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लिवर की बीमारी, लीवर सिरोसिस, लिवर में सूजन, जैसी सभी समस्याओं का अचूक और रामबाण घरेलु नुस्खा, लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर, लिवर को शक्ति दे

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लिवर यानी जिगर शरीर की सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। लिवर शरीर की बहुत सी क्रियाओं को नियंत्रित करता है। लिवर खराब होने पर शरीर की कार्य करने की क्षमता न के बराबर हो जाती है। कुछ गलत आदतों की वजह से लीवर जल्दी खराब हो जाता हैं। जैसे शराब का अधिक सेवन करना, धूम्रपान अधिक करना, खट्टा ज्यादा खाना, जंक फूड, पैकेज्ड, अधिक नमक सेवन आदि। आइये जानते हैं आज बिना दवा के सिर्फ आहार से लिवर को सही करने का तरीका।

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लिवर को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स। इसलिए लिवर का उपचार करने से पहले रोगी का खून साफ होना जरूरी है ताकी लिवर पर जमें दूषित दोष नष्ट हो सके और लीवर का भार कम हो सके। इसलिए रोगी को अतरिक्त विश्राम की जरूरत होती है।

प्राकृतिक चिकित्सा कैसे करें?

  • सुबह उठकर खुली हवा में गहरी सांसे ले। प्रातःकाल उठकर कुछ कदम पैदल चलें और चलते चलते ही खुली हवा की गहरी सांसे लें। आपको लाभ मिलेगा।
  • सप्ताह में सरसों की तेल की मालिश पूरे शरीर में करें। मिट्टी का लेप सप्ताह में एक बार पूरे शरीर पर जरूर लगाएं।
  • आप सप्ताह में एक बार वाष्प का स्नान भी लें। सन बाथ भी आप कर सकते हो।
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आहार चिकित्सा

लिवर संबंधी बीमारी को दूर करने में आहार चिकित्सा भी जरूरी है। यानि क्या खाएं और कितनी मात्रा में खायें यह जानना भी जरूरी हैं। लिवर की बीमारी को दूर करने के लिए आप इन चीजों का सेवन अधिक से अधिक करें।

  • लिवर की बीमारी में जूस का सेवन महत्वपूर्ण माना जाता है। लिवर के रोगी को नारियल पानी, शुद्ध गन्ने का रस, या फिर मूली का जूस अपने आहार में शामिल करना चाहिए। पालक, तोरई, लौकी, शलजम, गाजर, पेठा का भी जूस आप ले सकते हो।

•  लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करें। खाना खाने से पहले सेब का  सिरका पीने से चर्बी कम होती है। एक चम्मच सेब का सिरका एक गिलास पानी में मिलाएं और इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो या तीन बार तक पींए।

  • दिन में 3 से 4 बार आप नींबू पानी का सेवन करें। सब्जियों का सूप पीएं, अमरूद, तरबूज, नाशपाती, मौसमी, अनार, सेब, पपीता, आलूबुखारा आदि फलों का सेवन करें।
  • लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी एक कारगर वैदिक औषधि है । मुलेठी की जड़ को पीसकर पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर साफ कपड़े से छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।
  • सब्जियों में पालक, बथुआ, घीया, टिंडा, तोरई, शलजम, अंवला आदि का सेवन अपने भोजन में अधिक से अधिक से करें। सलाद, अंकुरित दाल को भी अधिक से अधिक लें। गाजर का सूप भी लिवर की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। भाप में पके हुए या फिर उबले हुए पदार्थ का सेवन करें।
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  • आंवला विटामिन सी के स्रोतों में से एक है और इसका सेवन करने से लीवर बेहतर तरीके से कम करने लगता है । लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए। एक शोध साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं।
  • पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी फायदेमंद घरेलू उपाय है। गाजर के रस और पालक का रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर को ठीक रखने के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं
  • फलो में जामुन लिवर की बीमारी को दूर करने में सहायक होता है। प्रतिदिन 100 ग्राम तक जामुन का सेवन करें। सेब का सेवन करने से भी लिवर को ताकत मिलती है। सेब का सेवन भी अधिक से अधिक करें। यदि लिवर में सूजन है तो खरबूजे का प्रयोग अधिक से अधिक करें। पपीता भी लिवर को शक्ति देता है।

•  प्राणायाम और योगा बहुत उपयोगी।

  • अनुलोम विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम को प्रातः जरूर करें। इन सभी बातों को ध्यान में यदि आप रखेगें तो आप लिवर की बीमारी से बचे रहेगें।
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बार-बार दूध उबाल कर न करें अपनी सेहत के साथ खिलवाड़, पहले पढ़ लें ये नुक्सान

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ये तो आप जानते ही हैं कि दूध पीने से सेहत को बहुत फायदा होता है लेकिन आप इस बात से अनजान होंगे कि बार-बार उबालकर रखा हुआ दूध आपकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। जानिये किस तरह बार-बार दूध उबालकर आप अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं।

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घरों में दूध को लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए दूध को बार-बार उबाला जाता है। दूध को एक बार उबालना तो ठीक है लेकिन बार-बार इसको उबालना आपकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाता है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ये बात एक रिसर्च में साबित हुई है।

रिसर्च में बताया गया है कि बार-बार दूध उबालने से दूध में मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। ये बात भी सामने आयी है कि केवल 17% महिलाएं ही इस बात से वाकिफ हैं कि दूध को बार-बार उबालने से उसके पोषक तत्व कम होने लगते हैं।

अब आप सोचे रहे होंगे कि फिर दूध को फटने से कैसे बचाया जए। दूध को फटने से बचाने के लिए आप उसे फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। इस बात का खास ध्यान रखें कि जैसे ही दूध में एक बार उबाल आए उसे तुरंत चुल्हे से उतार दें।

दूध को उबालते समय इस बात का ध्यान भी रखें कि दूध को 2-3 मिनट से ज्यादा न उबालें और उबालते समय इसे चम्मच से चलाते भी रहे। जैसे ही दूध में एक बार उबाल आ जाए उसे आंच पर से उतारकर तुरंत फ्रिज में रख दें।

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इन खाद्य पदार्थों को करें अपने आहार में शामिल, मक्खन की तरह पिघलेगी चर्बी, एक जबरदस्त उपाय

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कुछ खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर आप आसानी से फैट कम कर सकते हैं, ऐसे खाद्य पदार्थ मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाकर शरीर से फैट निकालने वाले हार्मोन को अधिक सक्रिय करते हैं, तो क्‍यों न उन आहारों का सेवन किया जाये।

