नींद से जुड़ी सभी बीमारियों में रामबाण है ये घरेलु नुस्खे, एक बार आजमाते ही मिलेगा लाभ

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शरीर को आराम देने और फिर से ऊर्जावान बनाने के लिए नींद बहुत जरूरी है। ये जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नींद सेहत की कुंजी है। यदि आप 6 से 8 घंटे रोजाना रात की नींद पूरी करते हैं तो दिनभर तरोताजा रहते हैं और दिमाग भी तेज दौड़ता है। लेकिन आज की जीवनशैली में लोगों को नींद ना आने की समस्याे हो गई है।

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क्या कहते हैं आंकड़े

रिसर्च के मुताबिक, 93 फीसदी लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते। जबकि 72 फीसदी लोग नींद से बीच में ही उठ जाते हैं। वहीं 57 फीसदी लोगों का काम नींद की वजह से काफी प्रभावित होता है। अक्सर देखा गया है कि लोग नींद से जुड़ी बीमारियों को नजरअंदाज कर देते हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

अगर आपको फिट रहना है तो नींद से जुड़ी बीमारियों और उसके घरेलू इलाज के बारे में पता होना चाहिए। आज हम आपको नींद से जुड़ी बीमारियां और उनके देसी इलाज के बारे में बताएंगे।

नींद से जुड़ी बीमारियां

नींद ना आने की समस्या यानी या तो व्यक्ति को नींद ही नहीं आती या फिर उसके सोने की शक्ति खत्म हो जाती है। अनिद्रा; जैट लैग, तनाव, एंजाइटी, हार्मोंस में बदलाव और पाचन संबंधी समस्याओं के कारण हो सकती है।

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अनिद्रा

इन्सोमनिया यानी नींद ना आने की समस्या सेहत और लाइफ के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ये कुछ और कारणों जैसे- डिप्रेशन, वजन बढ़ने, चिड़चिड़पन, काम पर फोकस ना करने के कारण भी हो जाता है। महिलाओं और वयस्क- पुरुषों में अनिद्रा की समस्याक काफी अधिक देखी गई है।

सोने के दौरान सांस लेने में समस्या

इस बीमारी में व्यक्ति को नींद में सांस लेने में दिक्कत होती है। इस डिस्ऑइर्डर में स्लीप एपनिया कॉमन प्रॉब्लम है।

पैरासोम्नि या यानी नींद में बढ़बढ़ाना

पैरासोम्नि या एक नींद की बीमारी है जिसमें व्याक्ति कई असामान्य मोमेंट करता है और सोते हुए उसका व्यवहार एकदम बदल जाता है। पैरासोम्नि्या में नींद में बोलने के अलावा, नींद में चलना, बिस्तर गीला करना, कराहना, बुरे सपने देखना, दांत पीसने, बेचैनी से पैर मारना। ऐसा माना जाता है कि नींद में बेचैनी से पैर मारना पर्किंसन रोग के कारण हो सकता है.

हाइपरसोमनियास

ये बीमारी नींद से जुड़ी बीमारियों का समूह है जिसमें व्यक्ति को बहुत ज्या्दा नींद आती है। हाइपरसोमनियास में व्य़क्ति को इतनी ज्या्दा नींद आती है कि वो ड्राइव करते हुए कब सो जाएगा उसको पता भी नहीं चलेगा।

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नार्कोलेप्सी्

नार्कोलेप्सी नींद से जुड़ी ऐसी समस्या है जिसमें मरीज कभी भी और कहीं भी अचानक थकान महसूस करता है और बिना संकेत के अचानक सो जाता है। इस बीमारी में निद्रा पक्षाघात यानी स्लीैप पैरालिसिस हो जाता है। व्यक्ति उठने के बाद कहीं भी चलने-फिरने लायक नहीं रहता। ये बीमारी कई न्यूिरोलॉजिकल डिस्ऑ‍र्डर्स जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस के कारण भी होती है।

नींद से जुड़ी बीमारियों का देसी इलाज

सर्पगंधा, अश्वगंधा और भांग तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर इसको पीसकर चूर्ण बनाकर रात में सोते वक्त 3-5 ग्राम मात्रा में पानी के साथ चूर्ण लें.

नींद से जुड़ी बीमारियों का देसी इलाज

अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, शतावरी, मुलहटी, आंवला, जटामासी, खुरासानी, अजवायन इन सबको लगभग 50-50 ग्राम लेकर चूर्ण बनाकर रात को सोने से 5 ग्राम चूर्ण दूध के लें.— सोने से पहले चाय, कॉफी का सेवन करने से बचें. —- रात को सोने से पहले सरसों का तेल तलवों में लगाकर सोएं.

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नींद से जुड़ी बीमारियों का देसी इलाज

रात को सोते हुए हल्का संगीत सुनें. — पैरों को अच्छे से धोकर मसाज करके सोएं. —- अपनी मनपसंद मुद्रा में सोएं. —- योगा और मेडिटेशन को दिनचर्या में शामिल करें, नींद से जुड़ी हर समस्या होगी दूर.

नींद से जुड़ी बीमारियां दूर करेंगे ये सप्लीएमेंट्स

200 मिलीग्राम मैग्निशयम और 600 मिग्रा. कैल्शियम स्लिपिंग बूस्टर्स हैं. साथ ही ये दिल को भी सेहतमंद रखते हैं. —- वाइल्डद लेटिस सप्लीमेंट को रात को बिस्तर में जाने से पहले 30 से 120 मिग्रा. तक ले सकते हैं.

नींद से जुड़ी बीमारियां दूर करेंगे ये सप्लीोमेंट्स

बीयर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले होप को 30 से 120 मिग्रा. बेड पर जाने से पहले लें. — लेवेंडर फिल्ड पिलो, स्प्रेप या एरोमाथेरेपी लेकर भी नींद की समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं.—- ग्रीन टी में पाया जाने वाला लीथेन नामक एमिनो एसिड बेड पर जाने से पहले 50 से 200 मिग्रा. तक लेना चाहिए.

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