Home Home Remedies वात पित्त कफ की बिमारियां जड़ से मिटाए | राजीव दीक्षित जी

वात पित्त कफ की बिमारियां जड़ से मिटाए | राजीव दीक्षित जी

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neck pain

चूना सबसे बेहतरीन वात नाशक औषधि है। चुने के बारे में वाग्भट्ट जी ने बहुत ज्यादा रिसर्च की है और वो ये कहते हैं की भगवान की दी हुई प्रचंड मात्रा में ऐसी चीज है जो आपके वात के सब रोगों को दूर करती है। शरीर में कैल्शियम एक घटक है जिसकी मौजूदगी में ही शरीर के अन्य घातक सही से काम कर सकते हैं। कैल्शियम की कमी होने पर नहीं बीमारी आपको हो सकती है कमर दर्द, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द आदि।

आपकी हड्डियों का कमजोर होना उठते बैठते समय दर्द का होना| मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होना| बहुत जल्द ही थकान होना| कमजोर दांत, कमजोर नाखून, झुकी हुई कमर, बालों का टूटना या झड़ना कैल्शियम की कमी के लक्षण है| नींद ना आना, डर लगना और दिमागी टेंशन रहना कैल्शिीयम की कमी से ही होता है शरीर का सुन्न हो जाना हाथ पैरो में झुनझुनी आना| याददाश्त कमजोर होना और अधिक डिप्रेशन में रहना| ये सब दिक्कतें कैल्शियम की कमी से ही होती है।

45 की उम्र वाले लोगों को मैं यह बताना चाहूंगा की की उम्र से पहले तो वो जो भी खाते हैं उससे उनके शरीर को कलियम मिल जाता है। अब कैल्शियम किन चीजों में होता है – सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है दूध में उसके बाद दही में फिर मट्ठे में फिर मक्खन में। फलों में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है केले में इसलिए इसका सेवन जरूर करना चाहिए और ये पच भी आसानी से जाता है। इसके बाद फलों में संतरा , मुसम्मी, अंगूर खट्टे फलों में होता है।

45 साल की उम्र तक कैल्शियम की पूर्ती आपके खाने से हो जाती है तब तक आपके अन्य चीजें भी बिलकुल सही से काम कर रही होती है आपकी जठराग्नि भी सही से काम कर रही होती है। लेकिन इसके बाद आपको कैल्शियम बाहर से लेना पड़ता है और इसके लिए आप चुना का प्रयोग कीजिये। माताओं और बहनों को ख़ास बताना चाहता हूँ की जब आपके मेनस्ट्रॉल साइकिल बंद होती है उसके बाद आपके कैल्शियम कम हजम होना शुरू हो जाता है।कैल्शियम को हजम करने वाला हार्मोन तभी तक है तब तक आपका मासिक चक्र है। मासिक चक्र बंद होते हैं ये हॉर्मोन कम हो जाता है। कैल्शियम डाइजेस्ट हो पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

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तो शायद इसलिए इस देश में एक परंपरा विकसित हुई पान खाने की । यह परंपरा बहुत अद्भुत है और वैज्ञानिक भी। पान खाना भारतीय सभ्यता का बहुत बड़ा अंग है जो स्वास्थ्य से जुडा हुआ है बस ध्यान ये देना है की पान चुने का ही खाना है। पान कभी भी कत्थे वाला न खाये क्योंकि कत्था आपके लिए उतना उपयोगी नहीं है। कत्था आप स्वाद के लिए उपयोग करते हैं और चुना औषधि के लिए।

इसके बाद वाग्भट्ट जी एक अन्य औषधि के बारे में बताते हैं वो भी महत्व की है वो है दालचीनी। दालचीनी वायु के रोगों के प्रकोप को कम करती है। वायु के रोग कौन से है – दमा, अस्थमा इनको ठीक करने में बड़ी मदद करता है दालचीनी। दालचीनी इनको तो ख़तम करेगा ही कफ के रोगों को भी ख़तम करता है कफ के रोग कौन से है खासी है सर्दी है जुखां है मोटापा है वजन बढ़ना है इन सब में भी फायदेमंद है दालचीनी। दालचीनी आसानी से मिल जाएगी किन्तु उपयोग करने में ध्यान इसका पाउडर उपयोग करे वो ज्यादा फायदेमंद है। अगर आप इसके उपयोग कर रहे हैं गुड़ के साथ खाइये इसको खूब रगडिये घिसिये और मिलाके फिर खाइये और उसके बाद हल्का गुनगुना पानी पी लीजिये शरीर के 50 से भी अधिक रोगों को सही कर देगा। अगर आप इसका सेवन शहद के साथ कर रहे हैं तो पहले शहद के साथ इसके मर्दन कीजिये माने इसे मिनट कसके रगडिये तब सेवन कीजिये और हल्का गुनगुना पानी पी लीजिये बहुत ही फायदेमंद रहेगा।

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