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चर्बी कम करने के उपाय

बढ़ते वजन से परेशान ज्‍यादातर लोगों के लिए वजन घटाने की कोशिश एक मुद्दे की तरह होती है। इसके लिए वह जिम, योग और विशेष प्रकार की डाइट को भी अपनाते हैं। इन तरीकों में से अधिकांश बहुत प्रभावी होते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर आप आसानी से फैट कम करने में सफल हो सकते हैं। हालांकि आपको इस बात पर विश्‍वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है ऐसे खाद्य पदार्थ चयापचय को बढ़ाकर, फैट की रिहाई करने वाले हार्मोंन को उत्‍तेजित कर, शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर कर फैट घटाने में मदद करते हैं। इसलिए इन खाद्य पदार्थों को अपने स्‍वस्‍थ आहार योजना का हिस्‍सा बनाना बहुत महत्‍वपूर्ण है। यहां जल्‍दी से फैट को कम करने वाले ऐसे ही जादुई आहार के बारे में जानकारी दी गई है।

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बड़े काम का है एवोकैडो

एवोकैडो के विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य लाभ है और यह मोनो अनसैचुरेटेड से भरपूर होता है। यह चयापचय में सुधार करने के लिए जाना जाता है और मुक्‍त कणों से होने वाली कोशिका क्षति को रोकने में मदद करता है। आप इस फल को सलाद या स्‍मूदी के रूप में ले सकते हैं। इसका सलाद बनाने के लिए आप प्याज, टामाटर और हरी मिर्च को एक साथ मिला लें। इसमें नींबू का रस डालें और साथ ही पेपर और नमक भी डालें। इन सब सामग्री को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब एवोकैडो डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें।

बड़े काम का है केला

केले को हमेशा से ही वजन बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ माना जाता है। लेकिन आपको यह जानकर बहुत आश्‍चर्य होगा कि केला फैट को जलाने वाला फल है। इस फल में मौजूद प्रतिरोधी स्‍टार्च पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के कारण, पेट में फैटी एसिड में परिवर्तित हो जाती है। यह चयापचय फैट में मदद कर फैट को रोकने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आप इसे स्‍मूदी या फ्रूट सलाद के रूप में ले सकते हैं।

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बादाम भी है फायदेमंद

बादाम के फायदे के बारे में भला कौन नहीं जानता। प्रोटीन से भरपूर यह नट्स मांसपेशियों के निर्माण के साथ-साथ शरीर में फैट को भी जमा नहीं होने देते। फैट को जलाने में मदद करने के कारण बादाम को चयापचय को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है। पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के क्लाएर बेरीमैन के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों के बजाय हर रोज नाश्ते में बादाम का सेवन करने से हृदय संबंधी रोगों का खतरा तो कम होता ही है। साथ ही शरीर में जमने वाली अतिरिक्त वसा को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है। बादाम को हर रोज नाश्ते में शामिल कर मेटाबॉलिक और हृदय रोगों के खतरों को आसानी से कम किया जा सकता है। बादाम को आप कच्‍चे या पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं।

ब्रोकली खाओ चर्बी मिटाओ

ब्रोकली खाने से न केवल स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण मिलता है, बल्कि इस‍में लो कैलोरी होने की वजह से वजन भी कम होता है। ब्रोकोली में मौजूद फिटोनुट्रिएंट एंजाइम को उत्‍तेजित कर, वसा कोशिकाओं में वसा को जलाने के लिए उत्तेजित करता है। अब आप जब भी सब्‍जियां खरीदने जाएं, तो ब्रोकली को कभी नजरअंदाज न करें। आप इसका सेवन सब्‍जी या सलाद के रूप में कर सकते हैं।

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मक्‍खन की तरह चर्बी पिघलाती हैं दालें

दालें भारतीय भोजन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्‍सा है और इसके विभिन्‍न प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं। यह आयरन का अच्‍छा स्रोत है और इसकी कमी चयापचय को धीमा कर सकती है। अपने आहार में नियमित रूप से दालों को शामिल कर चयापचय दर को बनाये रखने और फैट को प्रभावी रूप से कम करने में मदद मिलती है। अकुरित दालों को आप सलाद के रूप में भी ले सकते हैं।

साबुत अनाज

साबुत अनाज फैट को कम करने का एक स्मार्ट विकल्प है। अनाजों को अपने आहार में शामिल करने से शरीर के विषैले तत्‍व बाहर निकलते हैं और शरीर का फैट कम होता हैं। साबुत अनाज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते है। इसमें विटामिन ई, विटामिन बी और अन्य तत्व जैसे जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, मैगनीज एवं मैग्नीशियम आदि प्राप्‍त किया जा सकते हैं। साथ ही इनमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

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फैट के लिए भी तीखी है लाल मिर्च

लाल मिर्च में फैट को जलाने के प्रभाव होते हैं। मिर्च कैप्सेसिन से भरपूर होने के कारण ऑक्सीकरण द्वारा पेट वसा को कम करने में मदद करता है। यह चयापचय को बढ़ाकर शरीर से कैलोरी को जलाने में मदद करती है। ब्रिटेन में हुए एक शोध के अनुसार, लाल मिर्च शरीर में व्याप्त अवांछित कैलोरी जलाने एवं मोटापा घटाने में मददगार साबित होती है। मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन तत्व, मिर्च को गर्मी देकर भूख कम करता है और कैलॉरी को जलाते हुए ऊर्जा की खपत बढ़ा सकता है।

नारियल का तेल

नारियल का तेल मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स से समृद्ध होता है। यह फैटी एसिड शरीर द्वारा जल्‍दी पच जाता है, इस तरह से यह शरीर में जमा नहीं होता, लेकिन शरीर द्वारा ऊर्जा के उत्पादन के उपयोग कर सकते हैं। वजन घटाने के उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए नारियल का तेल खाना पकाने के लिए तेल का एक बेहतरीन विकल्‍प है।

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पेट दर्द है तो इसको लापरवाही ना करें, ये विभिन्न रोगों की ओर इशारा कर सकता है, जरूर पढ़ें

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पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, दायीं तरफ बायीं तरफ या मध्य में दर्द, ये अलग अलग कारणों से होता है, जिनमे गाल ब्लैडर स्टोन, पेप्टिक अलसर, पेनक्रिएटाइटिस, कब्ज, बदहजमी, सीने में जलन, मुंह में खट्टा पानी आना, अपेंडिक्स इत्यादि हैं, लेकिन अक्सर हम पेट दर्द कि सही वजह नहीं जान पाते, आज हम आपको इन कुछ वजहों के बारे में बताएँगे, जिन से आप जान पाएंगे के ये दर्द किस कारण से हो सकता है।

