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बदन दर्द,हाथ/पैर जोड़ों में दर्द | चक्कर आना, कमजोरी | आँखों की कमजोरी,किल/मुहांसे,दाग धब्बे सब गायब

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रोज सादा दूध पीने के बजाय अगर दूध में आधा चम्मच सौंफ डालकर पिएं तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। दरअसल दूध और सौंफ इन दोनों में ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो कई बीमारियों से बचाते हैं। एम पी बिड़ला हॉस्पिटल की डायटीशिन डॉ. प्रिया गुप्ता बता रही हैं रोज दूध में सौंफ मिलाकर पीने के 10 फायदे।

कैसे बनाएं सौंफ वाला दूध?

एक गिलास दूध में आधा चम्मच सौंफ मिलाकर दूध को उबाल लें। इसे छलनी से छान कर पिएं। इससे सौंफ का अर्क दूध में उतर जाएगा।

सौंफ वाला दूध पीने के फायदे 

इसमें कैल्सियम होता है इससे हँड़िया मजबूत होती है और जोड़ो के दर्द से भी बचाव होता है।

इससे बॉडी का मेटाबोलिज्म बढ़ता है. यह ड्रिंक वजन कंट्रोल करता है और मोटापे से बचाता है।

इस ड्रिंक में एंटी बैक्टीरियल प्रोपर्टीज होती है. इससे पिम्पल्स ठीक होते है और चेहरे की चमक बदती है।

इसमें एस्पार्टिक एसिड होता है. इससे कब्ज, एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम दूर होती है और डाईजेशन ठीक रहता है।

इससे आंखे हेल्दी रहती है। यह मोतियाबिंद जैसी आँखों की प्रॉब्लम से बचाता है।

इससे कोलेस्ट्रोल का लेवल बलेंस रहता है और हार्ट की बीमारियों से बचाता है।

इससे बॉडी के टाक्सिनस दूर होते है और यूरिन इन्फेक्शन से बचाता है।

इस ड्रिंक में पोटेशियम की मात्र ज्यादा होती है। इससे ब्लड प्रेसर कंट्रोल रहता है।

इसमें आयरन होता है, यह एनीमिया यानि खुन की कमी से बचाता है।

सौंफ के लाभ

आंखों के लिए फायदेमंद

सौंफ का सेवन आंखों की रोशनी को बढ़ाता है। प्रतिदिन भोजन के बाद 1 चम्मच सौंफ खाएं या फिर आधा चम्मच सौंफ का चूर्ण एक चम्मच मिश्री के साथ मिलाकर रात को सोते दूध के साथ लें। सौंफ का चूर्ण दूध के स्थान पर पानी के साथ भी लिया जा सकता है।

खांसी को ठीक करे

10 ग्राम सौंफ के अर्क को शहद में मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करने से खांसी ठीक होती है। या फिर 1 चम्मच सौंफ और 2 चम्मच अजवाइन को आधा लीटर पानी में उबाल लें और फिर इसमें 2 चम्मच शहद मिलाकर छान लें। इस काढ़े की 3 चम्मच को 1-1 घंटे के अन्तर पर पीने से खांसी में लाभ मिलता है।

बच्चों की समस्याएं दूर होंगी

छोटे बच्चे अक्सर पाचन समस्या से परेशान रहते हैं। बच्चों के पेट के रोगों के लिए दो चम्मच सौंफ के चूर्ण को दो कप पानी में अच्छी तरह उबाल लें। एक चौथाई रह जाने पर इस पानी को छानकर ठंडा कर लें। इसे एक-एक चम्मच दिन में दो से तीन बार पिलाने से बच्चों में पेट का दूध पलटना, मरोड़ आदि शिकायतें दूर होती हैं।

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त्रिदोष नाशक

शायद ही कोई व्यक्ति हो जो ‘सौंफ’ से परिचित न हो। सौंफ को मसालों की रानी भी कहा जाता है। आमतौर पर सौंफ छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है और दोनों ही खूशबूदार होती है। सौंफ का उपयोग अचार और सब्जियों को टेस्टी और खूशबूदार बनाने के अलावा औषधी के रूप में भी बहुत अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोष नाशक होने के साथ ही बुद्धिवर्धक और रूचिवर्धक भी है। इस नन्हीं सी सौंफ में ऐसे कई गुण हैं जो अनेक बीमारियों का नाश कर सकते हैं…

