गेंदा बाग-बगीचो, घर-आँगन और रास्तो के किनारे बहुतायत में उगता हुआ देखा जा सकता हैं. भारत के ज़्यादातर राज्यों में इसके फूलों के लिए इसकी खेती की जाती हैं. कहा जाता हैं की देवी-देवतों को गेंदे के फूलो से काफ़ी लगाव हैं. गेंदे का साइंटिफिक नाम Tagetes हैं. गेंदे के फूल, पत्तिया आदि अनेक हर्बल नुस्खे के तौर पर उपयोग की जाती हैं.
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आप गेंदे के फूल को गहरे रंग के चमकीले फूलों के रूप में जानते होगें। लेकिन क्या आपको इसमें मौजूद विभिन्न औषधीय गुणों की उपयोगिता के बारे में जानकारी है। बहुत सारे लोग इस बात से अनजान है कि गेंदे का फूल कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहां खूबसूरत फूल के स्वास्थ्य लाभों में से कुछ की जानकारी दी गई है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।
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कैंसर से करता है बचाव
जर्नल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गेंदे के फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण यह कैंसर से लड़ने में सहायता प्रदान करता है। साथ ही इसमें कैंसर को रोकने की भी क्षमता होती है। शोधकर्ताओं ने स्तन कैंसर के ट्यूमर के लिए गेंदे के फूल से निकले एंटीऑक्सीडेंट ल्यूटेन के प्रभाव की जांच की। अध्ययन के परिणामों से पता चला कि ल्यूटेन से न केवल स्तन ट्यूमर को कम किया जा सकता है, बल्कि यह नए कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में भी प्रभावकारी होता है।
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झुर्रियों को घटाते हैं
बढती उम्र के साथ आंखों के आस-पास नज़र आने वाली झुर्रियां व फाइन लाइन्स को दूर भगाने में गेंदे के फूल बहुत लाभदायक रहे हैं। गेंदे के फूलों में मौजूद फाइटोकोंस्टिट्यूएंट्स, एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करते हैं तथा ऊतकों के पुनर्जनन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन झुर्रियों से निजात पाने में गेंदे का तेल आपकी मदद करेगा।
सिर के फोड़े-फुंसियो में आराम
जिन्हे सिर में फोड़े-फुंसिया और घाव हो जाए, उन्हे मैदे के साथ गेंदे की पत्तिया और फुलो का रस को मिला कर हफ्ते में 2 बार सिर पर लगाना चाहिए. इससे आराम मिल जाता हैं.
मुंहासों के इलाज में मददगार
मृत त्वचा कोशिकाओं के कारण या ऑपन पोर्स में जमने वाले तेल के कारण आपके चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं। किशोरावस्था में अपना कदम रख चुके लड़के-लड़कियों को भी मुंहासों की समस्या सताती है। मुंहासों के स्थान पर जलन या दर्द महसूस होना स्वाभाविक है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप गेंदे के फूलों से बनने वाले उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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दमा और खाँसी दूर होती हैं
सूखे हुए गेंदे के फूल को मिश्री के साथ खाने से दमा और खाँसी में काफ़ी आराम मिलता हैं.
तैलीय त्वचा को साफ रखे
गेंदे का फूल ऑयली त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऑयली त्वचा से बचने के लिए कुछ ताजा फूलों को गर्म पानी में उबालकर इसे त्वचा पर लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इसे पानी से साफ कर लें। इस उपाय को दिन में कम से कम एक बार अपनी त्वचा पर जरूर लगाये। इसके अलावा गेंदे के फूलों से बने तेल से चेहरे की मालिश करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। नियमित रुप से गेंदे के तेल का उपयोग चेहरे के रंग को निखारने में मदद करता है तथा त्वचा की चमक को बरकरार रखता है।
तालू चिकने होते हैं
गेंदा के पत्तो को मोम में गर्म करके ठंडा होने पर पैरों की बिवाई पर लगाने से आराम मिलता हैं. इससे तालू चिकने हो जाते हैं.