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पेट के उपरी हिस्से में खिंचाव के साथ फूलना

यह समस्या गैस के कारण हो सकती है। ऐसी स्थिति में चाय, कॉफ़ी, मिर्च, तला भुना खाना, खटाई वाली चीजें ना खाएं। नमक कम लें, खाने के साथ पानी ना पियें ।

पेट के दायें हिस्से में दर्द

पेट के दायें हिस्से में लीवर के नीचे गाल ब्लैडर होता है, जो लीवर से निकले हुए पित्त का भण्डारण करता है।  यहाँ पर दर्द गाल ब्लैडर में स्टोन कि वजह के कारण हो सकता है।  ऐसे दर्द में डॉक्टर्स ऑपरेशन कि सलाह ही देते हैं, क्यूंकि उनके पास इस स्टोन को निकालने का कोई भी रास्ता नहीं है, मगर आप आयुर्वेद की मदद द्वारा ये निकाल सकते हैं।

■   माथे के इस पॉइंट को दबाये रखने से आपके साथ क्या होगा यहाँ जानिये 

बदहजमी, सीने में जलन, मुंह में खट्टा पानी आना

इन समस्याओं का कारण एसिडिटी होता हैं। जब हम भोजन करते हैं तो इसको पचाने के लिए लीवर कुछ एसिड का स्त्राव करता है जो भोजन में पचाने में अति सहायक होते हैं। कई बार ये एसिड अधिक मात्रा में बनते है, परिणामस्वरूप सीने में जलन या मुंह में खट्टा पानी आ जाना ऐसे लक्षण प्रतीत होते हैं। ऐसे मरीजो को जिनको मुंह में खट्टा पानी अधिक आता हो उनको रात्रि को गरिष्ठ भोजन नहीं लेना चाहिए, फलों में सेब संतरा केला ज़रूर खाएं। अगर आप को एसिडिटी या हाइपर एसिडिटी हो गयी हो तो आप आधा चम्मच जीरा कच्चा ही चबा चबा कर खा लीजिये, और ऊपर से आधा गिलास साधारण जल पी लीजिये, आपको तुरंत आराम आ जायेगा।

पेट के बीच से पीठ तक होता हुआ दर्द

यह दर्द पेनक्रिएटाइटिस होने की और इशारा करता है।  यह अधिक शराब पीने से होता है।  शराब का नियमित सेवन करने से पैंक्रियास (अग्नाशय) प्रभावित होता है।  इस से बचने के लिए अल्कोहल से दूरी रखें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें।

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पेट के दायें हिस्से में नीचे की ओर दर्द

पेट के दायें हिस्से में नीचे की ओर दर्द अपेंडिक्स कि वजह से हो सकता है। अधिक तला भुना खाने से या आंतो कि अच्छे से सफाई ना होने से आंतो के आखरी हिस्से में मल विषाक्त पदार्थ जमा होते रहने से अपेंडिक्स प्रभावित होती है, और डॉक्टर्स इसको भी काटने की ही राय देते हैं, ऐसे में आप आयुर्वेद कि सहायता से इसका इलाज कर सकते हैं।

पेट दर्द, मल सख्त होने के साथ पेट का साफ़ ना होना

यह कब्ज के लक्षण हैं। अधिक तला भुना, मसालेदार खाना, कोल्ड ड्रिंक्स, अधिक भोजन और तनाव इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में फाइबर वाले भोजन अधिक सेवन करने चाहिए। दही छाछ में अजवायन और जीरा का तड़का लगा कर खाएं।

पेट के बीच में दर्द

पेट के बीच में दर्द अल्सर का संकेत है।  यह बैक्टीरियल इन्फेक्शन या पेन किलर का सेवन करने के कारण होता है। अगर पेप्टिक अल्सर का दर्द हो तो तुरंत आप छाछ या दूध कि लस्सी कर के पियें तो तुरंत आराम मिलेगा।  इसके लिए आप एक चौथाई दूध में तीन चौथाई पानी मिला कर इसको अच्छे से मथ लीजिये तो ये दूध कि लस्सी बन जाएगी।  अल्सर के रोगियों के लिए यह अमृत समान है।

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लोग आपको बौना या ठिंगना बुलाते हैं तो परेशान न हो, आजमाएं ये अचूक और रामबाण उपाय और 1 हफ्ते में बढ़ाएं 1 से 2 इंच तक की हाइट

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आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसकी हाइट सही हो, क्योंकि लोग मानते है कि इससे आपकी पर्सनालिटी में फर्क पडता है। हमारे जीवन में कई ऐसे करियर होते है कि जिसमें लंबाई की खास जरुरत होती है। अगर आप पुलिस, या फिर मॉडलिंग के क्षेत्र में अपना हाथ अजमाना चाहते है तो इसके लिए आपकी हाइट को होना बहुत ही जरुरी होता है।

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अगर आपकी हाइट कम होती है तो लोग आपको जाने कितने नामों से चिढ़ाते है। जो कि आपको बहुत बुरा लगता है। जिसके कारण आप ऐसे उपाय अपनाते है जिससे कि इस समस्या से निजात मिल जाएं।

कुछ लोग तो यह भी सोचते है कि 18 साल की उम्र की बाद आपकी हाइट नहीं बढती है। जबकि यह गलत अवधारणा है। आप अपनी हाइट 18 साल के बाद भी बढ़ा सकते है। अगर आप नियमित रूप से व्यायाम, पौष्टिक भोजन आदि करने से आपकी हाइट में बढोत्तरी होगी।

हमारे शरीर की लंबाई बढ़ाने का सबसे बड़ा योगदान होता है ह्यूमन ग्रोथ हॉरमोन । यह पिट्यूटरी ग्लैण्ड से निकलता है जिससे हमारी हाइट बढ़ती है। सही प्रोटीन और न्यूटिशन न मिलने के कारण शरीर का विकास होना बंद या कम हो जाता है और अगर आप शरीर का सही विकास करना चाहते हैं तो खान-पान का पूरा ध्यान रखना शुरु कर दें।

आजकल कोल्ड ड्रिंक्स पीना फैशन बन गया है, लेकिन यह सेहत के लिहाज से सही नहीं है। बर्गर, नूडल्स, पिज्जा खाने से भी हाइट नहीं बढ़ती। दूध, दही, पनीर, मक्खन, दालें खाने से हाइट बढ़ती है। प्रोटीन दूध, दही, में खूब होता है। विटामिन, मिनरल्स के लिए फल खाए, जूस, हरी सब्जी, दालें आदि का सेवन करें। जानिए इन घरेलू उपायों के बारें में।

