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साल में अगर एक महीना सुबह ये उपाय कर लिया तो जीवन में कभी नहीं होगी हार्ट अटैक से मृत्यु

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हार्ट अटैक – लक्षण, कारण और इलाज

कोई भी व्यक्ति हार्ट अटैक से नही मरेगा, इसे देखने के बाद – Reason and Remedy of Heart Blockage

90 प्रतिशत लोगों के साथ होता है, उनको पता ही नहीं चलता के उनको हार्ट की समस्या है. साल में अगर एक महिना सुबह एक समय ये कर लेंगे तो कभी नहीं होगी हार्ट अटैक से मृत्यु

जब दिल तक खून पहुंचने में कोई दिक्कत होती है, तब दिल का दौरा पड़ने की आशंका रहती है। हार्ट अटैक ‌_ Heart Attack जैसी दिल की बीमारी का इलाज समय पर करवाना चाहिए नहीं तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।

हार्ट अटैक का इलाज मँहगा होता है, जिस वजह से आम आदमी इसके खर्चे आसानी से नहीं उठा सकता है। इसलिए ऐसी परिस्थिति में इस दिल की बीमारी का जानलेवा होना लाज़मी है। आपको पता होना चाहिए कि दिल का दौरा पड़ने पर बचाव के लिए क्या उपाय होते हैं? हार्ट अटैक के लिए भी घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय मौजूद हैं, जिनसे इसका इलाज संभव है।

आइये जानें हार्ट अटैक होने के कारण, हार्ट अटैक से बचने के उपाय, हार्ट अटैक क्या है, हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय, महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, हार्ट अटैक से कैसे बचें, दिल का दौरा के उपचार, दिल का दौरा के लक्षण।

हार्ट अटैक के लक्षण – Heart Attack Ke Lakshan In Hindi

सांस फूलना
– ज़्यादा पसीना बहना
– सीने में दर्द या जलन होना
– जी मिचलाना और उल्टी आना
– सिर चकराना और बेहोशी
– घबराहट महसूस होना
– पेट में दर्द होना

हार्ट अटैक के कारण – Heart Attack Ka Karan In Hindi

– हाई ब्लडप्रेशर
– हाई कोलेस्ट्रॉल
– मोटापा
– शरीर से काम न लेना
डायबिटीज
– अनुवांशिक कारण

एलोपैथिक उपचार के लिए डॉक्टर एंजिओप्लास्टी करते हैं। जिसमें ऑपरेशन करके खराब ब्लड वेसल की मरम्मत की जाती है या बंद कोरोनरी आटरी को खोला जाता है। दिल सम्बंधित समस्याओं के लिए हार्ट बाइपास सर्जरी की जाती है। जिसका औसतन खर्चा 5 लाख के लगभग होता है।

हार्ट बाइपास सर्जरी में बंद ब्लड वेसल में स्टेंट डाल देते हैं, जो एक तरह की स्प्रिंग होती है। लेकिन इसके बाद भी हार्ट अटैक से बचने की कोई गारंटी नहीं रहती है। लेकिन हार्ट अटैक के लिए आयुर्वेदिक उपचार किया जाए तो लम्बे समय तक आराम मिलता है।

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज

Heart Attack Ka Ilaj In Hindi

योग, आयुर्वेद और घरेलू नुस्खे की सहायता से बिना एंजियोप्लास्टी के लगभग 80% हार्ट अटैक की संभावना को टाला जाता है। इन तरीकों से दिल की दूसरी बीमारियां भी कम हो जाती हैं। दिल का दौरा रोकने के लिए आयुर्वेद में प्रभावी उपायों का उल्लेख किया गया है।

हार्ट ब्लॉकेज खोलने के लिए चिकनाई से पैदा होने वाले एसिड को खत्म किया जाता है, जिससे दिल की बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती हैं। दिल का बीमारियां एसिडिटी के कारण होती हैं। एसिडिटी जो पेट से जुड़ी समस्या है, जब यह अधिक बढ़ जाती है तो यह एसिड खून में मिल जाता है। जिससे ब्लड एसिडिटी हो जाती है।

जब यह एसिडिक ब्लड रक्त वाहिनियों में आगे नहीं बह पाता है, तब ब्लॉकेज की समस्या हो जाती है, जिससे हार्ट अटैक पड़ता है।

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए ब्लड एसिडिटी को क्षारीय वस्तुएं खाने की सलाह दी जाती है। क्षारीय खाद्य वस्तुएं खाने से खून की अम्लता घट जाती है और ब्लॉकेज खुल जाता है।

– लौकी एक क्षारीय सब्ज़ी है। लौकी सब्ज़ी, लौकी का रस या कच्ची लौकी खाने से रक्त की अम्लता कम होती है। कड़वी या कसैली लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए।

तुलसी की पत्ती में भी क्षारीय गुण होते हैं, जिसे लौकी के जूस में मिलाकर पिया जा सकता है।

– लौकी और तुलसी के साथ-साथ पुदीना भी क्षारीय गुणों से युक्त है। आप लौकी के जूस में तुलसी और पुदीना मिलाकर अधिक लाभ ले सकते हैं। स्वाद के लिए सेंधा नमक डालकर पीने से कोई हानि नहीं है।

दोस्तों हार्ट अटैक क्या है, हार्ट अटैक का इलाज, हार्ट अटैक होने के कारण, हार्ट अटैक से कैसे बचें का ये लेख कैसा लगा हमें जरूर बताएं और अगर आपके पास heart attack ka desi ilaj aur ayurvedic gharelu nuskhe in hindi के सुझाव है तो हमारे साथ शेयर करें।

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