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योनि संक्रमण में फायदेमंद
गेंदे के फूल से योनि संक्रमण को भी दूर किया जा सकता है। समस्या होने पर फूल की पंखुड़ी को थोड़े से पानी में अच्छे से उबाल कर बाथटब के पानी में मिला लें। बाथटब में मिला यह पानी योनि संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा यह मूत्राश्य के संक्रमण और बावसीर को ठीक करने में भी मदद करता है।
बवासीर में आराम
बवासीर के रोगियो को अगर गेंदे के पत्तियो का रस, काली मिर्च और नमक का घोल पिलाया जाए तो उन्हे आराम मिल जाता हैं.
अल्सर का इलाज
मुंह और पेट के दर्दनाक अल्सर के इलाज के लिए साफ पानी के साथ गेंदे का अर्क पीना काफी कारगर होता है। गेंदे का अर्क लसीका प्रणाली को प्रोत्साहित करता है, जिससे वह अल्सर की समस्या को योगदान देने वाले विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर कर सूजन को कम करने में मदद करता है।
अर्थराइटिस के दर्द से छुटकारा दिलाये
अर्थराइटिस के इलाज के लिए गेंदे के अर्क या तेल का उपयोग करना बहुत ही आम बात है। गेंदे के फूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते है, इन गुणों की मौजूदगी के कारण यह जोड़ों में दर्द और अर्थराइटिस से राहत प्रदान करता है।
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पुरुषो का spermatorrhea ठीक होता हैं
जिन पुरुषो को spermatorrhea (पेशाब या शौच करते समय वीर्य निकल जाने की शिकायत) हो, उन्हे गेंदा के फूलों का रस पीना चाहिए.
सूजन मिटती हैं
गेंदे के फूल की पंखुड़ियो को इकट्ठा करके पीस लिया जाए और शरीर के सूजन वाले हिस्सो पर लगाया जाए , तो सूजन मिट जाती हैं.
तेजी से भरे घाव
मैरीगोल्ड जल्दी घावों को भरने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है। गेंदे के फूल के अर्क मामूली जलने, कटने और त्वचा में जलन से जल्दी राहत प्रदान करता हैं। ब्राजील में हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, गेंदे के फूल में त्वचा के नए ऊतकों और नए रक्त वाहिकाओं के विकास को बढ़ावा देने की क्षमता होती है। जिससे प्राकृतिक रूप से घाव को तेजी से भरने में मदद मिलती है।
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कई बीमारियों से बचाता है
गेंदे के फूल में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है, यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। इसलिए गेंदे के फूल से बने अर्क का सेवन हृदय रोग, कैंसर और स्ट्रोक को रोकने में सहायक होता है। इसलिए अगर आप इस तरह की बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं, तो इस सुंदर फूल का इस्तेमाल करें।
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गेंदे के फूलों को इस्तेमाल करने के घरेलू तरीके
सबसे पहले आप एक कप उबलते पानी में गेंदे की कुछ पंखडियां डालें और फिर गैस को बंद करके बर्तन को ढंक दें। जब पानी ठंडा हो जाए, उसे छानकर अपनी त्वचा पर लगाएं। आप चाहे तो इस पानी को बोतल में डालकर रेर्फिजरेटर में रख सकते हैं तथा आवश्यकता अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।
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अन्य तरीका
इसके अलावा, आप एक कांच की शीशी में जैतून के तेल के साथ गेंदे की कुछ सूखी पंखडियों को डालकर, इसे 10 दिनों के लिए धूप में रखें। अब इस तेल को छानकर, इस्तेमाल के लिए फिर से कांच की शीशी में डालकर रखें। इस तेल का इस्तेमाल लगभग एक साल के लिए किया जा सकता है।
सावधान
आमतौर पर गेंदे के फूलों से बने उत्पादों से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन गर्भावस्था में व स्तनपान के दौरान इसके इस्तेमाल की जानकारी अस्पष्ट है, अतः ऐसी अवस्था में इसके इस्तेमाल से बचें। अगर आपको एस्टोरेसीआई परिवार की डेजी, गुलदाउदी व रागविद जैसी अन्य जड़ी बूटियों से एलर्जी है तो आपको गेंदे के फूलों से भी एलर्जी होने की संभावना है।