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मिनरल

हमारे शरीर के लिए मिनरल भी बहुत जरुरी है। इससे हमारे शरीर में मौजूद हड्डियों के ऊतकों का निर्माण होता है। साथ ही यह हड्डी के विकास और रक्त के प्रवाह को सही रखता है। साथ ही लंबाई बढाने में भी सहायक है। इसके लिए आप रोज पालक, हरी बीन्स, फलियां, ब्रोकोली, गोभी, कद्दू, गाजर, दाल, मूंगफली, केले, अंगूर और आडू खाएं।

कैल्शियम

कैल्शियम शरीर के लिए सबसे जरुरी तत्व हैं। इससे हमारे शरीर में मौजूद हड्डियों को मजबूत करता है। साथ ही आपकी लंबाई बढाने के लिए अति आवश्यक तत्व है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप अपनी दिनचर्या में दूध, चीज़, दही आदि शामिल कर सकते है।

विटामिन-डी

आमतौर पर हमारे शरीर के लिए सभी विटामिन्स की जरूरत होती है, लेकिन हाइट बढाने के लिए सबसे ज्यादा जरुरत विटामिन डी की होती है। हमारे शरीर मं मौजूद कैल्शियम को हड्डी में अवशोषित तथा इनका विकास करने के लिए सबसे बड़ी भूमिका विटामिन डी की होती है। शरीर में इसकी जरुरत को पूरी करने के लिए अधिक मात्रा में दाल, सोया मिल्कर, सोया बीन, मशरूम और बादाम आदि लें।

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प्रोटीन

प्रोटीन हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं को ठीक करता है। यह हमारे शरीर के लिए हेल्दी होता है। इससे हमारे हाइट भी बढती है। इसका मुख्य कारण है। अगर आप अपनी हाइट बढानी चाहते है तो अपने दिनयर्या में दूध, चीज़, बींस, मूगंफली, दालें आदि शामिल करें। ये हेल्दी होने के साथ-साथ आपकी हाइट में ग्रोथ करेगे।

विटामिन-ए

विटामिन डी के साथ-साथ हमे विटामिन ए की सभी आवश्यकता होती है। इससे हमारा शरीर ठीक ढंग से काम करता है। विटामिन ए के लिए पालक, चुकदंर, गाजर, दूध, टमाटर आदि के साथ सब्जियों के जूस का भी सेवन करें। इससे हड्डियां मजबूत होने के साथ-साथ हाइट भी बढ़ेगी।

इसके आलावा आप छोटी-छोटी आदते बदलकर जसे कि सुबह जल्दी जगना और जल्दी सोना, रोज एक्सरसाइज, योगा करना. ठीक ढंग से डाइट लेना आदि। इससे आप आसानी से अपनी हाइट बढ़ा सकते है। जिसके बाद आपको लोग कभी छोटा या फिर बौना नहीं कहेगे।

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ल्युकोडर्मा चमडी का भयावह रोग है,जो रोगी की शक्ल सूरत प्रभावित कर शारीरिक के बजाय मानसिक कष्ट ज्यादा देता है। इसे ही श्वेत कुष्ठ कहते हैं। इस रोग में चमडे में रंजक पदार्थ जिसे पिग्मेन्ट मेलानिन कहते हैं,की कमी हो जाती है। चमडी को प्राकृतिक रंग प्रदान करने वाले इस पिग्मेन्ट की कमी से सफ़ेद दाग पैदा होता है। यह चर्म विकृति पुरुषों की बजाय स्त्रियों में ज्यादा देखने में आती है। ल्युकोडर्मा के दाग हाथ, गर्दन, पीठ और कलाई पर विशेष तौर पर पाये जाते हैं। अभी तक इस रोग की मुख्य वजह का पता नहीं चल पाया है। लेकिन चिकित्सा के विद्वानों ने इस रोग के कारणों का अनुमान लगाया है। पेट के रोग, लिवर का ठीक से काम नहीं करना, दिमागी चिंता , छोटी और बडी आंत  में कीडे होना, टायफ़ाईड बुखार, शरीर में पसीना होने के सिस्टम में खराबी होने आदि कारणों से यह रोग पैदा हो सकता है। शरीर का कोई भाग जल जाने और आनुवांशिक करणों से यह रोग पीढी दर पीढी चलता रहता है। इस रोग को नियंत्रित करने और चमडी के स्वाभाविक रंग को पुन: लौटाने हेतु कुछ घरेलू नुस्खे बेहद कारगर साबित हुए हैं। आइये जानते हैं-

■   क्या आपकी लम्बाई कम है? क्या आपको लम्बाई बढ़ानी है? तो यह पोस्ट आपके काम की है।

सिर्फ 7 दिन में सफ़ेद दाग (श्वेत कुष्ठ) खत्म होगी : दिवान हकीम परमानन्द जी के द्वारा अनभूत प्रयोग

आवश्यक सामग्री

25 ग्राम देशी कीकर (बबूल) के सूखे पते
25 ग्राम पान की सुपारी (बड़े आकार की)
25 ग्राम काबली हरड का छिलका

बनाने की विधि

उपरोक्त तीन वस्तुएँ लेकर दवा बनाये। कही से देशी कीकर (काटे वाला पेड़ जिसमे पीले फुल लगते है ) के ताजे पत्ते (डंठल रहित ) लाकर छाया में सुखाले कुछ घंटो में पत्ते सूख जायेगे बबूल के इन सूखे पत्तो को काम में ले पान वाली सुपारी बढिया ले इसका पाउडर  बना ले कबाली हरड को भी जौ कुट कर ले और इन सभी चीजो को यानि बबूल , सुपारी , काबली हरड का छिलका (बड़ी हरड) सभी को 25-25 ग्राम की अनुपात में ले कुल योग 75 ग्राम और 500 मिली पानी में उबाले पानी जब 125 मिली बचे तब उतर कर ठंडा होने दे और छान कर पी ले ये दवा एक दिन छोड़ कर दूसरे दिन पीनी है अर्थात मान लीजिये आज आप ने दवा ली तो कल नहीं लेनी है और इस काढ़े में 2 चम्मच खांड या मिश्री मिला ले (10 ग्राम) और ये निहार मुह सुबह –सुबह पी ले और 2 घंटे तक कुछ भी खाना नहीं है दवा के प्रभाव से शरीर शुद्धि हो और उलटी या दस्त आने लगे परन्तु दवा बन्द नहीं करे 14 दीन में सिर्फ 7 दिन लेनी है और फिर  दवा बन्द कर दे कुछ महीने में धीरे धीरे त्वचा काली होने लगेगी हकीम साहब का दावा है की ये साल भर में सिर्फ एक बार ही लेने से रोग निर्मूल (ख़त्म) हो जाता है अगर कुछ रह जाये तो दूसरे साल ये प्रयोग एक बार और कर ले नहीं तो दुबारा इसकी जरूरत नहीं पडती।

