार

कैल्शियम की कमी बच्चो से लेकर बूढों दोनों में ही जादा देखी जाती है जिसके लिए हम कैल्शियम की बहुलता वाले अनाज की बात करते है तो कोई अन्य अनाज रागी के करीब नहीं आता है। बढ़ते बच्चों के आहार में रागी कांजी या दलिया शामिल करना इसके लाभ उठाने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि इससे हमारी हड्डियों को मज़बूत होने में मदद मिलती है। बाजरा की रोटी, कैल्शियम से भरपूर यह अनाज महिलाओं के स्वास्थ्य का सम्पूर्ण ख्याल भी रखने में सफल होता है।

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वजन घटाने में

अगर आप वजन कम करने के लिए कम वसा वाले आहार की तलाश कर रहे है तो रागी आपका आंसर होगी, इसमें वसा अन्य अनाजों से कम कम होती है और ये असंतृप्त रूप में होती है। आप चाहे तो रागी को रोटी या चावल की जगह उपयोग कर सकते है इसमें ट्रिप्टोफन (tryptophan) नामक एमिनो एसिड भी होता है जो भूख को कम कर देता है। जिसे बजन को बढ़ने से रोका जा सकता है रागी का आटा खाने से हमें भूख कम लगती है और अगर इसका सेवन सुबह किया जाये तो आपका पेट पुरे दिन भरा रहेगा।

आहार फाइबर संयोजन की उच्च मात्रा पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और अवांछित भूख को रोकती है। यह बदले में कम से कम भूख और वजन घटाने की ओर जाता है। “रागी शरीर में इंसुलिन को सक्रिय करके आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। जैसा कि मैंने पहले कहा, इसका सुबह के समय सेवन किया जाता सकता है। रागी प्रोटीन और फाइबर में उच्च है, जो दोनों आपके वजन घटाने के प्रयासों में सहायता कर सकते हैं।

मधुमेह की बीमारी में

मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति अपने शुगर में ग्लूकोस के स्तर को कम करने के लिए रागी का उपयोग कर सकते है इसमें उच्च पॉलीफेनोल और फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है बाजरा की रोटी (bajre ki roti), रागी में फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) होते हैं, जो खाना पचाने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं।

अनाज का बीज कोट चावल, मक्का या गेहूं की तुलना में पॉलीफेनोल और आहार फाइबर में प्रचुर मात्रा में होता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड क्रेविंग को कम करता है और पाचन गति को बनाए रखता है, फलस्वरूप, रक्त शर्करा को सुरक्षित सीमा में रखता है। “अपने पूरे दिन को ट्रैक पर रखने के लिए इसे अपने सुबह के भोजन में शामिल करना या दोपहर के भोजन के लिए सबसे अच्छा है।”

रागी अनाज का सेवन आप सुबह और दोपहर के समय कर सकते है जिससे आपका sugar लेवल सही से नियंत्रित किया जा सकता है

कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक 

रागी का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल के उच्च स्तर को भी कम होते हुए देखा गया है। इसमें एमिनो एसिड (amino acid) मौजूद होते हैं, जो लिवर (liver) से अतिरिक्त वसा निकालकर कोलेस्ट्रोल का स्तर कम कर देते हैं। इसमें थ्रेओनीन एमिनो एसिड (threonine amino acid) भी होता है, जो लिवर में वसा जमने नहीं देते और कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम कर देते हैं।

विकास के अपने प्रारंभिक दौर में, जब रागी हरा होता है, यह उच्च रक्तचाप को रोकने में मदद कर सकता है।

प्रोटीन या अमीनो अम्ल के लिये 

शरीर की सामान्य क्रियाशीलता तथा मरम्मत के लिये आवश्यक अमीनो अम्ल के मामले में रागी काफी धनी है। रागी के फायदे शरीर में नाइट्रोजन सन्तुलन के लिये भी सहायक है।

