अधिकतर लोगों को पेट ठीक से साफ नहीं होने की शिकायत रहती है क्योंकि जब पेट साफ नहीं होता तो कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। पेट साफ नहीं होने के कई कारण होते है, जिनमें से एक सबसे बड़ा कारण कब्ज की समस्या है। इसके कई प्रमुख कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर में पानी की कमी होना, शारीरिक मेहनत का अभाव, फाइबर युक्त आहार की कमी, अनियमित दिनचर्या आदि।
एम्स की डॉ के अनुसार, कब्ज तब होती है जब कोलन बहुत अधिक पानी को अवशोषित करता है। यह तब हो सकता है जब कोलन की मांसपेशियां धीरे-धीरे संक्रमित हो जाती हैं। इससे शरीर में पानी की कमी होती है और मल सूखने लगता है।
क्या होती है कब्ज की समस्या
जब रोगी को कब्ज होता है तो रोगी का मल बड़ी आंत तक पहुंचने से पहले ही कठोर हो जाता है और ये आंतों पर चिपक जाता है, जो कठोर होने के कारण बाहर नहीं निकल पाता है। इसमें बड़ी आंत के संकुचन व विमोचन का कार्य भी धीमा हो जाता है। मल बड़ी आंत के पहले ही कठोर अवस्था में होकर जब रुकता है तो इससे गैस की भी समस्या पैदा होने लगती है। कुछ रोगियों को गैस की समस्या से दिल का दर्द भी होता है।
कब्ज के लक्षण
कब्ज की समस्या होने पर रोगी को भूख कम लगती है। इसका मुख्य कारण यह है कि पूर्व में खाया हुआ खाना ही जब पचता नहीं है तो पेट हमेशा फूला हुआ रहता है और पेट में भारीपन रहता है। इसके अलावा मुंह से बदबू आना, सिरदर्द होना, मानसिक बैचेनी होना, थकान महसूस होने के अलावा अन्य कई दिक्कतें शुरू हो जाती है। यदि ये सभी लक्षण महसूस हों तो इसका इलाज करना बेहद जरूरी हो जाता है।
कब्ज के लिए घरेलू इलाज
– प्रतिदिन सुबह काला नमक और नींबू का रस मिलाकर खाने से कब्ज की समस्या नहीं होगी।
– शहद कब्ज के लिए सबसे बेहतर औषधि है। रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगने पानी के साथ एक चम्मच शहद मिलाकर रोज सेवन करने से कब्ज में फायदा होता है।
– रात में 6-7 मुनक्का भिगोकर रोज सुबह खाली पेट खाने से भी कब्ज की समस्या ठीक हो जाती है।
– रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ पीने से सुबह पेट साफ हो जाता है।
– कब्ज में अरण्डी का तेल भी काफी फायदेमंद होता है। सोने से पहले एक चम्मच अरण्डी का तेल एक गिलास गर्म दूध के साथ पीने से सुबह पेट अच्छे से साफ हो जाता है।
– कब्ज दूर करने का सबसे बढ़िया इलाज है ईसबगोल। सोने से पहले दो चम्मच ईसबगोल दूध या पानी में लेने से कब्ज की समस्या दूर होती है। इसके अलावा चिया सीड को भी रात में भिगोकर सेवन किया जा सकता है।
– कब्ज से बचने के लिए सुबह खाली पेट एक लीटर पानी पिएं, 70 फीसदी बीमारी होती हैं खाने-पीने में गड़बड़ी के कारण
– कब्ज के रोगियों को अधिक मात्रा में पपीते का सेवन करना चाहिए, इससे पेट जल्दी साफ होता है। पपीता गर्म तासीर का होता है, जो आसानी से पच जाता है और आंतों में मल को कठोर नहीं होने देता है।
– कब्ज रोगियों को सबसे पहले ज्यादा वसायुक्त भोजन जैसे तेल में तली हुई खाद्य सामग्री, मसालेदार सब्जियां, मैदा, बिस्किट आदि खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा नियमित तौर पर पेट से संबंधित व्यायाम या योग करने से भी कब्ज की समस्या नहीं होती है।
– व्यायाम से भी कब्ज से मुक्ति पाई जा सकती है। देर रात तक जागने वालों को कब्ज रहता है। इसलिए खानपान के साथ लाइफस्टाइल पर भी ध्यान दें।
चरक संहिता में त्रिफला को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह तीन चीजों पीली हरड़, आंवला और बहेड़ा के मिश्रण से बनता है। विभिन्न रोगों में इसका इस्तेमाल साबुत या चूर्ण के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में त्रिफला को विभिन्न ऋतुओं के अनुरूप अलग-अलग चीजों के साथ सेवन करने की सलाह दी गई है।
महीने के अनुसार
श्रावण-भाद्रपद (अगस्त- सितम्बर) में सेंधा नमक के साथ।
अश्विनी-कार्तिक (अक्टूबर-नवम्बर) में चीनी या शक्कर से।
मार्गशीर्ष-पौष (दिसम्बर-जनवरी) में सौंठ के चूर्ण के साथ।
माघ-फाल्गुन (फरवरी-मार्च) में छोटी पीपल के साथ।
चैत्र-वैशाख (अप्रैल-मई) में इसे शहद में मिलाकर लेना फायदेमंद है।
ज्येष्ठ-आषाढ़ (जून-जुलाई) में गुड़ के साथ।
ऐसे लें
सेंधा नमक, चीनी, शक्कर या गुड़ आदि के साथ बच्चों को आधा चम्मच व बड़ों को 1-1 चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ दें। ध्यान रहे खाली पेट लेना लाभदायक है। भोजन से आधा घंटा पहले या आधा घंटा बाद में लें।
लाभ
ऋतुओं के अनुसार सालभर लेने से शारीरिक कमजोरी दूर होने के साथ त्वचा संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं। पेट से जुड़े रोग जैसे कब्ज, अपच और दर्द में आराम मिलता है। सिर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।