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पूरक उपचार

एक निम्बू, एक अनार और एक सेब तीनो का अलग – अलग ताजा रस निकालने के बाद अच्छी तरह परस्पर मिलाकर रोजाना सुबह शाम या दिन में किसी भी समय एक बार नियम पूर्वक ले। यह फलो का ताजा रस कम से कम दवा सेवन के प्रयोग आगे 2-3 महीने तक जारी रख सके तो अधिक लाभदायक रहेगा।

औषधियों की प्रयोग विधि :

दवा के सेवन काल के 14 दिनों में मक्खन घी दूध अधिक लेना हितकर है क्योकि दवा खुश्क है।
चौदह दिन दवा लेने के बाद कोई विशेष परहेज पालन की जरुरत नहीं है श्वेत कुष्ठ के दूसरे इलाजो में कठिन परहेज पालन होती है परन्तु इस इलाज में नातो सफेद चीजो का परहेज है और ना खटाई आदि का फिर भी आप मछली मांस अंडा नशीले पदार्थ शराब तम्बाकू आदि और अधिक मिर्च मसाले तेल खटाई आदि का परहेज पालन कर सके तो अच्छा रहेगा।

दवा सेवन के 14 दिनों में कभी –कभी उलटी या दस्त आदि हो सकता है इससे घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसे शारीरिक शुध्धी के द्वारा आरोग्य प्राप्त होनेका संकेत समझना चाहिए।

रोग दूर होने के संकेत हकीम साहब के अनुसार दवा के सेवन के लगभग 3 महीने बाद सफेद दागो के बीच तिल की तरह काले भूरे या गुलाबी धब्धे ( तील की तरह धब्बे ) के रूप में चमड़ी में रंग परिवर्तन दिखाई देगा और साल भर में धीरे –धीरे सफेद दाग या निशान नष्ट हो कर त्वचा पहले जैसी अपने स्वभाविक रंग में आ जाएगी फिर भी यदि कुछ कसर रह जाये तो एक साल बीत जाने के बाद दवा की सात खुराके इसी तरह दुबारा ले सकते है।

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दिवान हकीम साहब का दावा है की उपर्युक्त इलाज से उनके 146 श्वेत कुष्ठ के रोगियों में से 142 रोगी पूर्णत : ठीक अथवा लाभान्वित हुये है कुछ सम्पूर्ण शरीर में सफेद दाग के रोगी भी ठीक हुये है निर्लोभी परोपकारी दीवान हकीम परमानन्द जी की अनुमति से बिस्तार से यह अनमोल योग मानव सेवा भावना के साथ जनजन तक पहुचा रहा हूँ इस आशा और उदात भावना के साथ की पाठक निश्वार्थ भावना से तथा बिना किसी लोभ के जनजन तक जरुर पहुचाये।

*नोट : ऊपर दिए गए लक्षण सामान्य बीमारी के भी हो सकते हैं इसलिए घबराएं नहीं, धैर्य से काम लें और अपने नजदीकी चिकित्सक से अवश्य परामर्श कर लें।

स्रोत : “स्वदेशी चिकित्सा के चमत्कार लेख दीवान हकीम परमानन्द नई दिल्ली द्वारा अनभूत प्रयोग। अपने नजदीकी कुशल वैद्य या चिकित्सक की सलाह अवश्य ले तथा उनकी देख रेख में कोई कदम उठाएं।”

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पीसकर दवा लेना होता है खतरनाक, जा सकती है जान, जरूर पढ़ें और शेयर करें

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कई बार मरीज जब टैबलेट या कैप्सूल लेने में दिक्कत महसूस करते हैं तो उसे पीस लेते हैं या कैप्सूल खोलकर उसके दाने या पाउडर किसी अन्य चीज में मिलाकर ले लेते हैं। ऎसा करना गलत है क्योंकि कई दवाएं धीरे-धीरे घुलकर शरीर के उस हिस्से पर असर छोड़ती हैं, जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

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जो दवाएं तुरंत असर के लिए होती हैं, वे पेट में जाकर फौरन घुल जाती हैं और रक्त में मिलकर काम शुरू कर देती हैं। जबकि एस्प्रिन और ओमेप्राजोल जैसी दवाओं में विशेष एसिड रेजिस्टेंस कोटिंग होती है। ये पेट से होकर गुजरती जरूर हैं लेकिन घुलती छोटी आंत में हैं। इन दवाओं को तोड़ने पर इनकी कोटिंग नष्ट होने से ये बेअसर हो जाती हैं।

ध्यान रहें ये बातें मेनोपॉज के बाद ओस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए दी जाने वाली दवाओं को अगर चबाया या चूसा जाए तो ये भोजन नली को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए जरूरी है कि दवाओं को जिस रूप में और जिस समय पर डॉक्टर ने आपको लेने के लिए कहा है, उन्हें उसी निर्देशानुसार लें। बेस्वाद या कड़वी लगने की सोच के चक्कर में दवाओं का प्रभाव नष्ट न करें।

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गर्म पानी पीने के फायदे औषधीय गुण -Khali Pet Garam Pani Peene Ke Fayde

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गर्म पानी के फायदे

आयुर्वेद की विशेषता है कि इसमें सामान्य से सामान्य दिखने वाली चीजों के औषधीय गुणों को भी पहचाना गया है। पानी की दुर्लभ औषधीय क्षमता ऋषि-मुनियों की सूक्ष्म दृष्टि से अछूती नहीं रही है। गर्म पानी  में भी अनेकों ऐसे औषधीय गुण हैं, जिन्हें बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं आयुर्वेद में बताए गए गरम पानी के खास गुण व इसे पीने से होने वाले फायदों के बारे में …

गरम पानी एक दवा है
कैसे पियें गरम पानी
उष्णेदक पानी पीने के लाभ
गरम पानी से होने वाले कुछ बेहद खास फायदे
कब नहीं पीएं गरम पानी
उबला पानी पीने की उचित विधि
विशेष
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गरम पानी एक दवा है-