त्वचा को रखें जवां

आप भी जवान और स्वस्थ रहना चाहते है तो रागी का सेवन आपको सबसे पहले रखना चाहिए क्योकि इसमें मेथियोनीन और लाइसिन एमिनो एसिड पाए जाते है जो त्वचा को जवां और झुर्रियों से बचाते है विटामिन D जो हमें सूर्य से प्राप्त होता है वो रागी में पाया जाता है जो कैल्शियम के सही से कार्य करने के लये सहायक होता है और स्किन के ग्लो को बढ़ता है।

रागी युवा त्वचा को बनाए रखने के लिए अद्भुत काम करता है। इसमें मौजूद मेथिओनिन और लाइसिन (Methionine and Lysine ) जैसे महत्वपूर्ण अमीनो एसिड त्वचा के ऊतकों को झुर्रियों और सैगिंग से कम प्रभावित करते हैं। रागी भी विटामिन डी के बहुत कम प्राकृतिक स्रोतों में से एक है जो ज्यादातर धूप से प्राप्त होता है। विटामिन डी कैल्शियम के लिए एक वाहक अणु है।

 शरीर को आराम पहुंचाए 

चिंता, अवसाद और अनिद्रा की स्थितियों से निपटने में रागी का नियमित सेवन अत्यधिक लाभकारी होता है। एंटीऑक्सिडेंट, मुख्य रूप से ट्रिप्टोफैन और अमीनो एसिड (Tryptophan and amino acids) की उपस्थिति, प्राकृतिक आराम करने वालों की तरह काम करने में मदद करती है। 2000 में मेड इंडिया द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, रागी का सेवन माइग्रेन के लिए भी उपयोगी है।

रागी का सेवन करने से शरीर प्राकृतिक रूप से चिंता और तनाव से मुक्त हो जाता है। रागी का सेवन करने से आपको बेचैनी और नींद ना आने जैसी समस्याएं भी नहीं सताती हैं। रागी माइग्रेन (migraine) होने की स्थिति में भी काफी प्रभावशाली सिद्ध होती है। रोज रागी के सेवन से चिंता, तनाव से छुटकारा मिलता है। दरअसल इसमें एमिनो एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो प्राकृतिक तरीके से आपको तनाव मुक्त रखतें हैं।

फ़ाइबर

सफ़ेद चावल के तुलना मे रागी मे उच्च मात्रा में फ़ाइबर होता है। इससे रागी पाचन मे सहायता करता है,ज्यादा खाने से बचाता है।और आपको काफी समय तक पूर्ण महसूस कराता है।एमिनो एसिड लेसिथिन और मेथीयोनीन लिवर मे से अतिरिख्त फेट से छुटकारा दिलाकर आपके शरीर के कोलेस्ट्रॉल के स्तर केओ कम करने मे मदद करते है।

लस मुख्त होता है रागी

सिलिएक रोग वाले लोग या लस मुक्त आहार लेने वाले लोग रागी को अपनी दैनिक खपत मे शामिल कर सकते है क्यूकी यह लस मुख्त होता है।ज़्यादातर अनाजों के साथ ऐसा नहीं होता क्यूकी लस सभी अनाजों में एक प्रमुख पोषक तत्व है।

ये तो होगाए रागी के फायदे लेकिन कुछ चिजे ऐसे जरूर होते है जो किसी व्यक्ति को नुकसान भी कर सकता है।

रागी के नुकसान

RAGI KE NUKSAN SIDE EFFECTS IN HINDI

हालांकि,रागी हमारे लिए बहुत फायदेमंद है पर रागी की उच्च खपत से बचा जाना चाहिए क्योकि ये शरीर में ओक्सेलीक एसिड की मात्रा मे वृद्धि कर सकता है । इसलिए गुर्दे की पथरी और यूरिनरी कैलकुली वाले रोगियों को इसे लेने की सलाह नहीं दी जाती। ऐसे भी कहते है की कोई भी चीज एक सीमित मात्र में ही खानी चाहिए नहीं तो नुकसान तो करेगी ही।

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