पाचन शक्ति

100 ग्राम सौंफ को तवे पर भूनकर पीस लें। इसमें इतनी ही मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें। भोजन के बाद इसका 2 चम्मच सुबह शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति ठीक रहती है। आप चाहें तो एक कप पानी में आधा चम्मच सौंफ के चूर्ण और 5 बड़ी इलाइची डालकर उबालें, आधा रहने पर छान लें और इसमें दूध मिलाकर उबालें। इस दूध का सेवन बच्चे/बड़े सभी कर सकते हैं। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट को लाभ होता है।

पेट से जुड़ी तकलीफ

पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो नींबू के रस में मिलाकर भींगी हुई सौंफ को भोजन के बाद खाने से तकलीफ दूर हो जाती है। इसके अलावा सौंफ को घी में भूनकर पीस लें, उसमें थोड़ी चीनी मिला दें। इस चूर्ण को सुबह शाम खाने से लूज मोशन ठीक हो जाते हैं। तवे पर भूनी सौंफ 2-2 चम्मच दिन में 1 से 4 बार लें। इससे भी पेट से जुड़ी तकलीफ दूर हो जाती है।

 पतले दस्त

बच्चों को पानी में सौंफ उबालकर पिलाने से पतले दस्त आना बंद हो जाता है। छोटे बच्चों को किसी भी रूप में सौंफ, सौंफ का अर्क, सौंफ को उबालकर पानी देने से कोई हानि नहीं होती अपितु बच्चा स्वस्थ रहता है और उसकी कमजोरी दूर होती है।

नींद

कुछ लोगों को कई कारणों से नींद नहीं आती। ऐसी स्थिति में सौंफ का काढ़ा बनाकर दूध या शहद मिलाकर पीने से नींद आने लगती है। रात्रि को खाने के बाद और सोने से पहले सौंफ की चाय पीने से खाना भी हजम होता है और नींद अच्छी आती है।

मुख के छाले

मुंह के छालों से परेशान हैं तो पानी में सौंफ उबालें, जब पानी आधा रह जाए तब उसमें भूनी हुई फिटकरी की छोटी सी डली डालें। इस पानी से दिन में दो तीन बार गरारे करने से मुख के छाले ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा अगर सांस की बदबू से परेशान हैं तो भोजन करने के बाद थोड़ी सी सौंफ खाएं।

आंखों की रोशनी

अगर आपको भी आंखों की कमजोर रोशनी की वजह से चश्मा लग गया है तो 20 ग्राम सौंफ को बारीक पीसकर उसके बराबर मिश्री या खांड मिलाकर रात को गाय के दूध के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। सौंफ को हल्का-हल्का कूटकर ऊपर के छिलके उतारकर छान लें, उसके भीतर की भींगी निकालकर एक चम्मच सुबह सेवन करें और शाम को दो बार ठंडे पानी या गर्म दूध के साथ फांकी लें। इसके सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है और मस्तिष्क के रोग नहीं होते।

खांसी-जुकाम, गले की खराश

खांसी-जुकाम, गले की खराश के लिए एक चम्मच सौंफ को मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से गले की खराश में आराम मिलता है। सौंफ के अर्क में गुलबनक्शे का शर्बत मिलाकर पीने से ऐसिडिटी का शमन होता है और समाप्त हुई भूख जागृत होती है।

स्मरण शक्ति बढ़ाए

अगर आप इस बात से परेशान हैं कि आपको कोई बात याद नहीं रहती तो स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए सौंफ का सेवन करें। इसके लिए सौंफ और मिश्री का समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना कर रख लें। खाने के बाद इस मिश्रण के दो चम्मच सुबह शाम सेवन करने से स्मरणशक्ति तेज होती है।

कब्ज की शिकायत नहीं होगी

सौंफ के नियमित सेवन से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। इसके लिए सौंफ को मिश्री के साथ पीसकर चूर्ण बना लें और लगभग 5 ग्राम चूर्ण को सोते समय गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट की सभी समस्या दूरी होगी।

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