पानी भी एक दवा है। यह कई रोगों को दूर करने का काम करता है। इसीलिए सुबह खाली पेट गरम पानी पीना शरीर के लिए लाभदायक होता है।

garam pani ke fayde warm water benefits in hindi

कैसे पियें गरम पानी

How To Drink Warm Water In Hindi

जब उबलते हुए पानी में झाग आना बंद हो जाए, पानी आधा बचे और साफ हो जाए तो ऐसे पानी को आयुर्वेद की भाषा में उष्णेदक  कहा जाता है। यह पानी आयुर्वेद के अनुसार शुद्ध माना जाता है और इसे ठंडा करके या हल्का गुनगुना पीने से अनेक लाभ होते हैं।

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उष्णेदक पानी पीने के लाभ

Health Benefits Of Warm Water In Hindi

  • उबालकर ठंडा किए गए पानी को पीने से दूर होने वाले रोग- गैस्ट्रिक समस्या, बवासीर, क्षयरोग, पेट के रोग, सूजन, भूख न लगना, जुकाम आदि समस्या दूर होती है।
  • यह कफ से संबंधित अनेक बीमारियों का नाश करता है।
  • अपच, आफरा , सिरदर्द आदि बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  • खांसी, दमा व अन्य समस्याएं भी दूर होती हैं।

khasi ka ilaj cough treatment

  • गैस्ट्रिक प्रॉब्लम वाले लोगों को ठंडे की जगह गरम पानी पीना चाहिए।
  • गरम पानी पीने से भूख तेज लगती है।
  • खाने के बाद गुनगुना पानी पीने से मोटापा कम हो जाता है।
■   पेट फूलने की समस्या हो या फिर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की, पेट को साफ़ करना हो या फिर एसिडिटी मिटाने की, सुबह उठकर पिए सिर्फ़ 1 गिलास

चलिए अब इसी के साथ जानते हैं-

गर्म पानी से होने वाले कुछ बेहद खास फायदे

Benefits Of Drinking Warm Water In Hindi

1. दमकती त्वचा पाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Skin)

किसी भी तरह की त्वचा संबंधी समस्या हो या फिर चेहरे पर नैचरल ग्लो लाना हो, गरम पानी इसका सही उपाय है। रोज सुबह-सुबह गर्म पानी  पीना शुरू कर दें। थोड़े ही दिनों में आपकी स्किन ग्लो करने लगेगी और बाकी स्किन प्रॉब्लम्स भी दूर हो जाएंगी।

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2. भूख बढ़ाए (Warm Water Increases Hunger)

जिन लोगों को भूख न लगने  की प्रॉब्लम हो, उन्हें एक ग्लास गरम पानी में काली मिर्च, नमक और नींबू का रस डालकर पीना चाहिए। इससे भूख बढ़ जाती है।

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3. मुंहासे हटाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Acne)

मुंहासों की समस्या लड़कियों में ही नहीं बल्कि आजकल लड़कों में भी देखी जा सकती है। इससे बचने के लिए खाली पेट सुबह गरम पानी पिएं। इससे पिंपल्स से भी छुटकारा मिल जाएगा।

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jhaiyan hatane ke upay tips to remove acne and pimple

4. ब्लड सर्कुलेशन (Warm Water For Blood Circulation)

खून की गति यानी ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में गरम पानी बेहद फायदेमंद होता है। ब्लड सर्कुलेशन  के ठीक रहने से इंसान हर तरह की बीमारियों से बचा रहता है। इसलिए आप गरम पानी पिएं। यह पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है।

पाचनशक्ति-digestion

5. रिंकल्स हटाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Wrinkles)

उल्टा-सीधा खाना खाने से शरीर के अंदर विषैले पदार्थ जम जाते हैं, जो शरीर को अंदर से कमजोर कर देते हैं। इंसान जल्दी बूढ़ा लगने लगता है। इस समस्या को रोकने के लिए सुबह गरम पानी पिएं। यह आपकी त्वचा की झुर्रियों को कम करता है, साथ ही पेट भी साफ रखता है।

beautiful glowing skin

6. वजन कम करने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Weight Loss)

अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो गरम पानी पीना शुरू कर दें। ये आपको बिना व्यायाम के भी फिट रखेगा। बस रोज सुबह उठकर खाली पेट गरम पानी पिएं। गर्म पानी शरीर से अतिरिक्त चर्बी को घटा देता है और आपका शरीर को स्लिम होने में मदद है।

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7. जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Joint Pain)

गरम पानी जोड़ों को चिकना बनाता है और जोड़ों का दर्द भी कम करता है। हमारी मांसपेशियों का 80 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है इसलिए गरम पानी पीने से मांसपेशियों की ऐंठन  भी दूर होती है।

joint pain jodon ke dard ka ilaj

8. नाक और गले की तकलीफ से राहत पाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग (Warm Water For Throat Problems)

अगर नाक और गले में दिक्कत हो तो सांस लेने व कुछ खाने में बड़ी परेशानी होती है। खराश और खांसी भी बड़ी समस्या होती है। इन सभी रोगों से बचने और आराम पाने के लिए गरम पानी से गरारा करें और गरम पानी पिएं।

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9. बॉडी करे डिटॉक्स करने के लिए गरम पानी का प्रयोग (Warm Water For Detoxification)

गरम पानी पीने से बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है और यह शरीर की सारी अशुद्धियां को बहुत आसानी से साफ कर देता है। गरम पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ने लग जाता है, जिससे पसीना आता है और इसके माध्यम से शरीर की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।

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10. बालों को सुधारे (Warm Water For Hair)

इसके अलावा गरम पानी का सेवन बालों और त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इससे बाल चमकदार बनते हैं और यह इनकी ग्रोथ के लिए भी काफी फायदेमंद है।

बालों को काला balon ko kala karne ka nuskha in hindi

11. थकावट रखें दूर (Warm Water For Fatigue)

अगर आपको हमेशा थकावट होती है या कोई भी काम करने के बाद आप थक जाते है तो आपको डेली अपने सुबह की शुरुआत गरम पानी के साथ करनी चाहिए, क्योकि इससे रक्त परिसंचरण बढ़ता है और स्टैमिना बढ़ता है।

 

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12. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए गरम पानी का प्रयोग (Warm Water For Constipation)

अगर आपको कब्ज की तकलीफ है और यह बीमारी बहुत पुरानी है तो भी आप प्रतिदिन सुबह खली पेट गरम पानी पीना शुरू कर दें कुछ दिनों में आपको राहत महसूस होने लगेगा।

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कब नहीं पीएं गर्म पानी

When Not To Drink Warm Water

बुखार में, शरीर में जलन होने पर, चक्कर , दस्त आदि समस्याओं में गरम पानी वर्जित है। गर्मी के मौसम में गरम पानी नहीं पीना चाहिए।

