पाचन और मेटाबॉलिज्म को रखना है दुरुस्त, तो 10 मिनट में करें ये 3 व्यायाम

7
1541
पाचन शक्ति बढ़ाने के योग yoga for digestion In Hindi

पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए योग | योग पेट के लिए

अगर आपका पाचन यानि डाइजेशन ठीक हो, तो आधी से ज्यादा बीमारियों का खतरा ऐसे ही टल जाता है। पाचन अगर अच्छा हो तो आप जो भी आहार खाते हैं उसमें मौजूद सभी तत्व आपके शरीर को मिलते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। पाचन की खराबी के कारण कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं जैसे- पेट में गैस, कब्ज, फूड प्वायजनिंग, दस्त आदि। लंबे समय तक पाचन की समस्या होने पर लिवर, किडनी और आंतों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं क्योंकि ये सभी अंग पेट से जुड़े होते हैं। पाचन शक्ति बढ़ाने के योग

आइये जानें पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए टिप्‍स, पाचनतंत्र के लिए योग, पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय और देसी घरेलू नुस्खे, natural home remedies tips for good digestion in Hindi, पाचन क्रिया बढाने के उपाय, पेट के रोगों के लिए योग।
■   ख़राब पाचन शक्ति ठीक करने के 5 आसान घरेलू उपाय और देसी नुस्खे

अच्छे पाचन के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। रोजाना 10 मिनट निकालकर अगर आप ये 3 एक्सरसाइज कर लेते हैं, तो आपका पाचन हमेशा अच्छा रहेगा और शरीर स्वस्थ रहेगा।

पाचन शक्ति बढ़ाने के योग

Yoga Asana To Improve Digestive System In Hindi

1. पवनमुक्तासन (Pavanmuktasana For Digestion)

पवनमुक्‍तासन अपने नाम के अनुरूप है यानी यह पेट से गैस आदि की समस्‍या को दूर करता है। जिनको पेट में गैस की समस्‍या होती है उन्‍हें पवनमुक्‍तासन करना चाहिये। इस योग की क्रिया द्वारा शरीर से दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। शरीर में स्थित पवन (वायु) यह आसन करने से मुक्त होता है। इसलिए इसे पवनमुक्तासन कहा जाता है। इस योग से गैस्ट्रिक, पेट की खराबी में लाभ मिलता है। पेट की बढ़ी हुई चर्बी के लिए भी यह बहुत ही फायदेमंद आसन है। कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग, गठिया में भी यह आसन लाभकारी है। स्त्रियों के लिए गर्भाशय सम्बन्धी रोग में पावनमुक्तासन काफी फायदेमंद है। इस आसन से मेरूदंड और कमर के नीचे के हिस्से में मौजूद तनाव दूर होता है।

■   ये हरी पत्तियाँ किडनी की सफ़ाई से लेकर पाचन शक्ति, हड्डियाँ मज़बूत, ह्रदय, अनिद्रा आदि में किसी वरदान से कम नही, सिर्फ़ 1 महीने में 1 बार ऐसे करे उपयोग

कैसे करें पवनमुक्तासन

इस आसन को करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जायें। फिर सांस भर लीजिए। अब किसी भी एक पैर को घुटने से मोडि़ये, दोनों हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलाकर उसके द्वारा मोड़े हुए घुटनों को पकड़कर पेट के साथ लगा दें। फिर सिर को ऊपर उठाकर मोड़े हुए घुटनों पर नाक लगाएं। दूसरा पैर जमीन पर सीधा रखें। इस क्रिया के दौरान श्वांस रोककर कुम्भक चालू रखें। सिर और मोड़ा हुआ पैर भूमि पर पहले की तरह रखने के बाद ही रेचक करें। दोनों पैरों को बारी-बारी से मोड़कर यह क्रिया करें। दोनों पैर एक साथ मोड़कर भी यह आसन किया जा सकता है।
जिन लोगों को कमर दर्द की शिकायत हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। हार्निया से प्रभावित लोगों को भी स्वस्थ होने के बाद ही यह योग करना चाहिए। स्त्रियों को मासिक के समय यह योग नहीं करना चाहिए।

■   पाचन समस्‍याओं को रोकने से लेकर स्‍वस्‍थ गर्भावस्‍था तक, अपनी सभी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को छोड़ दें इस स्‍टार्च पर

हेल्थ से जुड़ी सारी जानकारियां जानने के लिए तुरंत हमारी एप्प इंस्टॉल करें और अपडेट करें अपना हेल्थ है। हमारी एप को इंस्टॉल करने के लिए नीले रंग के लिंक पर क्लिक करें –

http://bit.ly/ayurvedamapp

2. हलासन (Halasana For Digestion)

इस आसन को करने से पाचन तंत्र और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है और पाचन तंत्र ठीक रहता है। इस आसन में शरीर का आकार हल जैसा बनता है। इससे इसे हलासन कहते हैं। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे हमारी रीढ़ सदा जवान बनी रहती है। साथ ही यह आसन थायराइड ग्रंथि, पैराथायराइड ग्रंथि, फेफड़ों और पेट के अंगों को उत्तेजित करता है जिससे रक्त का प्रवाह सिर और चेहरों की और तेज हो जाता है। इससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है और हार्मोंन का स्तर नियंत्रण में रहता है। भावनात्मक संतुलन और तनाव निवारण के लिये यह आसन बेहद फायदेमंद होता है।

कैसे करें हलासन

इस आसन को करने के लिए पीठ के बल भूमि पर लेट जाए। आपके एड़ी-पंजे मिले होने चाहिए। अब हाथों की हथेलियों को भूमि पर रखकर कोहनियों को कमर से सटाए रखें। अब श्वास को सुविधानुसार बाहर निकाल दें। फिर दोनों पैरों को एक-दूसरे से सटाते हुए पहले 60 फिर 90 डिग्री के कोण तक एक साथ धीरे-धीरे भूमि से ऊपर उठाते जाएं। लेटने वाली मुद्रा में वापस लौटने के लिए पैरों को वापस लाते हुए सांस लें। एकदम से नीचे न आएं।

3. सेतुबंधासन (Setubandhasana For Digestion)

सेतुबंधासन रक्‍तचाप नियंत्रित करने, मानसिक शान्ति देने और पाचनतंत्र को ठीक रखने में मदद करता है। गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन मासिक धर्म में आने वाली समस्‍याओं से भी निजात दिलाता है। सेतुबंध आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है। इसे करने से पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आंतों में खिंचाव महसूस होती है। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी खुलकर लगती है।

■   शरीर की पाचन प्रणाली को मजबूत करने का प्रभावी तरीका

कैसे करें सेतुबंधासन

इस आसन को करने के लिए चटाई के बल सीधे लेट जाएं। अब सांस छोड़ते हुए पैरों के बल ऊपर की ओर उठें। अपने शरीर को इस तरह उठाएं कि आपकी गर्दन और सर फर्श पर ही रहे और शरीर का बाकी हिस्सा हवा में। ज्‍यादा सहारा पाने के लिए आप अपने हाथों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर आपमें लचीलापन है तो अतिरिक्त स्ट्रेचिंग के लिए आप अपनी उंगलियों को ऊपर उठी पीठ के पीछे भी ले जा सकते हैं। लेकिन अगर आपकी गर्दन या पीठ में चोट लगी हो तो इस आसन को न करें।

   सुबह खाली पेट गुड़ खाने से जड़ से खत्म हो जाते है ये 10 रोग

Leave a Reply