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■  रात को सोने का सही तरीका

उबला पानी पीने की उचित विधि

Correct Way Of Drinking Warm Water

सुबह बिस्तर से उठते ही बिना मुंह धोए चार बड़े गिलास पानी पीना चाहिए। अगर चार गिलास न पी पाएं तो कम से कम एक-दो गिलास तो जरूर पीएं। यदि सुबह पिए जाने वाले पानी को रातभर तांबे के बर्तन में रखा जाए तो वह पेट के लिए बहुत लाभदायक होता है।

विशेष

पानी को उबालते हुए जब उसका चौथाई हिस्सा जल जाए और तीन भाग पानी बच जाए तो ऐसे पानी को पीने से अधिक लाभ होता है। गरम पानी हमारे शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त व कफ का नाश करता है। जिस पानी में ईंट के टुकड़े को आग में गरम करके बुझाया गया हो, वह पानी पीने से कई बीमारियां खत्म हो जाती हैं।

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गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज – Garbhashay Bachchedani Mein Sujan

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गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज

कई बार महिलाओं की Uterus-बच्चेदानी में सूजन आ जाती है । बदलते वातावरण या मौसम का प्रभाव गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है जिससे प्रभावित होने पे महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है।  इसके प्रभाव से भूख नही लगती है।  सर-दर्द-हल्का बुखार या कमर-दर्द-और पेट दर्द की समस्या रहती है। garbhashay bachchedani mein sujan ka ilaj aur gharelu nuskhe

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गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का कारण 

Garbhashay Bachchedani Mein Sujan Ka Karan

  • प्रसव के दौरान सावधानी न बरतने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
  • पेट की मांसपेशियों में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण तथा व्यायाम न करने के कारण या फिर अधिक सख्त व्यायाम करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
  • भूख से अधिक भोजन सेवन करने के कारण स्त्री के गर्भाशय में सूजन आ जाती है तथा अधिक तंग कपड़े पहनने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।

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  • पेट में गैस तथा कब्ज बनने के कारण गर्भाशय में सूजन हो जाती है।
  • जरुरत से जादा अधिक सहवास करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
  • औषधियों का अधिक सेवन करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है। garbhashay bachchedani mein sujan ka karan
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गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज

Garbhashay Bachchedani Mein Sujan Ka Ilaj In Hindi

  • रेवन्दचीनी को 15 ग्राम की मात्रा में पीसकर आधा-आधा ग्राम पानी से दिन में तीन बार लेना चाहिए। इससे गर्भाशय की सूजन मिट जाती है।
  • गर्भाशय में सूजन से पीड़ित महिला को चटपटे मसालों-मिर्च-तली हुई चीजें और मिठाई से परहेज रखना चाहिए। garbhashay bachchedani mein sujan mein parhej 
■   सीने(छाती) और पीठ के अनचाहे बालों को हटाने के घरेलू उपाय
  • गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज चिरायते के काढ़े से यो*नि को धोएं और चिरायता को पानी में पीसकर पेडू़ और यो*नि पर इसका लेप करें।  इससे सर्दी की वजह से होने वाली गर्भाशय की सूजन नष्ट हो जाती है।
  • पीड़ित स्त्री को दो तीन बार अपने पैर कम से कम एक घंटे के लिए एक फुट ऊपर उठाकर लेटना चाहिए और आराम करना चाहिए।
  • कासनी की जड़, गुलबनफ्सा और वरियादी 6-6 ग्राम की मात्रा में, गावजवां और तुख्म कसुम 5-5 ग्राम, तथा मुनक्का 6 या 7 को एक साथ बारीक पीसकर उन्हें 250 ग्राम पानी के साथ सुबह-शाम को छानकर पिला देते हैं यह उपयोग नियमित रूप से आठ-दस दिनों तक करना चाहिए। इससे गर्भाशय में सूजन रक्त*स्राव, श्लैष्मिक स्राव(बलगम, पीव) आदि में पर्याप्त लाभ मिलता है।

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  • गर्भाशय में सूजन हो जाने पर महिला रोगी को चार-पांच दिनों तक फलों का जूस पीकर उपवास करना चाहिए।  उसके बाद बिना पका हुआ संतुलित आहार लेना चाहिए। garbhashay bachchedani mein sujan mein phalon ka ras ke fayde
  • garbhashay bachchedani mein sujan arandi se एरण्ड(अंडी) के पत्तों का रस छानकर रूई भिगोकर गर्भाशय के मुंह पर तीन-चार दिनों तक रखने से गर्भाशय में सूजन मिट जाती है।
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  • गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज निर्गुण्डी को किसी भी प्रकार के बाहरी भीतरी सूजन के लिए इसका उपयोग किया जाता है । यह औषधि वेदना शामक और मज्जा तंतुओं को शक्ति देने वाली है । वैसे आयुर्वेद में सूजन उतारने वाली और भी कई औषधियों का वर्णन आता है।  पर निर्गुण्डी इन सब में अग्रणी है और सर्वसुलभ भी-नीम,(निर्गुन्डी) सम्भालु के पत्ते और सोंठ सभी का काढ़ा बनाकर जननांग में लगाने से सूजन ख़त्म हो जाती है।

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  • garbhashay bachchedani mein sujan अरंड के पत्तों का रस छानकर रुई में भिगोकर जन*नांग में लगाने से भी सूजन ख़त्म हो जाती है।
  • अशोक की छाल 120 ग्राम, वरजटा, काली सारिवा, लाल चन्दन, दारूहल्दी, मंजीठ प्रत्येक को 100-100 ग्राम मात्रा, छोटी इलायची के दाने और चन्द्रपुटी प्रवाल भस्म 50-50 ग्राम, सहस्त्रपुटी अभ्रक भस्म 40 ग्राम, वंग भस्म और लौह भस्म 30-30 ग्राम तथा मकरध्वज गंधक जारित 10 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी औषधियों को कूटछानकर चूर्ण तैयार कर लेते हैं फिर इसमें क्रमश: खिरेंटी, सेमल की छाल तथा गूलर की छाल के काढ़े में 3-3 दिन खरल करके 1-1 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लेते हैं।  फिर इसे एक या दो गोली की मात्रा में मिश्रीयुक्त गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। इसे लगभग एक महीने तक सेवन कराने से स्त्रियों के अनेक रोगों में लाभ मिलता है। इससे गर्भाशय में सूजन जलन, रक्तप्रदर, माहवारी के विभिन्न विकार या प्रसव के बाद होने वाली दुर्बलता इससे नष्ट हो जाती है। गर्भाशय बच्चेदानी में सूजन का इलाज
  • बादाम रोगन एक चम्मच, शरबत बनफ्सा तीन चम्मच और खांड पानी में मिलाकर सुबह पीयें तथा बादाम रोगन का एक रुई का फोया जननांग के मुह पर रखें इससे गर्मी के कारण गर्भाशय में सूजन ठीक हो जाती है। garmi ke karan garbhashay bachchedani mein sujan ka ilaj
■   रोज सुबह खाली पेट 2 बादाम खाने से जड़ से खत्म हो जाते है यह 50 रोग

पसलियों में दर्द होने का कारण और लक्षण, ये सरल और अचूक उपाय दिलाएंगे पसलियों के दर्द से मिनटों में छुटकारा

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आज-कल आम शिकायत सुनने और देखने को मिल रही है । यह दर्द पसलियों का होता है जो छींक या खाँसी आने पर और बढ़ जाता है। अगर पसलियों के ऊपर झटका लगा तो ऐसा लगता है कि जान निकल गई। यह दर्द सामने की ओर ज्यादा होता है।

■   इन वजहों से होता है कमर दर्द, इसको जड़ से ख़त्म करने का सबसे आसान घरेलु उपाय

वेसे ये बीमारी खून में विटामिन “डी” की मात्रा कम होने से भी पसलियों व छाती दर्द में होता है।

क्यों होता है ये दर्द

आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को कढ़ी रायता-आइसक्रीम व दही-बड़े के सेवन करने से छाती में दर्द उभर आता है। इसका कारण छाती की मांसपेशियां का ठंडी चीज़ों के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता है।

वैसे यह खतरनाक रोग नहीं है लेकिन दर्द शुरू होने पर रोगी को अपार कष्ट का सामना करना पड़ता है| फेफड़ों में कफ जाने से या फेफड़ों में सर्दी का प्रकोप होने से वायु का उभार तेज हो जाता है और सांस की गति गड़बड़ा जाती है| वायु बार-बार पसलियों से टकराती हैं तथा कफ उसके निकलने के मार्ग को रोकता है। यही पसलियों का दर्द है।

जो व्यक्ति अधिक ठंडी चीजों तथा फ्रिज में रखे पानी का इस्तेमाल हर समय करता है। उसकी पसलियों में दर्द की शिकायत अक्सर होने लगती है|

■   कटे हुए प्याज का अगले दिन इस्तेमाल आपकी जान भी ले सकता हैं, आज ही बताए घर की औरतों को!!

यह रोग बच्चों को अधिक होता है, क्योंकि उनके नाजुक शरीर को ठंड बड़ी जल्दी लगती है| मौसम में अचानक बदलने तथा धूप में काम करने के बाद बर्फ वाला पानी पी लेने से भी फेफड़ों को ठंड लग जाती है| यही ठंड पसलियों की पीड़ा के रूप में परिवर्तित हो जाती है। पसलियों में वायु का प्रकोप- बर्फ-ठंडा पानी-लौकी-तरबूज-खीरा-सेब- नारंगी-संतरा-केला एवं अनार मात्रा में खाने तथा बासी और ठंडा दूध अधिक मात्रा में पीने से पसलियों में दर्द होने लगता है।

यदि आप बिना मलाई वाले दूध का सेवन प्रतिदिन करते हैं तो पसलियो की इस बीमारी और छाती दर्द से कोसों दूर रहेंगे। प्रोटीन युक्त संतुलित भोजन व विटामिन से भरपूर सलाद लगभग तीन सौ ग्राम नित्य लेना भी आपको पसलियों के दर्द से निजात दिलाता है।

लक्षण क्या है

रोगी का हाथ बार-बार पसलियों पर जाता है तथा उसकी सांस धौंकनी की तरह चलने लगती है। भूख-प्यास बिलकुल नहीं लगती और हाथ-पैर ढीले पड़ जाते हैं । कभी-कभी बुखार भी आ जाता है । बेचैनी बढ़ जाती है । उठते-बैठते, लेटते अथवा करवट लेते – किसी भी प्रकार चैन नहीं मिलता और यदि बच्चा है तो वह बार-बार उठकर भागता है। माथे पर पसीना-गले में खुश्की तथा शरीर की हरकत बढ़ जाती है।

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घरेलू उपाय

  • कालीमिर्च 6 ग्राम-लौंग 3 ग्राम- हल्दी 6 ग्राम एवं सेंधा नमक 4 ग्राम – सबको पीसकर एक गिलास पानी में उबालें और जब पानी आधा कप रह जाए तो सहता-सहता पिएं।
  • तारपीन के सफेद तेल में थोड़ा-सा कपूर  मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद पसलियों पे हलके हाथो से मालिश करे तथा सीने तथा पसलियों पर शुद्ध शहद का लेप लगाएं।
  • गाय के घी में जायफल घिसकर पसलियों पर तीन-चार बार लेप करें। रीठे के काले बीजों को पानी में घिसकर छाती पर लेप करें।
  • ताज़ी चौलाई को पीसकर उसका रस निकाल लें फिर उसे सरसों के तेल में मिलाकर छाती तथा पसलियों पर मलें नाक के नथुनों एवं माथे पर भी इस तेल का लेप करे।
  • अदरक की गांठ छीलकर उसमें नमक लगा लें। फिर इसे रोगी को चूसने के लिए दें या फिर पानी में पुदीना की पांच पत्तियां तथा पांच कालीमिर्च डालकर चाय बनाकर पिएं।
  • अदरक, तुलसी तथा कालीमिर्च का काढ़ा बनाकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • लहसुन की कली को भूनकर चूर्ण के रूप में शहद के साथ चाटें।
  • गाय के सींग को पानी में घिसकर चंदन की तरह बच्चे या बड़े की पसलियों पर मलें या फिर गाय या नीलगाय के सींग का भस्म 4-4 रत्ती सुबह-शाम शहद के साथ चाटें । पसलियों का दर्द गायब हो जाएगा।
  • सरसों के तेल में जरा-सा कपूर तथा एक चुटकी नमक मिलाकर गरम करके सहता-सहता मलें या सरसों के तेल में तारपीन का तेल मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद रोगी की पसलियों पर मालिश करनी चाहिए।
  • पीपल के पत्तों को जलाकर इसका चौथाई चम्मच भस्म शहद के साथ चाटने से पसलियों में गरमी भरने लगती है।

*नोट : ऊपर दिए गए लक्षण सामान्य बीमारी के भी हो सकते हैं इसलिए घबराएं नहीं, धैर्य से काम लें और अपने नजदीकी चिकित्सक से अवश्य परामर्श कर लें।

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